एएनआई, ओटावा
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Sat, 19 Feb 2022 10:38 AM IST
सार
भारत के कई छात्रों ने उच्चायोग से संपर्क किया था। ये राइजिंग फीनिक्स इंटरनेशनल इंक द्वारा संचालित तीन संस्थानों में पढ़ रहे हैं।ये सभी क्यूबेक प्रांत में हैं।
ख़बर सुनें
विस्तार
भारत के कई छात्रों ने उच्चायोग से संपर्क किया था। ये राइजिंग फीनिक्स इंटरनेशनल इंक द्वारा संचालित तीन संस्थानों में नामांकित हैं। इन संस्थानों में कॉलेज एच मॉन्ट्रियल, शेरब्रुक में सीईडी कॉलेज और लॉन्ग्यूइल में सीसीएसक्यू कॉलेज शामिल हैं। ये सभी क्यूबेक प्रांत में हैं।
उच्चायोग कनाडा की संघीय सरकार, क्यूबेक की प्रांतीय सरकार के साथ-साथ प्रभावित छात्रों को सहायता प्रदान करने में लगा है। समस्या के समाधान के लिए भारतीय समुदाय के निर्वाचित कनाडाई प्रतिनिधियों के साथ भी संपर्क किया जा रहा है। उच्चायोग ने कहा कि यदि विद्यार्थियों को फीस के पुनर्भुगतान में या फीस ट्रांसफर करने में कोई दिक्कत आ रही हो तो वे क्यूबेक की सरकार के उच्च शिक्षा मंत्रालय में शिकायत कर सकते हैं। उधर, क्यूबेक सरकार ने प्रभावित विद्याथियों से कहा है कि वे उन शिक्षा संस्थानों से सीधा संपर्क करें, जहां वे पंजीकृत हैं।
उच्चायोग ने एडवायजरी में कहा है कि कनाडा में उच्च अध्ययन की योजना बनाने वाले भारत के विद्यार्थियों को फिर से सलाह दी जाती है कि वे ऐसे संस्थानों को कोई भुगतान करने से पहले संस्थान की विश्वसनीयता और स्थिति की पूरी तरह से जांच कर लें। संबंधित संस्थानों से कनाडा की संघीय या प्रांतीय सरकार की मान्यता का प्रमाण पत्र मांगें। सत्यापित संस्थानों की कनाडा सरकार की वेबसाइट पर सूची है। उसे देख लें।
पूरे कनाडा में जनवरी से आंदोलन चल रहा है। इसमें हजारों ट्रक चालक और सैकड़ों अन्य प्रदर्शनकारी अमेरिका-कनाडा सीमा पार करने वाले ट्रक ड्राइवरों के लिए वैक्सीन की अनिवार्यता का कड़ा विरोध व्यक्त करने के लिए ओटावा में जुटे। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि अधिकारी कोविड-19 प्रतिबंध हटा दें। यह आंदोलन अब सरकार विरोधी प्रदर्शन में तब्दील हो गया है। इसमें विभिन्न समूहों ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के विरोध में एकजुट होकर उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान कर दिया है।