न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Tue, 08 Mar 2022 09:32 AM IST
सार
देश में अभी सक्रिय केस 49,948 हैं। बीते 24 घंटे में ये 4170 घटे हैं। 8055 लोग और स्वस्थ हो गए हैं। इस तरह अब तक तक कुल 4,24,06,150 ठीक हो गए हैं।
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विस्तार
देश में अभी सक्रिय केस 49,948 हैं। बीते 24 घंटे में ये 4170 घटे हैं। 8055 लोग और स्वस्थ हो गए हैं। इस तरह अब तक तक कुल 4,24,06,150 ठीक हो गए। मंगलवार सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार सक्रिय केस की संख्या कुल कोरोना संक्रमितों की 0.12 फीसदी है। दैनिक सकारात्मकता दर positivity rate घटकर 0.46 फीसदी रह गई है, जबकि साप्ताहिक सकारात्मकता दर 0.68 फीसदी है।
179.13 करोड़ खुराक दी
देश में 16 जनवरी 2021 से शुरू किए गए कोरोना रोधी महा टीकाकरण अभियान के तहत अब तक कुल 179.13 करोड़ टीकों की खुराक दी जा चुकी है। कोविड-19 महामारी का तीसरा साल शुरू हो गया है और वायरस का संक्रमण अब तक आधिकारिक रूप से 60.22 लाख लोगों की जान ले चुका है। इससे पता चलता है कि महामारी की समाप्ति अभी दूर है। वर्ल्डोमीटर के मुताबिक पिछले दो वर्षों में इस महामारी से 44.69 करोड़ लोग संक्रमित हुए हैं। इसके चलते पूरी दुनिया में यात्रा और कारोबार ठप्प हो गए जो अब बहाल होने की स्थिति में आ रहे हैं।
चीन में संक्रमण के मामलों में फिर बढ़ोतरी दर्ज
चीन में कोविड से निपटने के लिए ‘जीरो टॉलरेंस’ (कतई बर्दाश्त न करने) के कठोर रुख के बावजूद संक्रमण के नए मामले बढ़ रहे हैं। यहां सोमवार को पिछले 24 घंटे में 214 नए मामले आए। इससे पता चलता है कि देश में संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैलने लगा है। वुहान में भी संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं। चीन में बीते 24 घंटे में 54 मामले जिलिन प्रांत में और 46 मामले पूर्वी शादोंडोंग प्रांत में आए। इनमें सर्वाधिक 69 मामले दक्षिणी गुआंगदोंग प्रांत में आए जिसकी सीमा हांगकांग से लगती है।
पहली बार हिरण में मिला ओमिक्रॉन स्वरूप
एक शोध के मुताबिक अमेरिका में रहने वाले सफेद पूंछ वाले हिरण सक्रिय रूप से सॉर्स-कोव-2 के ओमिक्रॉन स्वरूप से संक्रमित होते हैं। यह वायरस कोविड-19 के सबसे खतरनाक स्वरूपों में से एक रहा है।हाल ही में प्रिप्रिंट रिपोजिटरी बॉयोरेक्सिव पर पोस्ट पीयर-रिव्यू के अध्ययन में ऑमिक्रॉन संक्रमित हिरणों में से एक में सॉर्स-कोव-2 के प्रति एंटीबॉडी को बेअसर करने का भी पता चला है। शोधकर्र्ता वेंडेग्रिफ्ट ने कहा, हमारी खोज से पता चलता है कि इनमें से कुछ जानवरों के भीतर यह वायरस मौजूद रहा है। यह खोज किसी जीवित प्रजाति में सॉर्स-कोव-2 वायरस का पहला प्रत्यक्ष प्रमाण है।