सार
जंग के छठे दिन रूस ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर जमकर गोलाबारी की। यही नहीं, रूसी हमले की जद में अब करीब-करीब सभी अहम शहर आ गए हैं। हालांकि, रूस अपने मंसूबे में सफल होता नहीं दिख रहा। यूक्रेनी रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने कहा, रूस की ओर से हो रहे रॉकेट हमले दर्शाते हैं कि वे यूक्रेन के जज्बे को आसानी से नहीं तोड़ पा रहा। वहीं, आर्थिक रूप से भी खासा नुकसान नहीं दिख रहा है। यूक्रेन के सेंट्रल बैंक के गवर्नर काइरिलो शेचेंको ने कहा कि देश में बैंक व्यवस्था ठीक चल रही है। जहां भी संभव है नकदी पहुंचाई जा रही है। तस्वीर खारकीव में प्रशासनिक भवन के बाहर की है।
यूक्रेन की राजधानी कीव और दूसरे बड़े शहर खारकीव पर कब्जे के लिए रूस को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। मंगलवार को भी उसके फौजियों ने भारी बमबारी की और रिहायशी इलाकों को भी निशाना बनाने से नहीं चूके। सामरिक विशेषज्ञों के मुताबिक, मौजूदा हालात के मद्देनजर हताश रूसी कमांडर यूक्रेन में आगे विनाशकारी रणनीति अपना सकते हैं।
जानकारों का कहना है, जंग छेड़ने के एक हफ्ते बाद भी मास्को पड़ोसी का कोई बड़ा शहर अपनी गिरफ्त में नहीं ले पाया है। यही वजह है कि रूस की ओर से बीते दशकों में सीरिया और चेचन्या में अपनाई गई सैन्य रणनीति देखने को मिल सकती है। इन देशों में रूसी सेना ने टैंकों के जरिए हजारों नागरिकों को मार गिराया था।
तेल कंपनी शैल ने छोड़ा रूस, रूबल धराशाई
यूक्रेन पर हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों ने रूसी अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ उसे काफी पीछे धकेल दिया है।
- वैश्विक प्रतिबंधों और वित्तीय अलगाव की कड़ी में अब पश्चिमी तेल कंपनी शैल ने रूस से बाहर जाने का एलान कर दिया है।
- रूबल में गिरावट के बाद रूसी बैंकों से अपनी पूंजी को निकालने के लिए उनके बाहर लोगों की लंबी कतारें लग रही हैं।
ब्रिटेन का दावा, पिछले 24 घंटों में ज्यादा सफल नहीं रही रूसी फौज
इस बीच, मंगलवार को ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने अपनी खुफिया जानकारी के आधार पर बताया कि कीव की ओर बढ़ रही रूसी सेना को बीते 24 घंटों में यूक्रेन के प्रतिरोध और लॉजिस्टिक दिक्कतों के चलते बहुत कम सफलता मिली है। हालांकि, रूसी रणनीति ने नागरिकों के लिए बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। रूस के सैनिक सघन आबादी वाले शहरों में तेज बमबारी कर रहे हैं, जिससे जानमाल का नुकसान बढ़ने वाला है।
क्लस्टर बम : मीलों तक उड़ते हैं बमों के गुच्छे
क्लस्टर बम कई बमों का गुच्छा होता है। इसे फाइटर जेट की मदद से गिराया जाता है। एक ही क्लस्टर बम में कई बम गुच्छे होते हैं। खास बात यह है कि दागे जाने के बाद क्लस्टर बम अपने भीतर के बमों को गिराने से पहले हवा में मीलों तक उड़ सकते हैं। ये विनाशकारी बम जिस जगह पर गिरते हैं, वहां 25 से 30 मीटर के दायरे में भयानक तबाही मचा सकते हैं।
कीव आ रहे रूसी सैनिकों को मार गिराया : जेलेंस्की
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा, दुश्मन का निशाना कीव है लेकिन भारी हमलों के बावजूद वह अब तक हमारी सेना के कब्जे में है। कीव पर चढ़ाई करने आ रहे रूसी सैनिकों को हमने मार गिराया है।
परमाणु युद्ध की चिंता न करें : बाइडन
राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर पश्चिमी प्रतिशोध के बीच मॉस्को द्वारा परमाणु निवारक को हाई अलर्ट पर रखने के बावजूद अमेरिकियों को परमाणु युद्ध के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, परमाणु हथियारों पर ऐसी बयानबाजी खतरनाक है। यह जोखिम बढ़ाती है, इससे बचना चाहिए और हम इसमें शामिल नहीं होंगे। पेंटागन ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बयान को अनावश्यक और उकसाने वाला बताया। पेंटागन इस धमकी की समीक्षा व विश्लेषण कर रहा है।
वैक्यूम बम
- सबसे खतरनाक गैर-परमाणु हथियार, जो शरीर को बना देता है भाप
- दावा…रूस ने यूक्रेन पर किया प्रतिबंधित बम का इस्तेमाल
- यूक्रेन पर हमले के पांचवें दिन रूस पर प्रतिबंधित क्लस्टर और वैक्यूम बम के इस्तेमाल का आरोप लगा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने इसका दावा किया। इस खतरनाक बम का इस्तेमाल दुश्मन सैनिकों पर किया जाता है। आम नागरिकों पर इसे चलाना युद्ध अपराध है।
जिनेवा सम्मेलन के तहत निषेध
- वैक्यूम बम या थर्मोबैरिक हथियार अत्यधिक मात्रा में तापमान पैदा करने के लिए आसपास के ऑक्सीजन को सोख लेता है। इससे वैक्यूम बम पारंपरिक हथियारों के मुकाबले ज्यादा तबाही मचाता है।
- वैक्यूम बम के स्प्रे वातावरण में चारों ओर फैल जाते हैं और दुश्मनों के बंकर के अंदर तक आसानी से घुस जाते हैं। उसके बाद बम में लगा इग्निशन सोर्स आग पैदा करता है।
- यह तेजी से पूरे इलाके में फैलकर एक जबरदस्त वैक्यूम बनाता है। बम इतना खतरनाक है कि पास में मौजूद इंसान तुरंत भाप में बदल जाता है। दूर के लोगों पर भी इसका इतना असर पड़ता है। उनके आंतरिक अंगों में खून बहने लगता है।
1960 में अमेरिका और रूस ने किया था विकसित
थर्मोबैरिक हथियारों को 1960 के दशक में अमेरिका और सोवियत संघ दोनों ने विकसित किया था। सितंबर, 2007 में रूस ने सबसे बड़े थर्मोबैरिक हथियार में विस्फोट किया। इससे 39.9 टन के बराबर ऊर्जा निकली थी।
विस्तार
यूक्रेन की राजधानी कीव और दूसरे बड़े शहर खारकीव पर कब्जे के लिए रूस को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। मंगलवार को भी उसके फौजियों ने भारी बमबारी की और रिहायशी इलाकों को भी निशाना बनाने से नहीं चूके। सामरिक विशेषज्ञों के मुताबिक, मौजूदा हालात के मद्देनजर हताश रूसी कमांडर यूक्रेन में आगे विनाशकारी रणनीति अपना सकते हैं।
जानकारों का कहना है, जंग छेड़ने के एक हफ्ते बाद भी मास्को पड़ोसी का कोई बड़ा शहर अपनी गिरफ्त में नहीं ले पाया है। यही वजह है कि रूस की ओर से बीते दशकों में सीरिया और चेचन्या में अपनाई गई सैन्य रणनीति देखने को मिल सकती है। इन देशों में रूसी सेना ने टैंकों के जरिए हजारों नागरिकों को मार गिराया था।
तेल कंपनी शैल ने छोड़ा रूस, रूबल धराशाई
यूक्रेन पर हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों ने रूसी अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ उसे काफी पीछे धकेल दिया है।
- वैश्विक प्रतिबंधों और वित्तीय अलगाव की कड़ी में अब पश्चिमी तेल कंपनी शैल ने रूस से बाहर जाने का एलान कर दिया है।
- रूबल में गिरावट के बाद रूसी बैंकों से अपनी पूंजी को निकालने के लिए उनके बाहर लोगों की लंबी कतारें लग रही हैं।
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