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दिए संकेत: आनंद शर्मा ने कहा- राज्यसभा में शायद मेरा अंतिम भाषण

राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य और असंतुष्ट जी-23 नेताओं में शुमार आनंद शर्मा ने सोमवार को पार्टी नेतृत्व से दूरी और बढ़ने का सदन में संकेत दिया। शर्मा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान कहा कि शायद संसद में उनका यह आखिरी बयान होगा।

शर्मा ने इस दौरान बताया कि 1962 में चीन से हार के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने कैसे नेहरू सरकार को घेरा था और तब जमकर बहस होती थी। शर्मा ने कहा, ‘शायद यह मेरा अंतिम वक्तव्य है।’

अभिभाषण पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस सदस्य ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए 1962 के अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र किया। शर्मा ने बताया, तब कैसे चीन से युद्ध को लेकर वाजपेयी ने नेहरू सरकार को घेरा था और संसद में मुद्दे पर चर्चा भी हुई थी। 1962 में वाजपेयी जनसंघ के युवा सांसद थे के और सरकार पर जमकर तीखे प्रहार करते रहे। शर्मा ने वाजपेयी के तल्ख तेवरों का जिक्र भी करते हुए असंतोष को सम्मान देने और बहस की गुंजाइश बनाए रखने पर जोर दिया। 

 जिसने भी राष्ट्रपति का अभिभाषण तैयार किया है। उसने राष्ट्रपति के साथ अन्याय किया है। यह जनादेश को चुनौती देता है और देश के मुश्किल हालात को नकारता है। -आनंद शर्मा, राज्यसभा में

सांविधानिक मूल्यों का क्षरण : एनसीपी सदस्य
एनसीपी की फौजिया खान ने स्वतंत्रता, सार्वभौमिकता, धर्मनिरपेक्षता, न्याय, आजादी और लैंगिक समानता पर सरकार के दावों को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि पिछले कुछ सालों में संवैधानिक मूल्यों का अवमूल्यन हुआ है। धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में खान ने कहा, ‘लोकतंत्र भ्रम नहीं है। सरकार के पास एक ही अस्त्र है और वह है भ्रम अस्त्र।

सपा ने अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग की
सपा सदस्य चौधरी सुखराम सिंह यादव ने सोमवार को राज्यसभा में मांग की कि विभिन्न युद्धों में यादव सैनिकों की शौर्यगाथा को देखते हुए सेना में अहीर रेजिमेंट की भी स्थापना की जाए। यादव ने देश के दोनों युद्धों में समुदाय के सैनिक काफी आगे रहे और दुश्मनों को खासी क्षति पहुंचाई। उन्हें इसके लिए कई वीरता पुरस्कार भी मिले। उन्होंने जातिवार जनगणना की मांग भी उठाई। 

कृषि बजट घटाने से निराशा : देवगौड़ा
पूर्व प्रधानमंत्री और जदएस नेता एचडी देवगौड़ा ने कृषि बजट में कमी करने पर चिंता जताई है। उन्होंने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि इससे कई लोगों को निराशा हुई है, जो कृषि क्षेत्र के बजट में वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान देवगौड़ा ने कहा कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के सरकारी बादों के बारे में बजट में कोई चर्चा नहीं है।

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में कृषि क्षेत्र के आवंटन में 3.8 फीसदी की कमी कर दी गई है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सभी कृषि इनपुट पर जीएसटी हटाने की अपील भी अनसुनी कर दी गई। 

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