न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Tue, 22 Feb 2022 11:30 PM IST
सार
कोरोना मामलों में कमी को देखते हुए चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों की बैठकों, रैलियों, रोड शो पर 50 फीसदी की सीमा में ढील दी गई है। हालांकि चुनाव प्रचार से संबंधित अन्य मौजूदा प्रावधान जारी रहेंगे।
देश में कोरोना वायरस के कम होते मामलों के बीच चुनाव आयोग ने अहम फैसला लिया है। अब राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों की बैठकों, रैलियों, रोड शो पर 50 फीसदी की सीमा में ढील दी गई है। इसके अलावा आयोग ने जिलाधिकारी की पूर्व अनुमति के साथ रोड शो की अनुमति दी है। हालांकि चुनाव प्रचार से संबंधित अन्य मौजूदा प्रावधान जारी रहेंगे।
चुनाव आयोग ने सिर्फ चुनावी राज्यों में ही नहीं बल्कि देश भर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनावी राज्यों में सार्वजनिक रैलियों और रोड शो पर पहले 15 जनवरी तक प्रतिबंध लगाया था। बाद में इसकी समय सीमा में बढ़ोतरी करते हुए 22 जनवरी तक बढ़ा दिया था।
आठ जनवरी को पांच राज्यों में चुनावों की तारीखों का एलान करते हुए चुनाव आयोग ने कहा था कि सियासी दल चुनाव प्रचार डिजिटल, वर्चुअल, मोबाइल के जरिए करें. इसके अलावा फिजिकल प्रचार के पारंपरिक साधनों का इस्तेमाल कम से कम करें।
इससे पहले रविवार को भी चुनाव आयोग ने स्टार प्रचारकों की संख्या के संबंध में राजनैतिक पार्टियों को बड़ी राहत दी थी। चुनाव आयोग ने स्टार प्रचारकों की संख्या को बहाल कर दिया था।यानी अब पहले की तरह ही सभी राष्ट्रीय और राज्य पार्टियों का दर्जा पाए राजनीतिक दल 40 स्टार प्रचारकों को अपने चुनावी अभियान में उतार सकेंगे। इसके अलावा ऐसी पार्टियां जो पंजीकृत हैं, लेकिन जिन्हें राष्ट्रीय या राज्य पार्टी का दर्जा नहीं मिला है, उन्हें 20 स्टार प्रचारकों से प्रचार कराने की छूट मिल गई है। आयोग ने अक्तूबर 2020 में ही राष्ट्रीय और राज्य पार्टी का दर्जा पाए दलों के स्टार प्रचारकों की संख्या 40 से घटाकर 30 कर दी थी। इसके अलावा बाकी दलों के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या को 20 से घटाकर 15 कर दिया गया था।
गौरतलब है कि देश के पांच राज्यों में कुल सात चरणों में चुनाव का एलान चुनाव आयोग ने की थी। अब तक तीन चरणों की वोटिंग हो चुकी है। अब कुल चार चरण बाकी हैं।
विस्तार
देश में कोरोना वायरस के कम होते मामलों के बीच चुनाव आयोग ने अहम फैसला लिया है। अब राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों की बैठकों, रैलियों, रोड शो पर 50 फीसदी की सीमा में ढील दी गई है। इसके अलावा आयोग ने जिलाधिकारी की पूर्व अनुमति के साथ रोड शो की अनुमति दी है। हालांकि चुनाव प्रचार से संबंधित अन्य मौजूदा प्रावधान जारी रहेंगे।
चुनाव आयोग ने सिर्फ चुनावी राज्यों में ही नहीं बल्कि देश भर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनावी राज्यों में सार्वजनिक रैलियों और रोड शो पर पहले 15 जनवरी तक प्रतिबंध लगाया था। बाद में इसकी समय सीमा में बढ़ोतरी करते हुए 22 जनवरी तक बढ़ा दिया था।
आठ जनवरी को पांच राज्यों में चुनावों की तारीखों का एलान करते हुए चुनाव आयोग ने कहा था कि सियासी दल चुनाव प्रचार डिजिटल, वर्चुअल, मोबाइल के जरिए करें. इसके अलावा फिजिकल प्रचार के पारंपरिक साधनों का इस्तेमाल कम से कम करें।
इससे पहले रविवार को भी चुनाव आयोग ने स्टार प्रचारकों की संख्या के संबंध में राजनैतिक पार्टियों को बड़ी राहत दी थी। चुनाव आयोग ने स्टार प्रचारकों की संख्या को बहाल कर दिया था।यानी अब पहले की तरह ही सभी राष्ट्रीय और राज्य पार्टियों का दर्जा पाए राजनीतिक दल 40 स्टार प्रचारकों को अपने चुनावी अभियान में उतार सकेंगे। इसके अलावा ऐसी पार्टियां जो पंजीकृत हैं, लेकिन जिन्हें राष्ट्रीय या राज्य पार्टी का दर्जा नहीं मिला है, उन्हें 20 स्टार प्रचारकों से प्रचार कराने की छूट मिल गई है। आयोग ने अक्तूबर 2020 में ही राष्ट्रीय और राज्य पार्टी का दर्जा पाए दलों के स्टार प्रचारकों की संख्या 40 से घटाकर 30 कर दी थी। इसके अलावा बाकी दलों के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या को 20 से घटाकर 15 कर दिया गया था।
गौरतलब है कि देश के पांच राज्यों में कुल सात चरणों में चुनाव का एलान चुनाव आयोग ने की थी। अब तक तीन चरणों की वोटिंग हो चुकी है। अब कुल चार चरण बाकी हैं।
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