वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Tue, 05 Apr 2022 09:20 AM IST
सार
शंघाई में एक दिन में रिकॉर्ड 8 हजार 581 केस दर्ज किए गए हैं। देश के कई प्रांतों में बेहद ही खतरनाक ओमिक्रोन वेरिएंट फैल गया है, जिससे लोगों के बीच एक बार दहशत का माहौल है।
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विस्तार
चीन के शंघाई में मरीजों से फुल हुए अस्पताल
हालात इतना खराब हो चुके हैं कि शंघाई के किसी भी अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने की जगह नहीं बची है। इसके बावजूद चीन का दावा है कि शंघाई में कोरोना संक्रमण से अभी तक किसी की मौत नहीं हुई है।
कोरोना को हराने के लिए सेना भी उतरी मैदान में
चीन ने सोमवार से जांच का बड़ा अभियान छेड़ दिया है। जांच के लिए सेना के जवानों व डॉक्टरों को बड़ी संख्या में मैदान में उतारा गया है। चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के 2000 से ज्यादा चिकित्साकर्मियों को रविवार को शंघाई भेजा गया, ताकि वहां कोरोना जांच में नागरिक प्रशासन की मदद की जा सके। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जियांग्सू, जेजियांग और बीजिंग समेत कई प्रांतों से भी डॉक्टरों व चिकित्साकर्मियों को वहां भेजा गया है। इस तरह करीब 10 हजार से ज्यादा लोगों की टीम जांच अभियान में जुटी है।
दो चरणों में लॉकडाउन
शंघाई में पिछले सोमवार को दो-चरणों में लॉकडाउन किया गया था। इसमें सभी लोगों को घरों में कैद रहने को कहा गया है। यहां रविवार को 8,581 एसिम्टोमैटिक और 425 सिम्टोमैटिक केस मिले थे। जांच अभियान के दौरान शहरवासियों का न्यूक्लिक एसिड टेस्ट किया जा रहा है। वहीं, नागरिकों को अपने स्तर पर एंटीजन टेस्ट के लिए भी कहा गया है। वैश्विक मानदंडों के मुताबिक शंघाई में कोराना की लहर ज्यादा तेज नहीं है, लेकिन चीन जिस ढंग से कोराना टेस्टिंग, ट्रैसिंग व क्वारंटाइन के कदम कर महामारी पर काबू पाता है, उस लिहाज से यह अहम है। चीन में सख्त क्वारंटाइन नियम हैं, उसके तहत सभी संक्रमित मरीजों व उनके संपर्क में आए लोगों को अन्य लोगों से अलग कर दिया जाता है।
क्वारंटीन केंद्रों पर भीड़, स्वच्छता की कमी व खाने-पीने के सामान व आवश्यक दवाओं की कमी से वहां भेजे गए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उधर, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने महामारी पर तेजी व सख्ती से काबू पाने का निर्देश दिया है।