वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, सेंटियागो
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Tue, 07 Dec 2021 10:57 PM IST
सार
अब चिली भी उन देशों की जमात में शामिल हो गया है, जहां समलैंगिक विवाहों को मंजूरी दी जा चुकी है। ये देश ज्यादातर कैथोलिक लैटिन अमेरिकी देश हैं। उनके भी समान कानून हैं।
प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : Social Media
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विस्तार
आखिरकार चिली की कांग्रेस (संसद) ने बहुप्रतीक्षित समलैंगिक विवाहों को मंजूरी देने वाले विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी। इससे ऐसे विवाहों को कानूनी मंजूरी देने का रास्ता साफ हो गया है।
अब चिली भी उन देशों की जमात में शामिल हो गया है, जहां समलैंगिक विवाहों को मंजूरी दी जा चुकी है। ये देश ज्यादातर कैथोलिक लैटिन अमेरिकी देश हैं। उनके भी समान कानून हैं। इस विधेयक को राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा का समर्थन प्राप्त है। अंतिम मंजूरी के लिए उन्हें इस विधेयक पर हस्ताक्षर करना होंगे। इसके बाद यह कानून लागू हो जाएगा। इसमें विवाहित समलैंगिक जोड़ों को बच्चे गोद लेने का भी अधिकार रहेगा।
विधेयक को चिली की संसद के ऊपरी सदन, या सीनेट से मंगलवार से हरी झंडी मिली। इसके तुरंत बाद निचले चैंबर ऑफ डेप्युटी द्वारा इसे 82 वोटों के समर्थन से पारित किया गया। विरोध में 20 वोट पड़े।
लैटिन अमेरिकी देशों में समलैंगिक जोड़े अब तक केवल कोस्टा रिका, इक्वाडोर, कोलंबिया, ब्राजील, उरुग्वे, अर्जेंटीना और मैक्सिको के 32 राज्यों में से 14 में शादी कर सकते थे। अब चिली भी उसी जमात में शामिल हो गया है।
चिली ने 2015 में समलैंगिक संगठनों को वैध कर दिया था। इसके बाद से समलैंगिक विवाह को वैध बनाने के लिए बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था। तत्कालीन राष्ट्रपति मिशेल बाचेलेट ने 2017 में कांग्रेस को एक इससे संबंधित विधेयक भेजा था।इसके बाद एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए उनके रूढ़िवादी उत्तराधिकारी पिनेरा ने इसी साल जून में घोषणा की कि वह बिल को तत्काल पारित करने की मांग करेंगे।