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दुखद : नाइजर के स्कूल में आग लगने से 20 बच्चों की मौत, पढ़ें दुनिया की छह महत्वपूर्ण खबरें

सार

नाइजर सरकार ने बताया कि एएफएन नाम के प्राथमिक विद्यालय में फूस की बनी तीन कक्षाएं आग की चपेट में आईं जिससे तीन से आठ साल की उम्र के 20 बच्चों की जान चली गई है। इसके साथ ही दर्जनों बच्चे झुलस गए हैं। यूनिसेफ ने इस घटना पर पीड़ित बच्चों और परिवारों के साथ संवेदना जताई है।

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नाइजर के दूसरे सबसे बड़े शहर मरादी के एक स्कूल में आग लगने के कारण 20 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई और दर्जनों जख्मी हुए हैं। सरकार ने बताया कि एएफएन नाम के प्राथमिक विद्यालय में फूस की बनी तीन कक्षाएं आग की चपेट में आईं जिससे तीन से आठ साल की उम्र के बच्चों की जान चली गई। बता दें कि पश्चिम अफ्रीका के नाइजर में छात्रों के लिए स्कूलों में अस्थायी क्लासरूम फूस के बनाए जाते हैं। शिक्षकों एवं माता-पिता ने कहा है कि ऐसी घटनाएं बताती हैं कि अस्थायी क्लासरूम कितने खतरनाक हैं। यूनिसेफ ने इस घटना पर पीड़ित बच्चों और परिवारों के साथ संवेदना जताई है। आइए जानते हैं दुनिया की अन्य महत्वपूर्ण खबरें…

 

ताइवान ने मंगलवार को कहा कि चीन सीधे सैन्य संघर्ष में उलझे बिना उसकी सैन्य क्षमताओं को कमजोर करके और लोगों की राय को प्रभावित करके द्वीप को अपने नियंत्रण में लेना चाहता है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक द्विवार्षिक रिपोर्ट में कहा कि चीन ताइवान पर दबाव बनाने के लिए ‘ग्रे जोन’ रणनीतियों का इस्तेमाल कर रहा है। इसके तहत कोई विरोधी बड़े पैमाने पर सीधे संघर्ष से बचते हुए अपने हित साधने के लिए अप्रत्यक्ष तरीके से दबाव बनाता है।

चीन ताइवान पर अपना दावा करता है। चीन ने अक्तूबर की शुरुआत में अपने राष्ट्रीय दिवस पर ताइवान के दक्षिण-पश्चिम में 149 सैन्य विमान भी भेजे। उसने कहा कि चीन जो रणनीति अपना रहा है, उसमें ताइवान के खिलाफ साइबर युद्ध छेड़ना, दुष्प्रचार करना और ताइवान को विश्व स्तर पर अलग-थलग करने की मुहिम शामिल है। 

 

ईरान के न्यायिक अधिकारियों ने एक अखबार पर कथित रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके पहले पेज पर ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामनेई जैसे दिखने वाले हाथ का ग्राफिक चित्र बनाया गया था। चित्र में खामनेई के हाथ जैसे दिखने वाले हाथ से ईरान की गरीबी रेखा को बनाते दिखाया गया था। यह चित्र ऐसे वक्त पर छपा है जब देश की गिरती अर्थव्यवस्था पर जनता का आक्रोश बढ़ता ही रहा है। अर्धसरकारी समाचार एजेंसी ‘मेहर’ ने बताया कि ईरान की मीडिया निगरानी संस्था ने दैनिक अखबार ‘केलिद’ को बंद कर दिया है। इसमें छपे आलेख का शीर्षक था गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते लाखों ईरानी।

 

गर्मी और उमस के खतरनाक संयोग से उत्पन्न चरम गर्मी से दुनिया के एक अरब लोग प्रभावित हो सकते हैं। ब्रिटेन में एक ताजा वैज्ञानिक शोध में कहा गया है कि यदि वैश्विक तापमान मौजूदा तापमान से दो डिग्री सेल्सियस बढ़ जाए तो इतने लोग गर्मी के तनाव से पीड़ित होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक यदि यह तापमान 4 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाए तो दुनिया की करीब आधी आबादी संभवत: गर्मी के तनाव से प्रभावित हो जाएगी। एक्सटर यूनिवर्सिटी की अगुवाई वाली अंतरराष्ट्रीय टीम के विशेषज्ञों के डाटा पर आधारित शोध में कहा गया है कि उष्णकटिबंधीय ब्राजील और इथियोपिया जैसे देश इससे बुरी तरह प्रभावित होंगे।

 

अमेरिका में इस साल छह जनवरी को कैपिटल (संसद भवन) में हुई हिंसा की जांच कर रही सदन की समिति ने अपनी तफ्तीश का दायरा बढ़ाते हुए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के छह और सहयोगियों को समन जारी किया है। ट्रंप के ये सहयोगी 2020 में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में उनकी हार को पलटने की उनकी कोशिश में करीब से शामिल रहे हैं। समिति के अध्यक्ष बेनी थॉम्पसन ने कहा कि समिति ट्रंप की प्रचार समिति के पूर्व अधिकारियों और अन्य से गवाही व दस्तावेज मांग रही है। इन लोगों ने बाइडन की जीत का सत्यापन रोकने के लिए ‘वॉर रूम’ में हिस्सा लिया था। समन जारी होने वालों में बिल स्टेपियन, जेसन मिलर, एंजेला मैक्कलम, जॉन ईस्टमैन, माइकल फ्लिन और बर्नार्ड केरीकी शामिल हैं। 

 

साइबर अपराध के खिलाफ विश्वव्यापी कार्रवाई के तहत ‘रैंसमवेयर’ हमलों के सिलसिले में दो संदिग्ध हैकरों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साइबर हमलों से 5,000 कंयूटर संक्रमित हुए थे। ये दोनों गिरफ्तारियां रोमानियाई प्राधिकारियों ने गत सप्ताह की हैं। फिलहाल हैकरों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि ‘आरएविल’ नाम के रैंसमवेयर गिरोह ने फिरौती के जरिए करीब पांच लाख यूरो हासिल किए। यह गिरफ्तारियां 17 देशों के सामूहिक अभियान के तहत की गई हैं जिसमें अमेरिका भी शामिल है। डिप्टी अटॉर्नी जनरल लीजा मोनाको ने बताया कि अभी और गिरफ्तारियां जल्द की जाएंगी।

विस्तार

नाइजर के दूसरे सबसे बड़े शहर मरादी के एक स्कूल में आग लगने के कारण 20 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई और दर्जनों जख्मी हुए हैं। सरकार ने बताया कि एएफएन नाम के प्राथमिक विद्यालय में फूस की बनी तीन कक्षाएं आग की चपेट में आईं जिससे तीन से आठ साल की उम्र के बच्चों की जान चली गई। बता दें कि पश्चिम अफ्रीका के नाइजर में छात्रों के लिए स्कूलों में अस्थायी क्लासरूम फूस के बनाए जाते हैं। शिक्षकों एवं माता-पिता ने कहा है कि ऐसी घटनाएं बताती हैं कि अस्थायी क्लासरूम कितने खतरनाक हैं। यूनिसेफ ने इस घटना पर पीड़ित बच्चों और परिवारों के साथ संवेदना जताई है। आइए जानते हैं दुनिया की अन्य महत्वपूर्ण खबरें…

 

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