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कर्नाटक हिजाब विवाद: सीएम के साथ मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों की आज अहम बैठक, हालात पर होगा मंथन

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेंगलुरु
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 11 Feb 2022 06:45 AM IST

सार

 गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा इस मामले को शांत कर स्कूल कालेजों में पढ़ाई फिर शुरू होनी चाहिए। ये बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। हमें इनके दिमाग पर दबाव नहीं डालना चाहिए।

कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र
– फोटो : वीडियोग्रैब

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विस्तार

कर्नाटक में शुरू हुआ हिजाब विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई आज इस मुद्दे पर एक हाई-लेवल मीटिंग करेंगे। इस मीटिंग में सभी मंत्री और राज्य के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री इस बैठक में इस विवाद को लेकर जमीनी हालात की समीक्षा करेंगे। 

मुख्यमंत्री ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, ‘सरकार की जिम्मेदारी है कि वो राज्य में कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करे। सभी मंत्रियों, डिप्टी कमिश्नरों, पुलिस अधीक्षकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के संग शुक्रवार को समीक्षा बैठक होगी जिसमें सभी जिलों में जमीनी हालात की जानकरी ली जाएगी। इसके मुताबिक जरूरी निर्देश भी दिये जाएंगे। मैं शिक्षा मंत्री और गृह मंत्री के साथ लगातार संपर्क में हूं। शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वो जिला और तालुका स्तर के अधिकारियों से लगातार संपर्क में रहें।’

शांति बनाए रखने की अपील भी की

मुख्यमंत्री बसवराज ने कहा, ‘मैं हर किसी से अपील करता हूं कि वे मिलजुलकर काम करें और शांति व्यवस्था बरकरार रखें। कक्षा 10 तक के सभी कॉलेज सोमवार से खुलेंगे। डिग्री कॉलेज बाद में खोले जाएंगे।’ उन्होंने कहा कि ‘दूसरे चरण में 11वीं-12वीं और दूसरे डिग्री कॉलेज खोलने पर विचार किया जाएगा। जब तक हाईकोर्ट अपना फैसला नहीं देता तब तक राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।’

गृहमंत्री ने पुलिस को विद्यार्थियों से निपटते वक्त संयम बरतने का निर्देश दिया 

वहीं कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि हमारी सरकार ने पुलिस को कानून व्यवस्था कायम रखने के दौरान विद्यार्थियों से निपटते वक्त संयम बरतने का निर्देश दिया है। पुलिस की तैयारी पूरी है लेकिन जनता को भी सहयोग करना होगा। हमारी पुलिस पर्याप्त संयम रख रही है। अगर पुलिस सड़क पर आई और कानून के दायरे में रहते हुए कार्रवाई की तो विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में रहेगा।

 

मंत्री ने साथ ही विद्यार्थियों से ऐसे सांप्रदायिक तत्वों का शिकार होने से बचने की सलाह दी जो प्रदेश में सद्भाव बिगाड़ने के लिए हिजाब को हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं। हाईकोर्ट में सुनवाई पर मंत्री ने कहा, हमें उम्मीद थी कि वहां बुधवार को ही इसका निपटारा हो जाएगा। लेकिन इसे बड़ी पीठ के पास भेजा गया है। हमारे वकील अन्य अदालती आदेशों को भी कोर्ट में पेश करेंगे। इस बीच हमें कोर्ट का आदेश मानना होगा और लोगों को भी शांति कायम रखनी होगी।

बता दें कि हिजाब विवाद को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को राज्य में सभी स्कूलों और कॉलेजों को तीन दिनों तक बंद रखने का आदेश जारी किया था। सोमवार से स्कूल तो खुलेंगे लेकिन अभी कॉलेजों के दोबारा खुलने की तारीखों का एलान नहीं किया गया है।

कोर्ट में अगली सुनवाई 14 को

इससे पहले हिजाब विवाद को लेकर सुनवाई कर रही कर्नाटक उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई सोमवार, 14 फरवरी तक के लिए टाल दी। कर्नाटक हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने गुरुवार, 10 फरवरी की सुनवाई के दौरान मामले में अंतरिम आदेश देते हुए फैसला आने तक धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगा दी। साथ ही स्कूल-कॉलेज पुन: खोलने के निर्देश दिए।

महाराष्ट्र की शांति भंग न करें राजनीतिक दल

पड़ोसी राज्य कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद को लेकर महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने बृहस्पतिवार को सभी राजनीतिक दलों से इस मामले में विरोध प्रदर्शन व धरना देकर महाराष्ट्र की शांति भंग नहीं करने की अपील की।

प्रेस कान्फ्रेंस में पाटिल ने कहा, किसी दूसरे राज्य के मुद्दे को लेकर महज अपने राजनीतिक फायदे के लिए इसको लेकर महाराष्ट्र में माहौल बिगाड़ना गलत है। यह महाराष्ट्र और उसके लोगों के हित में नहीं है। मैं सभी दलों और संगठनों से इस मामले में सहयोग करने और शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। पुलिस भी कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

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