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जर्मनी : एंजेला मर्केल की विदाई से एक युग का अंत, ओलाफ शुल्ज आज संभाल सकते हैं देश के नए चांसलर का कार्यभार

एजेंसी, बर्लिन।
Published by: योगेश साहू
Updated Wed, 08 Dec 2021 01:13 AM IST

सार

एंजेला मर्केल के उत्तराधिकारी ओलाफ शुल्ज के नाम को मंजूरी से एक दिन पहले देश के तीन दलों ने प्रगतिशील गठबंधन बनाने को लेकर मंगलवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

एंजेला मर्केल और ओलफ शोल्ज
– फोटो : Agency (File Photo)

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जर्मनी की निवर्तमान चांसलर एंजेला मर्केल भले ही सत्ता से दूर होने वाली हैं, लेकिन 16 साल के अपने कार्यकाल में उन्होंने इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया है। मर्केल, 22 नवंबर 2005 को जर्मनी की चांसलर बनने वाली पहली महिला रहीं। उनके नामित उत्तराधिकारी ओलाफ शुल्ज बुधवार को देश के नए चांसलर का पदभार ग्रहण कर सकते हैं। वे फिलहाल वाइस चांसलर व निवर्तमान वित्तमंत्री हैं।

अपने रिकॉर्ड कार्यकाल में मर्केल (67) ने विदेशों में सराहना और देश में काफी लोकप्रियता हासिल की। पूर्व वैज्ञानिक मर्केल कम्युनिस्ट विचारधारा वाले पूर्वी जर्मनी में पली-बढ़ीं। सबसे अधिक समय तक पद पर बने रहने के अपने संरक्षक, हेल्मुट कोल के रिकॉर्ड को वह नहीं तोड़ सकेंगी, क्योंकि वह उनके रिकॉर्ड समय से करीब एक सप्ताह पहले ही पद छोड़ देंगी। 

कोल ने 1982-1998 के अपने कार्यकाल के दौरान जर्मनी को फिर से जोड़ा था। क्रीमिया पर कब्जा करने और पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादियों के समर्थन पर रूस के खिलाफ यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के पीछे मर्केल का बहुत बड़ा योगदान था। साथ ही उन्होंने वहां एक राजनयिक समाधान लाने के लिए कई प्रयासों का नेतृत्व भी किया।

कई चुनौतियों का किया सामना
एंजेला मर्केल ने अपने कार्यकाल में चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों, चार फ्रांसीसी राष्ट्रपतियों, पांच ब्रिटिश प्रधानमंत्रियों और आठ इतालवी प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया। अपने कार्यकाल में उन्होंने चार प्रमुख चुनौतियों का सामना किया जिनमें वैश्विक वित्तीय संकट, यूरोपीय ऋण संकट, 2015-16 में यूरोप में शरणार्थियों की आमद और कोविड-19 महामारी शामिल है।

शुल्ज की नई सरकार के लिए गठबंधन समझौते पर हस्ताक्षर
एंजेला मर्केल के उत्तराधिकारी ओलाफ शुल्ज के नाम को मंजूरी से एक दिन पहले देश के तीन दलों ने प्रगतिशील गठबंधन बनाने को लेकर मंगलवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। शुल्ज की मध्य वाम पार्टी ‘सोशल डेमोक्रेट्स’, पर्यावरण के मुद्दों को उठाने वाली पार्टी ‘ग्रीन्स’ और कारोबार समर्थक ‘फ्री डेमोक्रट्स’ के बीच हुए समझौते को तीन पार्टियों के सदस्यों से हाल के दिनों में मजबूत समर्थन मिला। समझौते से शुल्ज के संसद में बुधवार को चुने जाने का रास्ता साफ हो गया है क्योंकि तीनों दलों के पास ठोस बहुमत है। पहली बार सरकार बनाने के लिए तीनों दलों ने समझौता किया है।

विस्तार

जर्मनी की निवर्तमान चांसलर एंजेला मर्केल भले ही सत्ता से दूर होने वाली हैं, लेकिन 16 साल के अपने कार्यकाल में उन्होंने इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया है। मर्केल, 22 नवंबर 2005 को जर्मनी की चांसलर बनने वाली पहली महिला रहीं। उनके नामित उत्तराधिकारी ओलाफ शुल्ज बुधवार को देश के नए चांसलर का पदभार ग्रहण कर सकते हैं। वे फिलहाल वाइस चांसलर व निवर्तमान वित्तमंत्री हैं।

अपने रिकॉर्ड कार्यकाल में मर्केल (67) ने विदेशों में सराहना और देश में काफी लोकप्रियता हासिल की। पूर्व वैज्ञानिक मर्केल कम्युनिस्ट विचारधारा वाले पूर्वी जर्मनी में पली-बढ़ीं। सबसे अधिक समय तक पद पर बने रहने के अपने संरक्षक, हेल्मुट कोल के रिकॉर्ड को वह नहीं तोड़ सकेंगी, क्योंकि वह उनके रिकॉर्ड समय से करीब एक सप्ताह पहले ही पद छोड़ देंगी। 

कोल ने 1982-1998 के अपने कार्यकाल के दौरान जर्मनी को फिर से जोड़ा था। क्रीमिया पर कब्जा करने और पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादियों के समर्थन पर रूस के खिलाफ यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के पीछे मर्केल का बहुत बड़ा योगदान था। साथ ही उन्होंने वहां एक राजनयिक समाधान लाने के लिए कई प्रयासों का नेतृत्व भी किया।

कई चुनौतियों का किया सामना

एंजेला मर्केल ने अपने कार्यकाल में चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों, चार फ्रांसीसी राष्ट्रपतियों, पांच ब्रिटिश प्रधानमंत्रियों और आठ इतालवी प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया। अपने कार्यकाल में उन्होंने चार प्रमुख चुनौतियों का सामना किया जिनमें वैश्विक वित्तीय संकट, यूरोपीय ऋण संकट, 2015-16 में यूरोप में शरणार्थियों की आमद और कोविड-19 महामारी शामिल है।

शुल्ज की नई सरकार के लिए गठबंधन समझौते पर हस्ताक्षर

एंजेला मर्केल के उत्तराधिकारी ओलाफ शुल्ज के नाम को मंजूरी से एक दिन पहले देश के तीन दलों ने प्रगतिशील गठबंधन बनाने को लेकर मंगलवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। शुल्ज की मध्य वाम पार्टी ‘सोशल डेमोक्रेट्स’, पर्यावरण के मुद्दों को उठाने वाली पार्टी ‘ग्रीन्स’ और कारोबार समर्थक ‘फ्री डेमोक्रट्स’ के बीच हुए समझौते को तीन पार्टियों के सदस्यों से हाल के दिनों में मजबूत समर्थन मिला। समझौते से शुल्ज के संसद में बुधवार को चुने जाने का रास्ता साफ हो गया है क्योंकि तीनों दलों के पास ठोस बहुमत है। पहली बार सरकार बनाने के लिए तीनों दलों ने समझौता किया है।

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