पीटीआई, कोलंबो
Published by: Jeet Kumar
Updated Thu, 06 Jan 2022 11:40 PM IST
सार
कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने इस बड़ी डील को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने इसे दोनों देशों की आर्थिक और ऊर्जा भागीदारी में मील का पत्थर बताते हुए सभी पक्षों को बधाई दी
श्रीलंका ने गुरुवार को भारत के साथ द्विपक्षीय आर्थिक और ऊर्जा साझेदारी के रूप में द्वीप राष्ट्र के पूर्वी बंदरगाह जिले त्रिंकोमाली में द्वितीय विश्वयुद्ध के समय की तेल भंडारण सुविधा (ऑयल टैंक फार्म) के संयुक्त रूप से पुनर्विकास को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए।
इस महत्वपूर्ण समझौते को लेकर ऊर्जा मंत्री उदय गमनपिला ने कहा कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण त्रिंकोमाली तेल टैंक परिसर के विकास को लेकर गुरुवार शाम समझौता किया गया। इस परिसर को त्रिंको ऑयल टैंक फार्म के नाम से जाना जाता है।
आगे उन्होंने कहा कि इस समझौते पर श्रीलंका की तरफ से वित्त सचिव, भूमि महाआयुक्त, सिलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन तथा इंडियन ऑयल कंपनी के स्थानीय परिचालक (एलआईओसी) एवं नवगठित त्रिंको पेट्रोलियम टर्मिनल लि. के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए। साथ ही उन्होंने कहा कि 99 टैंकों में से 85 अब श्रीलंका के पास होंगे जबकि पूर्व में यह भारत के नियंत्रण में थे।
भारतीय उच्चायोग ने दी बधाई
इस समझौते को लेकर कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर बधाई दी। उन्होंने इसे भारत-श्रीलंका आर्थिक और ऊर्जा साझेदारी में एक नया मील का पत्थर साथ उन्होंने त्रिंकोमाली ऑयल टैंक फार्म विकसित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए सभी पक्षों को बधाई दी। आगे ट्वीट में लिखा कि भारत और श्रीलंका के नेतृत्व से मार्गदर्शन और सभी संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों के समर्थन की ईमानदारी से सराहना करते हैं।
कैबिनेट ने त्रिंकोमाली ऑयल टैंक कॉम्प्लेक्स के 24 और 14 तेल टैंकों को सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (सीपीसी) और इंडियन ऑयल कंपनी (एलआईओसी) के स्थानीय ऑपरेटरों को आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी इस हफ्ते की शुरुआत में, श्रीलंका सरकार ने कहा था कि ट्रिंको ऑयल टैंक फार्म के संबंध में भारत सरकार के साथ तीन मौजूदा समझौतों की समीक्षा करने के बाद, दोनों पक्ष एक संयुक्त विकास परियोजना को लागू करने के लिए एक समझौते पर पहुंचे हैं।
विस्तार
श्रीलंका ने गुरुवार को भारत के साथ द्विपक्षीय आर्थिक और ऊर्जा साझेदारी के रूप में द्वीप राष्ट्र के पूर्वी बंदरगाह जिले त्रिंकोमाली में द्वितीय विश्वयुद्ध के समय की तेल भंडारण सुविधा (ऑयल टैंक फार्म) के संयुक्त रूप से पुनर्विकास को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए।
इस महत्वपूर्ण समझौते को लेकर ऊर्जा मंत्री उदय गमनपिला ने कहा कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण त्रिंकोमाली तेल टैंक परिसर के विकास को लेकर गुरुवार शाम समझौता किया गया। इस परिसर को त्रिंको ऑयल टैंक फार्म के नाम से जाना जाता है।
आगे उन्होंने कहा कि इस समझौते पर श्रीलंका की तरफ से वित्त सचिव, भूमि महाआयुक्त, सिलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन तथा इंडियन ऑयल कंपनी के स्थानीय परिचालक (एलआईओसी) एवं नवगठित त्रिंको पेट्रोलियम टर्मिनल लि. के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए। साथ ही उन्होंने कहा कि 99 टैंकों में से 85 अब श्रीलंका के पास होंगे जबकि पूर्व में यह भारत के नियंत्रण में थे।
भारतीय उच्चायोग ने दी बधाई
इस समझौते को लेकर कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर बधाई दी। उन्होंने इसे भारत-श्रीलंका आर्थिक और ऊर्जा साझेदारी में एक नया मील का पत्थर साथ उन्होंने त्रिंकोमाली ऑयल टैंक फार्म विकसित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए सभी पक्षों को बधाई दी। आगे ट्वीट में लिखा कि भारत और श्रीलंका के नेतृत्व से मार्गदर्शन और सभी संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों के समर्थन की ईमानदारी से सराहना करते हैं।
कैबिनेट ने त्रिंकोमाली ऑयल टैंक कॉम्प्लेक्स के 24 और 14 तेल टैंकों को सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (सीपीसी) और इंडियन ऑयल कंपनी (एलआईओसी) के स्थानीय ऑपरेटरों को आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी इस हफ्ते की शुरुआत में, श्रीलंका सरकार ने कहा था कि ट्रिंको ऑयल टैंक फार्म के संबंध में भारत सरकार के साथ तीन मौजूदा समझौतों की समीक्षा करने के बाद, दोनों पक्ष एक संयुक्त विकास परियोजना को लागू करने के लिए एक समझौते पर पहुंचे हैं।
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