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दुश्मन पर नजर: पाक-चीन के हर हमले का मिलेगा करारा जवाब, पंजाब में तैनात हुई वायु रक्षा प्रणाली S-400 की पहली यूनिट

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 01 Jan 2022 09:28 AM IST

सार

अधिकारियों के मुताबिक,एस-400 की पहली यूनिट की डिलीवरी नवंबर में शुरू हुई थी। लगभग पांच बिलियन डॉलर से अधिक में यह रक्षा सौदा किया गया है।

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चीन व पाकिस्तान के किसी भी हमले को नेस्तनाबूत करने में सक्षम वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली एस-400 की पहली यूनिट को पंजाब में तैनात किया गया है। रूस से खरीदी गई इस अत्याधुनिक वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को पंजाब में वायु सेना के पांच ठिकानों में से एक पर तैनात किया गया है। यह सैन्य ठिकाना पाकिस्तान सीमा के सबसे पास है। 

खास बात यह है कि इस मिसाइल प्रणाली की तैनाती से रक्षा क्षमताओं में बड़ी वृद्धि हुई है। एस-400 मिसाइल प्रणाली 400 किलोमीटर दूर से किए गए किसी भी हमले को निष्क्रिय कर सकने में सक्षम है। यह दुनिया की सबसे उन्नत प्रणालियों में से एक है। 

नवंबर से शुरू हुई थी पहली यूनिट की डिलीवरी
अधिकारियों के मुताबिक,एस-400 की पहली यूनिट की डिलीवरी नवंबर में शुरू हुई थी। लगभग पांच बिलियन डॉलर से अधिक में यह रक्षा सौदा किया गया है। हालांकि, रूस के साथ बड़े रक्षा अनुबंधों में शामिल होने के बाद अमेरिका-भारत के रिश्ते तल्ख हुए थे, जिसके बाद से यह रक्षा सौदा विवादास्पद हो गया था। 

वायु सेना के अधिकारियों ने लिया है विशेष प्रशिक्षण 
एस-400 मिसाइल प्रणाली के संचालन के लिए भारतीय वायु सेना के अधिकारियों व कर्मियों ने विशेष प्रशिक्षण भी हासिल किया है। वायु रक्षा प्रणाली भारत को दक्षिण एशियाई आसमान में मजबूती देगी क्योंकि वे 400 किमी की दूरी से दुश्मन के विमानों और क्रूज मिसाइलों को बाहर निकालने में सक्षम होंगे।
 
चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है एस-400
S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है जो दुश्मन के विमानों, बैलिस्टिक मिसाइलों और एडब्ल्यूएएस विमानों को 400 किमी, 250 किमी, मध्यम दूरी की 120 किमी और कम दूरी की 40 किमी पर मार सकती है। 

विस्तार

चीन व पाकिस्तान के किसी भी हमले को नेस्तनाबूत करने में सक्षम वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली एस-400 की पहली यूनिट को पंजाब में तैनात किया गया है। रूस से खरीदी गई इस अत्याधुनिक वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को पंजाब में वायु सेना के पांच ठिकानों में से एक पर तैनात किया गया है। यह सैन्य ठिकाना पाकिस्तान सीमा के सबसे पास है। 

खास बात यह है कि इस मिसाइल प्रणाली की तैनाती से रक्षा क्षमताओं में बड़ी वृद्धि हुई है। एस-400 मिसाइल प्रणाली 400 किलोमीटर दूर से किए गए किसी भी हमले को निष्क्रिय कर सकने में सक्षम है। यह दुनिया की सबसे उन्नत प्रणालियों में से एक है। 

नवंबर से शुरू हुई थी पहली यूनिट की डिलीवरी

अधिकारियों के मुताबिक,एस-400 की पहली यूनिट की डिलीवरी नवंबर में शुरू हुई थी। लगभग पांच बिलियन डॉलर से अधिक में यह रक्षा सौदा किया गया है। हालांकि, रूस के साथ बड़े रक्षा अनुबंधों में शामिल होने के बाद अमेरिका-भारत के रिश्ते तल्ख हुए थे, जिसके बाद से यह रक्षा सौदा विवादास्पद हो गया था। 

वायु सेना के अधिकारियों ने लिया है विशेष प्रशिक्षण 

एस-400 मिसाइल प्रणाली के संचालन के लिए भारतीय वायु सेना के अधिकारियों व कर्मियों ने विशेष प्रशिक्षण भी हासिल किया है। वायु रक्षा प्रणाली भारत को दक्षिण एशियाई आसमान में मजबूती देगी क्योंकि वे 400 किमी की दूरी से दुश्मन के विमानों और क्रूज मिसाइलों को बाहर निकालने में सक्षम होंगे।

 

चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है एस-400

S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है जो दुश्मन के विमानों, बैलिस्टिक मिसाइलों और एडब्ल्यूएएस विमानों को 400 किमी, 250 किमी, मध्यम दूरी की 120 किमी और कम दूरी की 40 किमी पर मार सकती है। 

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