न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेंगलुरु
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Wed, 23 Mar 2022 10:32 AM IST
सार
तटीय कर्नाटक में कुछ अज्ञात लोगों ने एक विवादित बैनर लगाकर मंदिरों में लगने वाले मेलों में मुसलमानों की दुकानों पर बैन लगाने की मांग की है। बताया जा रहा है कि ये लोग दक्षिणपंथी हिंदू समूह के सदस्य हैं।
कर्नाटक में अभी हिजाब मामले पर बवाल खत्म नहीं हुआ कि एक और धार्मिक विवाद पैदा करने वाला मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तटीय कर्नाटक में कुछ अज्ञात लोगों ने एक विवादित बैनर लगाकर मंदिरों में लगने वाले मेलों में मुसलमानों की दुकानों पर बैन लगाने की मांग की है। बताया जा रहा है कि ये लोग दक्षिणपंथी हिंदू समूह के सदस्य हैं। वहीं भारी विरोध के बीच इन मेलों की आयोजन समितियों ने इस अनुचित मांग के आगे घुटने टेक दिए हैं। दक्षिणपंथी हिंदू समूहों का कहना है कि हिजाब पर आए फैसले के बाद मुस्लिम संगठनों ने अपनी दुकानें बंद रखने का एलान किया था। इसलिए मंदिरों को उन्हें वार्षिक मेले में स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
बैनर लगाकर कर रहे विरोध
दक्षिण कन्नड़ जिले में कुछ जगहों पर विवादित पोस्टर देखे गए जिसमें लिखा था कि ऐसे लोगों को यहां व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, जो कानून का सम्मान नहीं करते और एकता के खिलाफ हैं। जो लोग उन गायों को मारते हैं, जिनकी हम पूजा करते हैं। हिंदू अब जागरूक हो चुके हैं।
हिजाब मामले का असर
राज्य के तटीय क्षेत्र में मंदिरों के वार्षिक उत्सव, जो आमतौर पर अप्रैल-मई में आयोजित होते हैं, करोड़ों का राजस्व प्राप्त करते हैं। सांप्रदायिक तनाव के बावजूद, अतीत में इस तरह के त्योहारों ने शायद ही कभी किसी समुदाय की व्यावसायिक संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया हो। लेकिन हिजाब पर हाईकोर्ट के फैसले पर मुसलमानों द्वारा बुलाए गए बंद के बाद क्षेत्र के कई मंदिरों ने अपने त्योहारों में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगा दी।
20 अप्रैल को होने वाले नीलामी में मुसलमानों के भाग लेने पर रोक
20 अप्रैल को होने वाले महालिंगेश्वर मंदिर के वार्षिक उत्सव के आयोजकों ने नीलामी में मुसलमानों के भाग लेने पर रोक लगा दी है। आमंत्रण में, आयोजकों ने स्पष्ट किया है कि 31 मार्च को बोली में भाग लेने के लिए केवल हिंदू ही पात्र हैं। मंदिर के अधिकारी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे।
विस्तार
कर्नाटक में अभी हिजाब मामले पर बवाल खत्म नहीं हुआ कि एक और धार्मिक विवाद पैदा करने वाला मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तटीय कर्नाटक में कुछ अज्ञात लोगों ने एक विवादित बैनर लगाकर मंदिरों में लगने वाले मेलों में मुसलमानों की दुकानों पर बैन लगाने की मांग की है। बताया जा रहा है कि ये लोग दक्षिणपंथी हिंदू समूह के सदस्य हैं। वहीं भारी विरोध के बीच इन मेलों की आयोजन समितियों ने इस अनुचित मांग के आगे घुटने टेक दिए हैं। दक्षिणपंथी हिंदू समूहों का कहना है कि हिजाब पर आए फैसले के बाद मुस्लिम संगठनों ने अपनी दुकानें बंद रखने का एलान किया था। इसलिए मंदिरों को उन्हें वार्षिक मेले में स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
बैनर लगाकर कर रहे विरोध
दक्षिण कन्नड़ जिले में कुछ जगहों पर विवादित पोस्टर देखे गए जिसमें लिखा था कि ऐसे लोगों को यहां व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, जो कानून का सम्मान नहीं करते और एकता के खिलाफ हैं। जो लोग उन गायों को मारते हैं, जिनकी हम पूजा करते हैं। हिंदू अब जागरूक हो चुके हैं।
हिजाब मामले का असर
राज्य के तटीय क्षेत्र में मंदिरों के वार्षिक उत्सव, जो आमतौर पर अप्रैल-मई में आयोजित होते हैं, करोड़ों का राजस्व प्राप्त करते हैं। सांप्रदायिक तनाव के बावजूद, अतीत में इस तरह के त्योहारों ने शायद ही कभी किसी समुदाय की व्यावसायिक संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया हो। लेकिन हिजाब पर हाईकोर्ट के फैसले पर मुसलमानों द्वारा बुलाए गए बंद के बाद क्षेत्र के कई मंदिरों ने अपने त्योहारों में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगा दी।
20 अप्रैल को होने वाले नीलामी में मुसलमानों के भाग लेने पर रोक
20 अप्रैल को होने वाले महालिंगेश्वर मंदिर के वार्षिक उत्सव के आयोजकों ने नीलामी में मुसलमानों के भाग लेने पर रोक लगा दी है। आमंत्रण में, आयोजकों ने स्पष्ट किया है कि 31 मार्च को बोली में भाग लेने के लिए केवल हिंदू ही पात्र हैं। मंदिर के अधिकारी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे।
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