videsh

क्या युद्ध तय?: अमेरिका ने 8500 सैनिकों को 'हाई अलर्ट' पर रखा, पूर्वी यूरोप की रक्षा के लिए नाटो ने रूस सीमा पर तैनात किए फाइटर जेट-युद्धपोत

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ब्रसेल्स
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Tue, 25 Jan 2022 02:39 AM IST

सार

गौरतलब है कि नाटो यूरोप और उत्तरी अमेरिका के 30 देशों का संगठन है। नाटो संधि के तहत गठबंधन के किसी भी देश पर हमला पूरे नाटो पर हमला माना जाएगा और ये संगठन दुश्मनों पर कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा।

ब्रिटेन ने यूक्रेन पर खतरे को देखते हुए हाल ही में उसे एंटी-टैंक हथियार मुहैया कराए हैं।
– फोटो : Social Media

ख़बर सुनें

पश्चिमी देशों के गठबंधन- उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) ने सोमवार को एलान किया कि वह पूर्वी यूरोप की सीमाओं पर बड़ी संख्या में फाइटर जेट्स और युद्धपोत तैनात कर रहा है। इसके साथ ही वह रूस से लगती सीमाओं पर अतिरिक्त सैन्यबलों को भी स्टैंडबाई पर रख रहा है। नाटो की ओर से यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब रूस लगातार अपनी तरफ से लगने वाली यूक्रेन सीमा पर सैनिकों की तैनाती कर रहा है। हालिया रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ है कि रूस अब तक कम से कम एक लाख सैनिक यूक्रेन सीमा पर भेज चुका है। रूसी टुकड़ियां यहां युद्धाभ्यास में भी जुटी हैं। 

गौरतलब है कि नाटो यूरोप और उत्तरी अमेरिका के 30 देशों का संगठन है। इसमें फ्रांस, बेल्जियम, लक्जम्बर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैंड, इटली, नॉर्वे, पुर्तगाल, जर्मनी, अमेरिका और तुर्की जैसे देश शामिल हैं। नाटो का गठन ही रूस के बड़े खतरे को देखते हुए किया गया था। इस संधि के तहत गठबंधन के किसी भी देश पर हमला पूरे नाटो पर हमला माना जाएगा और ये संगठन दुश्मनों पर कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा।

नाटो ने अपने ताजा बयान में कहा है कि वह बाल्टिक समुद्र के क्षेत्र में अपने बचाव की पूरी तैयारी कर रहा है। इसके लिए सीमाओं पर सैन्य टुकड़ियां तैनात कर दी गई हैं। मदद के लिए डेनमार्क की तरफ से बाल्टिक देश (रूस की सीमा से लगता देश) लिथुआनिया को एफ-16 फाइटर जेट्स भेजे गए हैं।  इसके अलावा स्पेन भी नाटो संधि के तहत बुल्गारिया को फाइटर जेट्स भेज रहा है। फ्रांस ने पहले ही बुल्गारिया में अपनी सेना भेजने की बात कही है। 

अमेरिका भी रूस से टक्कर लेने के लिए तैयार
इस बीच अमेरिका में कुछ अधिकारियों ने दावा किया है कि राष्ट्रपति जो बाइडन भी पूर्वी यूरोप और बाल्टिक देशों में अपनी सेना भेजने की तैयारी कर रहे हैं। पेंटागन ने कहा कि “यूक्रेन की सीमा पर चल रहे रूसी आक्रमण को देखते हुए पूर्वी यूरोप में संभावित तैनाती के लिए 8,500 अमेरिकी सैनिकों को ‘हाई अलर्ट’ पर रखा गया है।”

बताया गया है कि बाइडन ने सेना की टुकड़ियों के साथ अमेरिका के अत्याधुनिक फाइटर जेट्स और युद्धपोत भी रूस से लगते बाल्टिक समुद्र में उतारने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि बाइडन प्रशासन ने रूस के साथ सीधी टक्कर लेने का मन बना लिया है, जबकि कुछ दिनों पहले तक अमेरिका लगातार बातचीत के जरिए रूस से अपील कर रहा था कि लह यूक्रेन पर हमला करने की गलती न करे। 

अमेरिका-यूरोप को यूक्रेन पर हमले की आशंका
अमेरिका को आशंका है कि रूस जल्द ही यूक्रेन पर हमला कर सकता है। बीते दिनों राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि उन्हें लगता है कि उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में दखलंदाजी करेंगे, लेकिन उन्हें जंग से बचना चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी आशंका जताई है कि रूस जल्द ही’ यूक्रेन पर हमला कर सकता है।

विस्तार

पश्चिमी देशों के गठबंधन- उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) ने सोमवार को एलान किया कि वह पूर्वी यूरोप की सीमाओं पर बड़ी संख्या में फाइटर जेट्स और युद्धपोत तैनात कर रहा है। इसके साथ ही वह रूस से लगती सीमाओं पर अतिरिक्त सैन्यबलों को भी स्टैंडबाई पर रख रहा है। नाटो की ओर से यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब रूस लगातार अपनी तरफ से लगने वाली यूक्रेन सीमा पर सैनिकों की तैनाती कर रहा है। हालिया रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ है कि रूस अब तक कम से कम एक लाख सैनिक यूक्रेन सीमा पर भेज चुका है। रूसी टुकड़ियां यहां युद्धाभ्यास में भी जुटी हैं। 

गौरतलब है कि नाटो यूरोप और उत्तरी अमेरिका के 30 देशों का संगठन है। इसमें फ्रांस, बेल्जियम, लक्जम्बर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैंड, इटली, नॉर्वे, पुर्तगाल, जर्मनी, अमेरिका और तुर्की जैसे देश शामिल हैं। नाटो का गठन ही रूस के बड़े खतरे को देखते हुए किया गया था। इस संधि के तहत गठबंधन के किसी भी देश पर हमला पूरे नाटो पर हमला माना जाएगा और ये संगठन दुश्मनों पर कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा।

नाटो ने अपने ताजा बयान में कहा है कि वह बाल्टिक समुद्र के क्षेत्र में अपने बचाव की पूरी तैयारी कर रहा है। इसके लिए सीमाओं पर सैन्य टुकड़ियां तैनात कर दी गई हैं। मदद के लिए डेनमार्क की तरफ से बाल्टिक देश (रूस की सीमा से लगता देश) लिथुआनिया को एफ-16 फाइटर जेट्स भेजे गए हैं।  इसके अलावा स्पेन भी नाटो संधि के तहत बुल्गारिया को फाइटर जेट्स भेज रहा है। फ्रांस ने पहले ही बुल्गारिया में अपनी सेना भेजने की बात कही है। 

अमेरिका भी रूस से टक्कर लेने के लिए तैयार

इस बीच अमेरिका में कुछ अधिकारियों ने दावा किया है कि राष्ट्रपति जो बाइडन भी पूर्वी यूरोप और बाल्टिक देशों में अपनी सेना भेजने की तैयारी कर रहे हैं। पेंटागन ने कहा कि “यूक्रेन की सीमा पर चल रहे रूसी आक्रमण को देखते हुए पूर्वी यूरोप में संभावित तैनाती के लिए 8,500 अमेरिकी सैनिकों को ‘हाई अलर्ट’ पर रखा गया है।”

बताया गया है कि बाइडन ने सेना की टुकड़ियों के साथ अमेरिका के अत्याधुनिक फाइटर जेट्स और युद्धपोत भी रूस से लगते बाल्टिक समुद्र में उतारने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि बाइडन प्रशासन ने रूस के साथ सीधी टक्कर लेने का मन बना लिया है, जबकि कुछ दिनों पहले तक अमेरिका लगातार बातचीत के जरिए रूस से अपील कर रहा था कि लह यूक्रेन पर हमला करने की गलती न करे। 

अमेरिका-यूरोप को यूक्रेन पर हमले की आशंका

अमेरिका को आशंका है कि रूस जल्द ही यूक्रेन पर हमला कर सकता है। बीते दिनों राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि उन्हें लगता है कि उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में दखलंदाजी करेंगे, लेकिन उन्हें जंग से बचना चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी आशंका जताई है कि रूस जल्द ही’ यूक्रेन पर हमला कर सकता है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: