एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: Kuldeep Singh
Updated Sat, 25 Sep 2021 05:41 AM IST
सार
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने शुक्रवार को हैनिकन की यूनाइटेड ब्रूअरीज (यूबीएल) और डेनमार्क की कार्ल्सबर्ग दोनों पर 873 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इन कंपनियों के खिलाफ 2018 में पड़े छापों के बाद से आयोग मामले की जांच कर रहा था।
देश में बीयर बेचने वाली प्रमुख कंपनियों में शामिल हैनिकन की यूनाइटेड ब्रूअरीज (यूबीएल) और डेनमार्क की कार्ल्सबर्ग ने मिलीभगत कर बीयर की कीमतों को मनमाफिक ढंग से बढ़ाया। इसके लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने शुक्रवार को दोनों पर 873 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इन कंपनियों के खिलाफ 2018 में पड़े छापों के बाद से आयोग मामले की जांच कर रहा था।
इन्हीं तीन कंपनियों की बिकती हैं 88 प्रतिशत बीयर
मिलीभगत में शामिल तीसरी कंपनी अनहाईजर बुश इनबेव को बिना जुर्माना लगाए छोड़ दिया गया, क्योंकि उसने पूरे कार्टेल की पोल खोली और जांच में मदद दी। अनहाईजर ने भारत में सबमिलर कंपनी का काम संभालने के बाद बाकी कंपनियों द्वारा कार्टेल बनाकर बीयर की कीमतें बढ़ाने की आशंका आयोग के समक्ष जताई थी।
जांच में सहयोग किया इसलिए जुर्माना कम
यूबीएल पर 752 करोड़ और कार्ल्सबर्ग पर 121 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। दोनों ने जांच में सहयोग किया इसलिए जुर्माने की राशि कम की गई। अन्यथा यह कई सौ करोड़ हो सकती थी। कार्ल्सबर्ग के भारत में महानिदेशक नीलेश पटेल पर 17.48 लाख और यूबीएल के सेल्स प्रमुख किरण कुमार पर 4.79 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
आदेश के खिलाफ अपील कर सकती हैं कंपनियां
कार्ल्सबर्ग के प्रवक्ता ने कहा कि वे आदेश देख रहे हैं, इसके बाद ही आगे के कदम की जानकारी देंगे। बाकी कंपनियों ने भी यही जवाब दिया। माना जा रहा है कि कंपनियां आदेश के खिलाफ अपील कर सकती हैं।
मोडस ऑपरेंडी : अधिकारियों से सौदा
भारत में शराब का कारोबार कई जटिल नियमों से चलता है। राज्य सरकारें इनकी कीमत और इन पर टैक्स दरें तय करती हैं। इसके लिए हर साल निर्णय लिए जाते हैं। मौजूदा मामले में कंपनियों ने एकदूसरे के साथ मिलजुल कर कीमत बढ़ाने के लिए सरकारी अधिकारियों से सौदेबाजी की। कंपनियों ने एक-दूसरे से अपनी संवेदनशील कारोबारी सूचनाएं भी साझा की। इसमें प्रबंध निदेशक, उपाध्यक्ष, सेल्स व मार्केटिंग हेड शामिल थे।
विस्तार
देश में बीयर बेचने वाली प्रमुख कंपनियों में शामिल हैनिकन की यूनाइटेड ब्रूअरीज (यूबीएल) और डेनमार्क की कार्ल्सबर्ग ने मिलीभगत कर बीयर की कीमतों को मनमाफिक ढंग से बढ़ाया। इसके लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने शुक्रवार को दोनों पर 873 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इन कंपनियों के खिलाफ 2018 में पड़े छापों के बाद से आयोग मामले की जांच कर रहा था।
इन्हीं तीन कंपनियों की बिकती हैं 88 प्रतिशत बीयर
मिलीभगत में शामिल तीसरी कंपनी अनहाईजर बुश इनबेव को बिना जुर्माना लगाए छोड़ दिया गया, क्योंकि उसने पूरे कार्टेल की पोल खोली और जांच में मदद दी। अनहाईजर ने भारत में सबमिलर कंपनी का काम संभालने के बाद बाकी कंपनियों द्वारा कार्टेल बनाकर बीयर की कीमतें बढ़ाने की आशंका आयोग के समक्ष जताई थी।
जांच में सहयोग किया इसलिए जुर्माना कम
यूबीएल पर 752 करोड़ और कार्ल्सबर्ग पर 121 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। दोनों ने जांच में सहयोग किया इसलिए जुर्माने की राशि कम की गई। अन्यथा यह कई सौ करोड़ हो सकती थी। कार्ल्सबर्ग के भारत में महानिदेशक नीलेश पटेल पर 17.48 लाख और यूबीएल के सेल्स प्रमुख किरण कुमार पर 4.79 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
आदेश के खिलाफ अपील कर सकती हैं कंपनियां
कार्ल्सबर्ग के प्रवक्ता ने कहा कि वे आदेश देख रहे हैं, इसके बाद ही आगे के कदम की जानकारी देंगे। बाकी कंपनियों ने भी यही जवाब दिया। माना जा रहा है कि कंपनियां आदेश के खिलाफ अपील कर सकती हैं।
मोडस ऑपरेंडी : अधिकारियों से सौदा
भारत में शराब का कारोबार कई जटिल नियमों से चलता है। राज्य सरकारें इनकी कीमत और इन पर टैक्स दरें तय करती हैं। इसके लिए हर साल निर्णय लिए जाते हैं। मौजूदा मामले में कंपनियों ने एकदूसरे के साथ मिलजुल कर कीमत बढ़ाने के लिए सरकारी अधिकारियों से सौदेबाजी की। कंपनियों ने एक-दूसरे से अपनी संवेदनशील कारोबारी सूचनाएं भी साझा की। इसमें प्रबंध निदेशक, उपाध्यक्ष, सेल्स व मार्केटिंग हेड शामिल थे।
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