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गुजरात: सोशल मीडिया में पोस्ट लिखने पर युवक की हत्या, दो मौलाना गिरफ्तार, आतंकवाद रोधी कानूनों में केस

एएनआई, अहमदाबाद
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Wed, 02 Feb 2022 11:31 AM IST

सार

मौलाना अयूब जावरावाला के अहमदाबाद के जमालपुर इलाके में स्थित घर की तलाशी के दौरान एक शस्त्र व मौलाना अयूब द्वारा लिखी गई धार्मिक किताबें मिलीं। 

गुजरात एटीएस की गिरफ्त में मौलाना कमरगनी
– फोटो : ANI

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गुजरात एटीएस ने किशन भारवाड़ हत्याकांड में गिरफ्तार दो मौलानाओं के खिलाफ बुधवार को कठोर कानूनी कार्रवाई की। सोशल मीडिया में मुस्लिमों के खिलाफ कथित तौर पर पोस्ट लिखने पर भारवाड़ की अहमदाबाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 

मौलाना अयूब और मौलाना कमरगनी उस्मानी के खिलाफ गुजरात आतंकवाद रोधी कानून, गुजरात संगठित अपराध कानून और गैर कानूनी गतिविधि निवारक कानून (UAPA) जैसे कठोर कानूनों की धाराएं भी लगा दी हैं। इससे अब इनकी जल्द रिहाई नहीं हो सकेगी। 

गुजरात एटीएस ने आरोपियों के खिलाफ गुजरात आतंकवाद और संगठित अपराध नियंत्रण कानून की धारा 3(1)(1) और यूएपीए कानून की धारा 3(2) भी जोड़ दी है। एटीएस ने अपने बयान में कहा कि मौलाना अयूब जावरावाला के अहमदाबाद के जमालपुर इलाके में स्थित घर की तलाशी के दौरान एक शस्त्र व मौलाना अयूब द्वारा लिखी गई धार्मिक किताबें मिलीं। 

पुलिस ने मौलाना अयूब को तब गिरफ्तार किया जब यह खुलासा हुआ कि अयूब जावरावाला ने भारवाड़ को मारने के लिए हथियार का इंतजाम किया था। इसके साथ ही दिल्ली के मौलाना कमरगनी उस्मानी को भी गिरफ्तार किया गया था। गुजरात एटीएस का कहना है कि यूएपीए को आतंकवाद से संबंधित मामलों में लागू किया जाना चाहिए। इसमें मामले की जांच होने तक आरोपी को अग्रिम जमानत या जमानत मिलने की संभावना नहीं रहती है। 

30 साल के युवक किशन भारवाड़ की अहमदाबाद के धांधुका इलाके में मंगलवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। किशन भारवाड़ ने कथित तौर पर सोशल मीडिया में मुस्लिमों के खिलाफ पोस्ट की थी। गुजरात एटीएस के अनुसार मौलाना ‘तहरीक फरगोह-ए-इस्लामी’ नाम से एक संगठन चलाता है। यह अल्पसंख्यक मुस्लिमों को उन लोगों की हत्या के लिए उकसाता है, जो इस्लाम का अनादर करते हैं।

विस्तार

गुजरात एटीएस ने किशन भारवाड़ हत्याकांड में गिरफ्तार दो मौलानाओं के खिलाफ बुधवार को कठोर कानूनी कार्रवाई की। सोशल मीडिया में मुस्लिमों के खिलाफ कथित तौर पर पोस्ट लिखने पर भारवाड़ की अहमदाबाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 

मौलाना अयूब और मौलाना कमरगनी उस्मानी के खिलाफ गुजरात आतंकवाद रोधी कानून, गुजरात संगठित अपराध कानून और गैर कानूनी गतिविधि निवारक कानून (UAPA) जैसे कठोर कानूनों की धाराएं भी लगा दी हैं। इससे अब इनकी जल्द रिहाई नहीं हो सकेगी। 

गुजरात एटीएस ने आरोपियों के खिलाफ गुजरात आतंकवाद और संगठित अपराध नियंत्रण कानून की धारा 3(1)(1) और यूएपीए कानून की धारा 3(2) भी जोड़ दी है। एटीएस ने अपने बयान में कहा कि मौलाना अयूब जावरावाला के अहमदाबाद के जमालपुर इलाके में स्थित घर की तलाशी के दौरान एक शस्त्र व मौलाना अयूब द्वारा लिखी गई धार्मिक किताबें मिलीं। 

पुलिस ने मौलाना अयूब को तब गिरफ्तार किया जब यह खुलासा हुआ कि अयूब जावरावाला ने भारवाड़ को मारने के लिए हथियार का इंतजाम किया था। इसके साथ ही दिल्ली के मौलाना कमरगनी उस्मानी को भी गिरफ्तार किया गया था। गुजरात एटीएस का कहना है कि यूएपीए को आतंकवाद से संबंधित मामलों में लागू किया जाना चाहिए। इसमें मामले की जांच होने तक आरोपी को अग्रिम जमानत या जमानत मिलने की संभावना नहीं रहती है। 

30 साल के युवक किशन भारवाड़ की अहमदाबाद के धांधुका इलाके में मंगलवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। किशन भारवाड़ ने कथित तौर पर सोशल मीडिया में मुस्लिमों के खिलाफ पोस्ट की थी। गुजरात एटीएस के अनुसार मौलाना ‘तहरीक फरगोह-ए-इस्लामी’ नाम से एक संगठन चलाता है। यह अल्पसंख्यक मुस्लिमों को उन लोगों की हत्या के लिए उकसाता है, जो इस्लाम का अनादर करते हैं।

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