न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शशिधर पाठक
Updated Fri, 25 Mar 2022 11:10 PM IST
सार
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिर दोहराया कि भारत-चीन के बीच सीमा शांति का प्रयास ही दोनों देशों के बीच में आपसी विश्वास को मजबूत करेगा। यही रिश्ते में स्थिरता का आधार बनेगा।
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विस्तार
अभी इस भेंट-मुलाकात और आपसी सहमति को लेकर चीन के दूतावास या विदेश मंत्रालय ने कोई बयान जारी नहीं किया है। भारत की तरफ से कहा गया है कि भारत ने चीन से चिंताओं को साझा किया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिर दोहराया कि भारत-चीन के बीच सीमा शांति का प्रयास ही दोनों देशों के बीच में आपसी विश्वास को मजबूत करेगा। यही रिश्ते में स्थिरता का आधार बनेगा। विदेश मंत्री जयशंकर ने इस दौरान अपने समकक्ष से सभी अहम मुद्दे उठाए। उम्मीद है कि इसके नतीजे फलदायी साबित होंगे।
एस जयशंकर बोले- दोनों देशों के बीच में रिश्तों की प्रगति धीमी
प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद विदेश मंत्री जयशंकर का बयान आया। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच में जो मौजूदा स्थिति है, उसकी प्रगति बहुत धीमी है। उन्होंने कहा कि वह वांग यी से मिले और भेंट के दौरान इसमे तेजी लाने पर चर्चा हुई। जयशंकर ने कहा कि अप्रैल 2020 में सीमा पर चीन की कार्रवाइयों के दौरान दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ा, इसमें बाधा बहुंची। दो साल के दौरान सीमाई क्षेत्रों में तनाव का असर दोनों देशों के बीच नजर आया। हमारे बीच में इस आधार को मजबूत करने तथा सामने आ रही मुश्किलों को दूर करने का समझौता भी है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भी चीन के एनएसए से सीमा पर अंतरराष्ट्रीय समझौतों की अनुपालना पर जोर दिया। चीन की सेनाओं को पूरी तरह से पीछे ले जाने के लिए कहा और साथ मिलकर द्विपक्षीय संबंधों को नए चरण में ले जाने चर्चा की।
चीन के साथ गतिरोध के बावजूद फला-फूला द्विपक्षीय व्यापार
अप्रैल 2020 से दोनों देशों के रिश्ते में गतिरोध और खटास की स्थिति भले हो, लेकिन भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। भारत ने 2020 में जनवरी से नवंबर तक चीन को 17.33 अरब डॉलर का निर्यात किया था। 2021 में इसी अवधि के दौरान यह निर्यात बढ़कर 21.54 अरब डॉलर का हो गया। इसके सामानांतर 2020 में जनवरी से नवंबर के बीच में भारत ने चीन से 52.16 अरब डॉलर का आयात किया था। 2021 में इसी अवधि के दौरान यह आयात बढ़कर 78.88 अरब डॉलर का हो गया।
पिछले सालों की तुलना करें तो इस अवधि के दौरान भारत को 2020 में 34.83 अरब डालर और 2021 में 57.34 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ। करीब सात साल पहले 2013-14 के आंकड़े पर गौर करें तो भारत ने चीन को 11.93 अरब डॉलर का निर्यात किया था, जबकि आयात 51.03 अरब डॉलर का था। इस अवधि में यह व्यापार घाटा 39.1 अरब डॉलर का था। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में यह असंतुलन और बढ़ सकता है।
वांग ने कही यह बात
वहीं, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सीमा मुद्दे पर अपने मतभेदों को द्विपक्षीय संबंधों में यथोचित स्थान पर रखने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि दोनो देशों के संबंध सही दिशा में बने रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहला- दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों को दीर्घकालिक दृष्टि से देखना चाहिए। दूसरा- उन्हें एक-दूसरे की उन्नति को सकारात्मक मानसिकता के साथ देखना चाहिए और तीसरा- दोनों देशों को सहयोग के रवैये के साथ बहुपक्षीय प्रक्रिया में भाग लेना चाहिए।
