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Strandja Memorial Tournament: पिता के निधन के गम से उबर कर राष्ट्रीय शिविर में पहुंची पूजा रानी, भारतीय मुक्केबाज ने शुरू की तैयारी

स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Rajeev Rai
Updated Mon, 07 Feb 2022 11:35 PM IST

सार

पिछले हफ्ते पिता के निधन के गम का सामने करने वाली दो बार की एशियन चैंपियन पूजा रानी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट स्ट्रेंडजा मेमोरियल की तैयारियों के लिए राष्ट्रीय शिविर पहुंच गई। टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय करने वाली मुक्केबाज बुल्गारिया के सोफिया में आयोजित प्रतियोगिता के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।

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पिछले हफ्ते पिता के निधन के गम का सामने करने वाली दो बार की एशियन चैंपियन पूजा रानी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट स्ट्रेंडजा मेमोरियल की तैयारियों के लिए राष्ट्रीय शिविर पहुंच गई। टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय करने वाली 81 किग्रा भार वर्ग की मुक्केबाज 18 फरवरी से बुल्गारिया के सोफिया में आयोजित प्रतियोगिता के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। बातचीत में बताया कि वह कल ही राष्ट्रीय शिविर पहुंची हैं। उनकी आवाज में पिता के निधन का दर्द भी मौजूद था। उन्हें जीवन में उतार-चढ़ाव और मुश्किलों का सामना करने की आदत है। चाहे वह करिअर को प्रभावित करने वाली कंधे की चोट हो या एक बड़े टूर्नामेंट से पहले हाथ का जल जाना। पूजा इस बात को समझती है कि जिंदगी का काम आगे बढ़ते रहना है।

उनके पिता राजवीर सिंह हरियाणा पुलिस के सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर थे। पूजा ने बताया कि पिछले महीने भाई की शादी के पांच दिन बाद जब मैं शिविर लौटी तो पता चला कि 1 फरवरी की सुबह अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। इस सदमे से निकलने कठिन था। वह मेरी सबसे बड़े प्रेरणा थे। मैं उनके बहुत करीब थी। जब मैं शिविर वापस आ रही थी, तो मुझे विदा करते समय उन्होंने विजय चिन्ह बना कर दिखाया था, मैं इसे दिमाग से नहीं निकाल सकती। मुझे उम्मीद है कि मैं अपने खेल से उन्हें गौरवान्वित महसूस करा सकूं। इस दौरान बताया कि इन घटनाओं से तैयारी करने का मौका नहीं मिली, फिर भी स्ट्रेंडजा में अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगी। इस टूर्नामेंट के जरिए यूरोपीय सत्र की शुरुआत होगी, जिसमें पुरुष और महिला मुक्केबाज दोनों शामिल होंगे।

विस्तार

पिछले हफ्ते पिता के निधन के गम का सामने करने वाली दो बार की एशियन चैंपियन पूजा रानी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट स्ट्रेंडजा मेमोरियल की तैयारियों के लिए राष्ट्रीय शिविर पहुंच गई। टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय करने वाली 81 किग्रा भार वर्ग की मुक्केबाज 18 फरवरी से बुल्गारिया के सोफिया में आयोजित प्रतियोगिता के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। बातचीत में बताया कि वह कल ही राष्ट्रीय शिविर पहुंची हैं। उनकी आवाज में पिता के निधन का दर्द भी मौजूद था। उन्हें जीवन में उतार-चढ़ाव और मुश्किलों का सामना करने की आदत है। चाहे वह करिअर को प्रभावित करने वाली कंधे की चोट हो या एक बड़े टूर्नामेंट से पहले हाथ का जल जाना। पूजा इस बात को समझती है कि जिंदगी का काम आगे बढ़ते रहना है।

उनके पिता राजवीर सिंह हरियाणा पुलिस के सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर थे। पूजा ने बताया कि पिछले महीने भाई की शादी के पांच दिन बाद जब मैं शिविर लौटी तो पता चला कि 1 फरवरी की सुबह अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। इस सदमे से निकलने कठिन था। वह मेरी सबसे बड़े प्रेरणा थे। मैं उनके बहुत करीब थी। जब मैं शिविर वापस आ रही थी, तो मुझे विदा करते समय उन्होंने विजय चिन्ह बना कर दिखाया था, मैं इसे दिमाग से नहीं निकाल सकती। मुझे उम्मीद है कि मैं अपने खेल से उन्हें गौरवान्वित महसूस करा सकूं। इस दौरान बताया कि इन घटनाओं से तैयारी करने का मौका नहीं मिली, फिर भी स्ट्रेंडजा में अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगी। इस टूर्नामेंट के जरिए यूरोपीय सत्र की शुरुआत होगी, जिसमें पुरुष और महिला मुक्केबाज दोनों शामिल होंगे।

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