पीटीआई,जोहानसबर्ग
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 10 Dec 2021 02:20 AM IST
सार
अहमद कथराडा फाउंडेशन द्वारा शुरू किए गए इस अभियान को भ्रष्टाचार से लड़ने वाले स्थानीय और विदेशों में कई संगठनों से समर्थन प्राप्त हुआ।
सांकेतिक तस्वीर….
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
घोटालों के सामने आने के बाद वे दक्षिण अफ्रीका से भाग गए थे। उनके के खिलाफ काफी प्रदर्शन भी हुए थे। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने पहली बार यह स्वीकार किया था कि अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के भीतर मतभेदों के कारण देश में घोटाले में कथित तौर पर लिप्त गुप्ता परिवार के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं हो सकी।
गुप्ता और उनके परिवार दुबई में रह रहे हैं
माना जाता है कि गुप्ता और उनके परिवार दुबई में रह रहे हैं, जिसके साथ दक्षिण अफ्रीका ने इस साल जून में एक प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए, लेकिन उन्हें वापस लाने के देश के अनुरोध पर बहुत कम प्रगति हुई है साथ ही उनकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किए जा चुके हैं। ऐसी भी अटकलें हैं कि परिवार के कुछ सदस्य भारत में हो सकते हैं।
अहमद कथराडा फाउंडेशन द्वारा शुरू किए गए इस अभियान को भ्रष्टाचार से लड़ने वाले स्थानीय और विदेशों में कई संगठनों से समर्थन प्राप्त हुआ। एकेएफ के अध्यक्ष डेरेक हानेकोम ने कहा कि पहले के दावे कि राज्य संस्थानों से लूटे गए अरबों रैंड निराशाजनक रूप से अपर्याप्त थे, यह नहीं होना चाहिए था।
1994 में अपने परिवारों के साथ दक्षिण अफ्रीका आ गए थे
बता दें कि अजय, अतुल और राजेश गुप्ता 1994 में अपने परिवारों के साथ दक्षिण अफ्रीका आ गए थे। दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों ने उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि वे यहां आपराधिक आरोपों का सामना कर सकें।