वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, जोहानिसबर्ग/लंदन/नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Sun, 28 Nov 2021 01:56 PM IST
सार
कुछ विशेषज्ञों का तो यहां तक मानना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट इन देशों के अलावा एक दर्जन और देशों में फैल चुका है और इसके केस धीरे-धीरे सामने आएंगे। यानी ओमिक्रॉन वैरिएंट का कहर जल्द ही और देशों में भी देखने को मिल सकता है।
ओमिक्रॉन का डर
– फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
कोरोनावायरस के नए वैरिएंट- ‘ओमिक्रॉन’ को लेकर दुनियाभर में डर बढ़ता जा रहा है। दरअसल, एक्सपर्ट्स ने इस वायरस को डेल्टा से भी खतरनाक करार दिया है, क्योंकि इसे अब तक का सबसे ज्यादा परिष्कृत यानी म्यूटेटेड वर्जन पाया गया है। उदाहरण के तौर पर जहां डेल्टा वैरिएंट में सिर्फ दो म्यूटेशन पाए गए थे, वहीं ओमिक्रॉन वैरिएंट में 30 से ज्यादा म्यूटेशन दर्ज किए गए हैं। इसी के चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस स्वरूप के पहले कुछ केस मिलने के दो दिन बाद ही इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न यानी कोरोना का चिंताजनक स्वरूप बता दिया था।
दो दिन के अंदर ही दोगुने देशों में पाया गया कोरोना का यह वैरिएंट
कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट ने वैज्ञानिकों के डर को बढ़ाना जारी भी रखा है। क्योंकि, जहां पहली बार दक्षिण अफ्रीका ने 24 नवंबर को इस वैरिएंट का खुलासा किया था, वहीं 26 नवंबर आते-आते ओमिक्रॉन 5 देशों तक फैल चुका था। अब 28 नवंबर तक ओमिक्रॉन के केस कम से कम 11 देशों में मिल चुके हैं। कुछ विशेषज्ञों का तो यहां तक मानना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट इन देशों के अलावा एक दर्जन और देशों में फैल चुका है और इसके केस धीरे-धीरे सामने आएंगे। यानी ओमिक्रॉन वैरिएंट का कहर जल्द ही और देशों में भी देखने को मिल सकता है।
अब तक कहां-कहां मिला कोरोना का नया वैरिएंट
कोरोनावायरस का ओमिक्रॉन वैरिएंट अब तक अफ्रीका से लेकर यूरोप के देशों में मिल चुका है। माना जा रहा है कि इसकी उत्पत्ति बोत्सवाना में हुई, लेकिन इससे जुड़ा पहला केस पता करने वाला देश दक्षिण अफ्रीका रहा। इससे पहले कि बाकी देश नए वैरिएंट को लेकर यात्रा प्रतिबंध या किसी तरह की चेतावनी जारी कर पाते, यह वैरिएंट ब्रिटेन, बेल्जियम, जर्मनी, इस्राइल, चेक गणराज्य, इटली, हॉन्गकॉन्ग और ऑस्ट्रेलिया तक फैल चुका है। नीदरलैंड्स में इससे जुड़े दो केस मिलने की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है। हालांकि, ब्रिटेन ने दो केस मिलने के बावजूद
भारत में कितना है ओमिक्रॉन फैलने का खतरा?
भारत ने मार्च 2020 में अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन भारतीय नागरिकों को विदेश भेजने या वापस भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय ने कुछ देशों से ‘एयर बबल’ के तहत फ्लाइट्स संचालन का समझौता किया है। इस समझौते के तहत दुनियाभर के कुछ महत्वपूर्ण देशों से भारत पूरे एहतियात के साथ फ्लाइट्स की आवाजाही सुनिश्चित करता है। मौजूदा समय में भारत का 31 देशों से एयर बबल का समझौता है। यानी इन देशों से लोग भारत आ-जा सकते हैं।
जिन देशों में ओमिक्रॉन वैरिएंट मिला है, उनमें से तीन देशों के साथ भारत का एयर बबल के तहत उड्डयन सेवाएं जारी रखने का समझौता है। यह देश हैं- ब्रिटेन, जर्मनी, और नीदरलैंड्स। ऐसे में भारत की ओर से इन तीन देशों की फ्लाइट्स पर खास नजर रखी जा रही है। केंद्र सरकार ने हाल ही में एलान किया था कि वह 15 दिसंबर से सभी देशों के साथ उड़ान सेवा बहाल कर देगी, लेकिन पीएम मोदी ने एक दिन पहले कोरोना पर उच्चस्तरीय बैठक के बाद इस फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कही है।
भारत में भी अलर्ट जारी
कोरोना के नए स्वरूप के खतरे को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए कंटेनमेंट और सर्विलांस को बढ़ाया जाए। इसके अलावा टीकाकरण की रफ्तार को भी तेज किया जाए।