एजेंसी, वाशिंगटन।
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 21 Apr 2022 06:23 AM IST
सार
अमेरिका ने समुद्री सुरक्षा और आर्थिक विकास से लेकर जलवायु संकट और कोविड-19 जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए इस क्षेत्र में अपनी भागीदारी तेज करने का संकल्प लिया है। व्हाइट हाउस के एक बयान में कहा गया है कि “हम प्रशांत द्वीप राष्ट्रों के साथ हमेशा घनिष्ठ साझेदारी रखेंगे।
चीन और सोलोमन द्वीप के बीच प्रस्तावित सुरक्षा ढांचे को लेकर अमेरिका समेत ऑस्ट्रेलिया, जापान और न्यूजीलैंड ने चिंता जताई है। इसे स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के लिए गंभीर खतरा बताया है। व्हाइट हाउस के अनुसार, इस संबंध में चारों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक 18 अप्रैल को बुलाई गई थी।
व्हाइट हाउस ने कहा, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक कर्ट कैंपबेल और पूर्वी एशिया से जुड़े मामलों के सहायक विदेश मंत्री डेनियल क्रिटेनब्रिंक द्वारा होनोलूलू में बुलाई गई बैठक में अमेरिकी नौसेना के हिंद-प्रशांत क्षेत्र के कमांडर एडमिरल जॉन सी एक्विलिन समेत ऑस्ट्रेलिया, जापान और न्यूजीलैंड के कमांड और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
अमेरिका ने समुद्री सुरक्षा और आर्थिक विकास से लेकर जलवायु संकट और कोविड-19 जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए इस क्षेत्र में अपनी भागीदारी तेज करने का संकल्प लिया है। व्हाइट हाउस के एक बयान में कहा गया है कि “हम प्रशांत द्वीप राष्ट्रों के साथ हमेशा घनिष्ठ साझेदारी रखेंगे। होनोलूलू में, अधिकारियों ने प्रशांत द्वीप समूह के लिए चारों देशों ने स्थायी और साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की।”
चारों देशों की चिंताएं साझा
व्हाइट हाउस ने कहा, चारों देशों के अधिकारियों ने सोलोमन द्वीप समूह और चीन के बीच एक प्रस्तावित सुरक्षा ढांचे और हिंद-प्रशांत के लिए गंभीर खतरेे पर अपनी चिंताएं साझा कीं। ऑस्ट्रेलिया ने कहा, चीन इस महाद्वीप के देशों को डराने के लिए सोलोमन द्वीप में नौसैनिक ठिकाना बनाना चाहता है। अमेरिका ने कहा यह समझौता प्रशांत द्वीप में चीनी सैन्य बलों की तैनाती के लिए द्वार खोलेगा।
विस्तार
चीन और सोलोमन द्वीप के बीच प्रस्तावित सुरक्षा ढांचे को लेकर अमेरिका समेत ऑस्ट्रेलिया, जापान और न्यूजीलैंड ने चिंता जताई है। इसे स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के लिए गंभीर खतरा बताया है। व्हाइट हाउस के अनुसार, इस संबंध में चारों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक 18 अप्रैल को बुलाई गई थी।
व्हाइट हाउस ने कहा, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक कर्ट कैंपबेल और पूर्वी एशिया से जुड़े मामलों के सहायक विदेश मंत्री डेनियल क्रिटेनब्रिंक द्वारा होनोलूलू में बुलाई गई बैठक में अमेरिकी नौसेना के हिंद-प्रशांत क्षेत्र के कमांडर एडमिरल जॉन सी एक्विलिन समेत ऑस्ट्रेलिया, जापान और न्यूजीलैंड के कमांड और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
अमेरिका ने समुद्री सुरक्षा और आर्थिक विकास से लेकर जलवायु संकट और कोविड-19 जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए इस क्षेत्र में अपनी भागीदारी तेज करने का संकल्प लिया है। व्हाइट हाउस के एक बयान में कहा गया है कि “हम प्रशांत द्वीप राष्ट्रों के साथ हमेशा घनिष्ठ साझेदारी रखेंगे। होनोलूलू में, अधिकारियों ने प्रशांत द्वीप समूह के लिए चारों देशों ने स्थायी और साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की।”
चारों देशों की चिंताएं साझा
व्हाइट हाउस ने कहा, चारों देशों के अधिकारियों ने सोलोमन द्वीप समूह और चीन के बीच एक प्रस्तावित सुरक्षा ढांचे और हिंद-प्रशांत के लिए गंभीर खतरेे पर अपनी चिंताएं साझा कीं। ऑस्ट्रेलिया ने कहा, चीन इस महाद्वीप के देशों को डराने के लिए सोलोमन द्वीप में नौसैनिक ठिकाना बनाना चाहता है। अमेरिका ने कहा यह समझौता प्रशांत द्वीप में चीनी सैन्य बलों की तैनाती के लिए द्वार खोलेगा।
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