बैंकिंग सुविधाएं, पोस्ट ऑफिस या फिर एलपीजी जैसी चीजों में होने वाले बदलाव का असर बहुत अधिक लोगों पर पड़ता है। इसी के चलते हर महीने की शुरुआत में ही इन बदलावों को लागू किया जाता है। वहीं एक फरवरी को वित्त मंत्री द्वारा 2022-23 का केंद्रीय बजट पेश किया जाना है। इसके तहत भी कई बड़े बदलाव होने हैं, जिनका असर लंबे समय तक रहने वाला है। ऐसे में एक फरवरी से कुछ नियमों और दरों में बदलाव होने वाले हैं, जिनका सीधा असर देश के करोड़ों लोगों पर पड़ेगा। दरअसल, आरबीआई ने आईएमपीएस की लिमिट बढ़ाकर पांच लाख रुपये तक कर दी है। जिसके बाद एसबीआई ने भी आईएमपीएस की लिमिट को बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का कहना है कि इंटरनेट बैंकिंग/ मोबाइल बैंकिंग योनो एसबीआई जैसे डिजिटल चैनल से पांच लाख रुपये तक का आईएमपीएस करने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
ब्रांच के जरिए आईएमपीएस पड़ेगा महंगा
- स्टेट बैंक के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति बैंकिंग चैनल के जरिए आईएमपीएस करता है, तो उसके लिए पहले से जारी शुल्क ही मान्य है। इसके तहत बैंक के ब्रांच से 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक के आईएमपीएस पर 2 रुपये + जीएसटी लगेगा।
- वहीं 10 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक के आईएमपीएस पर 4 रुपये + जीएसटी और 1 लाख रुपये से दो लाख रुपये तक के आईएमपीएस पर पहले की तरह ही 12 रुपये + जीएसटी देना होगा। इसके अलावा 2 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के लिए नया स्लैब जोड़ा गया है। इसमें आपको 20 रुपये + जीएसटी देना पड़ेगा।
एलपीजी सिलेंडर की कीमत:
- भारत में करोड़ों लोग एलपीजी गैस का इस्तेमाल करते हैं। रसोई गैस सिलेंडर और कमर्शियल सिलेंडर के रेट ऑयल मार्केटिंग कंपनियां हर महीने की एक तारीख को जारी करती है। ऐसे में करोड़ों लोगों की नजर रसोई गैस की कीमत में होने वाले बदलाव पर रहती है।
केंद्रीय बजट 2022
- इसके अलावा एक फरवरी, 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2022-23 का केंद्रीय बजट पेश किया जाने वाला है। केंद्रीय बजट के दौरान घोषित कई प्रस्तावों का असर लंबे समय तक के लिए रहता है।
