न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Thu, 17 Mar 2022 07:24 PM IST
सार
ओआईसी की बैठक में हुर्रियत कान्फ्रेंस को आमंत्रित किये जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम इस तरह की गतिविधियों को बहुत गंभीरता से लेते हैं जो देश की एकता को नष्ट करने का प्रयास है और सम्प्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती हैं।
भारत के विदेश मंत्रालय का बयान।
– फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
भारत ने अगले हफ्ते इस्लामाबाद में होने वाली इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की बैठक में भाग लेने के लिए हुर्रियत कान्फ्रेंस को न्योता मिलने के मुद्दे पर नाराजगी जाहिर की है। विदेश मंत्रालय ने निशाना साधते हुए कहा कि हम इस तरह की गतिविधियों को बहुत गंभीरता से लेते हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘हम ओआईसी से उम्मीद करते हैं कि वह भारत-विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद में संलिप्त रहने वालों को प्रोत्साहित न करे।’’ ओआईसी की बैठक में हुर्रियत कान्फ्रेंस को आमंत्रित किये जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम इस तरह की गतिविधियों को बहुत गंभीरता से लेते हैं जो देश की एकता को नष्ट करने का प्रयास है और सम्प्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती हैं।
बागची ने कहा, ‘‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ओआईसी विकास संबंधी महत्वपूर्ण गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय अपने एक सदस्य के राजनीतिक एजेंडे के अनुसार काम कर रहा है।’’ प्रवक्ता ने पाकिस्तान के परोक्ष संदर्भ में कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ओआईसी महत्वपूर्ण विकास गतिविधियों पर ध्यान देने की बजाय एक सदस्य के राजनीतिक एजेंडे से मार्गदर्शित हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने बार बार ओआईसी से कहा है कि वह भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करने के लिये अपने मंच का इस्तेमाल निहित स्वार्थी तत्वों को प्रदान करने से बचे । ’’ बागची से उन खबरों के बारे में पूछा गया था जिसमें ओआईसी द्वारा आल पार्टी हुर्रियत कान्फ्रेंस को 25 एवं 23 मार्च को इस्लामाबाद में होने वाले उसकी बैठक में हिस्सा लेने के लिये आमंत्रित किया गया था।
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