एजेंसी, बीजिंग।
Published by: देव कश्यप
Updated Mon, 21 Feb 2022 05:48 AM IST
सार
स्थानीय पुलिसकर्मियों के साथ ही चीन की केंद्रीय सरकार ने भिक्षुओं की परख के लिए एक निगरानी अधिकारी भी तैनात किया है। इसके अलावा अधिकारी युवा भिक्षुओं पर चीन के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने का दबाव बनाते रहते हैं। चीन लंबे समय से तिब्बत में बौद्ध संस्कृति का दमन कर रहा है।
तिब्बत को अपने नियंत्रण में बनाए रखने और बौद्ध संस्कृति के दमन के लिए चीन ने तिब्बत के बौद्ध मठों में निगरानी के ठिकाने बना दिए हैं। हालात की जानकारी देते हुए रेडियो फ्री एशिया (आरएफए) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि तिब्बत के किंघई प्रांत में पल्युल थरतांग गोंचेन मठ में हाल ही में निगरानी इकाई स्थापित की गई है। मठ के बाहर काफी वर्ष से पुलिस चौकी बनी हुई थी, जिसका मूल काम मठ की गतिविधियों पर निगरानी करना था। अब इसे मठ के अंदर कर दिया गया है।
स्थानीय पुलिसकर्मियों के साथ ही चीन की केंद्रीय सरकार ने भिक्षुओं की परख के लिए एक निगरानी अधिकारी भी तैनात किया है। इसके अलावा अधिकारी युवा भिक्षुओं पर चीन के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने का दबाव बनाते रहते हैं। चीन लंबे समय से तिब्बत में बौद्ध संस्कृति का दमन कर रहा है, लेकिन बौद्ध मठों की वजह से यह अब भी बनी हुई है। अब चीन ने बौद्ध मठों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। चीन ने 1950 में तिब्बत पर कब्जा कर लिया था। 1959 के विद्रोह के दौरान 14वें दलाई लामा को भारत में आगर जान बचानी पड़ी थी। दलाई लामा तब से भारत में रहकर ही तिब्बत की निर्वासित सरकार चला रहे हैं।
हर जगह पुलिस के कैमरे, भिक्षुओं के मोबाइल पर इंस्टाल किया एप
मठ में हर जगह पुलिस के कैमरों से 24 घंटे निगरानी की जा रही है। सभी भिक्षुओं के मोबाइलों पर सरकार ने एप इंस्टाल किया है, जिससे उनकी हर गतिविधि पर नजर रहती है। इससे मठ के लोग किसी से बात करने से भी डरते हैं।
विस्तार
तिब्बत को अपने नियंत्रण में बनाए रखने और बौद्ध संस्कृति के दमन के लिए चीन ने तिब्बत के बौद्ध मठों में निगरानी के ठिकाने बना दिए हैं। हालात की जानकारी देते हुए रेडियो फ्री एशिया (आरएफए) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि तिब्बत के किंघई प्रांत में पल्युल थरतांग गोंचेन मठ में हाल ही में निगरानी इकाई स्थापित की गई है। मठ के बाहर काफी वर्ष से पुलिस चौकी बनी हुई थी, जिसका मूल काम मठ की गतिविधियों पर निगरानी करना था। अब इसे मठ के अंदर कर दिया गया है।
स्थानीय पुलिसकर्मियों के साथ ही चीन की केंद्रीय सरकार ने भिक्षुओं की परख के लिए एक निगरानी अधिकारी भी तैनात किया है। इसके अलावा अधिकारी युवा भिक्षुओं पर चीन के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने का दबाव बनाते रहते हैं। चीन लंबे समय से तिब्बत में बौद्ध संस्कृति का दमन कर रहा है, लेकिन बौद्ध मठों की वजह से यह अब भी बनी हुई है। अब चीन ने बौद्ध मठों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। चीन ने 1950 में तिब्बत पर कब्जा कर लिया था। 1959 के विद्रोह के दौरान 14वें दलाई लामा को भारत में आगर जान बचानी पड़ी थी। दलाई लामा तब से भारत में रहकर ही तिब्बत की निर्वासित सरकार चला रहे हैं।
हर जगह पुलिस के कैमरे, भिक्षुओं के मोबाइल पर इंस्टाल किया एप
मठ में हर जगह पुलिस के कैमरों से 24 घंटे निगरानी की जा रही है। सभी भिक्षुओं के मोबाइलों पर सरकार ने एप इंस्टाल किया है, जिससे उनकी हर गतिविधि पर नजर रहती है। इससे मठ के लोग किसी से बात करने से भी डरते हैं।
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