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ड्रैगन की मनमानी: चीनी नौसेना ने ऑस्ट्रेलिया के विमान को लेजर से बनाया निशाना, चालक दल का जीवन खतरे में

एजेंसी, सिडनी।
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 20 Feb 2022 07:24 AM IST

सार

लेजर हथियार बेहद घातक होते हैं। इनसे कुछ ही पलों में पायलट अंधे हो सकते हैं, इसके अलावा अगर लेजर हथियार बहुत शक्तिशाली हो तो विमान के भी टुकड़े कर सकता है।

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चीनी नौसेना ने ऑस्ट्रेलिया के विमान को लेजर से निशाना बनाया, जिसकी वजह से विमान में सवार लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया। ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को घटना की जानकारी देते हुए बताया कि बृहस्पतिवार को ऑस्ट्रेलिया के समुद्री गश्ती विमान पी-8ए पोसाइडन को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलए-एन) ने लेजर से निशाना बनाया, जिसकी वजह से विमान में सवार क्रू का जीवन खतरे में पड़ गया। घटना टोरेस जलडमरूमध्य की है, यह ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी तट और न्यूगिनी के दक्षिणी तट के बीच स्थित है। 

ऑस्ट्रेलिया का विमान कोरल सागर में गश्त कर रहा था। चीनी नौसेना की तरफ से लेजर दागने की निंदा करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने चीन से गैर पेशेवर व असुरक्षित सैन्य आचरण के लिए माफी मांगने को कहा है। इसे लेकर चीन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। चीन की तरफ से अमेरिकी विमानों पर भी इस तरह के लेजर हमले हो चुके हैं। तब, चीन ने कहा था कि लेजर कोई हथियार नहीं है, बल्कि विदेशी सैन्य विमानों को चेतावनी देने का तरीका है कि वे चीनी क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। 

घातक है लेजर
लेजर हथियार बेहद घातक होते हैं। इनसे कुछ ही पलों में पायलट अंधे हो सकते हैं, इसके अलावा अगर लेजर हथियार बहुत शक्तिशाली हो तो विमान के भी टुकड़े कर सकता है। चीन 2019 से लेजर का इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि, चीन की तरफ से इस्तेमाल किए जाने वाले लेजर कितने घातक है, यह जांच का विषय है।

विस्तार

चीनी नौसेना ने ऑस्ट्रेलिया के विमान को लेजर से निशाना बनाया, जिसकी वजह से विमान में सवार लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया। ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को घटना की जानकारी देते हुए बताया कि बृहस्पतिवार को ऑस्ट्रेलिया के समुद्री गश्ती विमान पी-8ए पोसाइडन को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलए-एन) ने लेजर से निशाना बनाया, जिसकी वजह से विमान में सवार क्रू का जीवन खतरे में पड़ गया। घटना टोरेस जलडमरूमध्य की है, यह ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी तट और न्यूगिनी के दक्षिणी तट के बीच स्थित है। 

ऑस्ट्रेलिया का विमान कोरल सागर में गश्त कर रहा था। चीनी नौसेना की तरफ से लेजर दागने की निंदा करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने चीन से गैर पेशेवर व असुरक्षित सैन्य आचरण के लिए माफी मांगने को कहा है। इसे लेकर चीन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। चीन की तरफ से अमेरिकी विमानों पर भी इस तरह के लेजर हमले हो चुके हैं। तब, चीन ने कहा था कि लेजर कोई हथियार नहीं है, बल्कि विदेशी सैन्य विमानों को चेतावनी देने का तरीका है कि वे चीनी क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। 

घातक है लेजर

लेजर हथियार बेहद घातक होते हैं। इनसे कुछ ही पलों में पायलट अंधे हो सकते हैं, इसके अलावा अगर लेजर हथियार बहुत शक्तिशाली हो तो विमान के भी टुकड़े कर सकता है। चीन 2019 से लेजर का इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि, चीन की तरफ से इस्तेमाल किए जाने वाले लेजर कितने घातक है, यह जांच का विषय है।

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