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दूर करें भ्रम: एक बार से ज्यादा कोविड संक्रमण…पुन: संक्रमण, जान लें तीन बड़े सवालों के जवाब

अमर उजाला रिसर्च डेस्क, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 15 Feb 2022 06:05 AM IST

सार

हमारे आसपास कई ऐसे लोग होंगे जो कोविड से एक से ज्यादा बार संक्रमित हो चुके हैं। जाहिर है, ऐसे मामले देखकर मन में यह सवाल उठते होंगे कि फिर से संक्रमित हुए तो क्या होगा, क्या संक्रमण हल्का होगा, क्या यह आम बात है और क्या इससे कोविड के खिलाफ हमारी रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ेगी। इन तीन बड़े सवालों का जवाब दे रहे हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकार और ईस्ट एंग्लिया मेडिसिन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पॉल हंटर।

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लोगों में आम धारणा यही है कि इस तरह की संक्रामक बीमारियों की चपेट में एक बार आ जाएं, तो फिर से इन बीमारियों का डर नहीं रहता। हंटर कहते हैं कि लोगों की यह धारणा कोविड महामारी के शुरुआती दिनों में ही धराशायी हो गई। जब होंगकोंग में एक 33 वर्षीय शख्स महज 142 दिन के अंतराल में कोविड से दो बार संक्रमित हुआ। हालांकि दूसरी बार का संक्रमण मोटे तौर पर ओमिक्रॉन वैरिएंट से जुड़ा है। इस तरह मामले बढ़ने की कई वजह हैं।

इस वजह से आते हैं पुनः संक्रमण की चपेट में 
जवाब सीधा है। रोग प्रतिरोधक क्षमता संक्रमण को रोक नहीं पाती, तो हम फिर से संक्रमित हो जाते हैं। असल में ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट इस तरह से बने हैं कि हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता इन्हें पहचान ही नहीं पाती। कई विशेषज्ञ बूस्टर डोज की सलाह देते हैं। हालांकि, इसका असर आजमाइश के बाद ही पता चल सकता है।

हल्का रहता है दोबारा संक्रमण
टीका लगवा चुके लोगों में प्राथमिक संक्रमण आम तौर पर टीका नहीं लेने वाले लोगों की तुलना में कम गंभीर होता है। यही कारण है कि टीका लगवाने वाले लोगों के संक्रमित होने के बाद उनके अस्पताल में भर्ती होने की दर कम है। हालांकि, सह-बीमारी के मामलों में यह लागू नहीं होता और फिर से होने वाला संक्रमण जानलेवा हो सकता है।

फिर से संक्रमण आम
ब्रिटेन ने कोविड से पुनः संक्रमण का डेटा प्रकाशित करना शुरू किया है। ब्रिटेन फिर से कोविड संक्रमितों में उन लोगों को शामिल करता है, जो 90 दिन के भीतर दोबारा संक्रमण की चपेट में आ जाएं। 6 फरवरी, 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक इंग्लैंड में कुल 1.45 करोड़ लोग कोविड से संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 6,20,000 फिर से संक्रमण की चपेट में आए हैं। पहले संक्रमित होने वाले 24 लोगों में से एक पुनः संक्रमण की चपेट में आया है। इसके अलावा फिर से संक्रमण के कुल मामलों में 50 फीसदी से ज्यादा एक दिसंबर, 2021 के बाद दर्ज हुए हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
पहले हुआ कोविड संक्रमण ओमिक्रॉन से किसी व्यक्ति को उतनी ही सुरक्षा देता है, जितनी उसे टीके की दो खुराक लेने के बाद मिलती है। यह अनुमान लगाना गलत नहीं होगा कि फिर से होने वाले संक्रमण से रोग प्रतिरोधी क्षमता बेहतर होती है।

विस्तार

लोगों में आम धारणा यही है कि इस तरह की संक्रामक बीमारियों की चपेट में एक बार आ जाएं, तो फिर से इन बीमारियों का डर नहीं रहता। हंटर कहते हैं कि लोगों की यह धारणा कोविड महामारी के शुरुआती दिनों में ही धराशायी हो गई। जब होंगकोंग में एक 33 वर्षीय शख्स महज 142 दिन के अंतराल में कोविड से दो बार संक्रमित हुआ। हालांकि दूसरी बार का संक्रमण मोटे तौर पर ओमिक्रॉन वैरिएंट से जुड़ा है। इस तरह मामले बढ़ने की कई वजह हैं।

इस वजह से आते हैं पुनः संक्रमण की चपेट में 

जवाब सीधा है। रोग प्रतिरोधक क्षमता संक्रमण को रोक नहीं पाती, तो हम फिर से संक्रमित हो जाते हैं। असल में ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट इस तरह से बने हैं कि हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता इन्हें पहचान ही नहीं पाती। कई विशेषज्ञ बूस्टर डोज की सलाह देते हैं। हालांकि, इसका असर आजमाइश के बाद ही पता चल सकता है।

हल्का रहता है दोबारा संक्रमण

टीका लगवा चुके लोगों में प्राथमिक संक्रमण आम तौर पर टीका नहीं लेने वाले लोगों की तुलना में कम गंभीर होता है। यही कारण है कि टीका लगवाने वाले लोगों के संक्रमित होने के बाद उनके अस्पताल में भर्ती होने की दर कम है। हालांकि, सह-बीमारी के मामलों में यह लागू नहीं होता और फिर से होने वाला संक्रमण जानलेवा हो सकता है।

फिर से संक्रमण आम

ब्रिटेन ने कोविड से पुनः संक्रमण का डेटा प्रकाशित करना शुरू किया है। ब्रिटेन फिर से कोविड संक्रमितों में उन लोगों को शामिल करता है, जो 90 दिन के भीतर दोबारा संक्रमण की चपेट में आ जाएं। 6 फरवरी, 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक इंग्लैंड में कुल 1.45 करोड़ लोग कोविड से संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 6,20,000 फिर से संक्रमण की चपेट में आए हैं। पहले संक्रमित होने वाले 24 लोगों में से एक पुनः संक्रमण की चपेट में आया है। इसके अलावा फिर से संक्रमण के कुल मामलों में 50 फीसदी से ज्यादा एक दिसंबर, 2021 के बाद दर्ज हुए हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है

पहले हुआ कोविड संक्रमण ओमिक्रॉन से किसी व्यक्ति को उतनी ही सुरक्षा देता है, जितनी उसे टीके की दो खुराक लेने के बाद मिलती है। यह अनुमान लगाना गलत नहीं होगा कि फिर से होने वाले संक्रमण से रोग प्रतिरोधी क्षमता बेहतर होती है।

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