अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली/कीव।
Published by: योगेश साहू
Updated Sat, 26 Mar 2022 06:45 AM IST
सार
रूसी फौज जब यूक्रेन में घुसी, तब तक उसकी क्रेडिट रेटिंग ‘निवेश ग्रेड’ की थी। बीते चार हफ्तों में रूस की रेटिंग में भारी कमी हुई है। सॉवरेन क्रेडिट स्कोर में अब तक की सबसे बड़ी कटौती हुई है। रूस रेटिंग के सबसे निचले पायदानों में है। डिफॉल्ट होने का जोखिम है। एक माह पहले रूबल की औसतन विनिमय दर प्रति डॉलर 74 थी। अब सब बदल गया है। रूसी मुद्रा भारी गिरावट के साथ प्रति डॉलर 120 के पार जा चुकी है।
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विस्तार
1. चार पायदान फिसलेगी अर्थव्यवस्था
विश्व बैंक के मुताबिक, 2020 में रूस दुनिया की 11वीं बड़ी अर्थव्यवस्था था। लेकिन रूबल की फरवरी अंत की विनिमय दर (एक्सचेंज रेट) के हिसाब से साल के अंत तक इसके 15वें पायदान तक फिसलने के पूरे आसार हैं। रूस मंदी से नहीं बच पाएगा और महंगाई दर 20 फीसदी तक पहुंच जाएगी।
2. 2024 तक काबू में नहीं आएगी महंगाई
सालाना मूल्य वृद्धि 14.5% हो गई, जो 20% के पार जाएगी। घरेलू महंगाई 18% के ऊपर रह सकती है, जो 11 साल में सर्वाधिक होगी। विदेशों में रूस का मुद्रा भंडार फ्रीज है, इससे केंद्रीय बैंक को ब्याज दरें दोगुनी करनी पड़ी। मुद्रास्फीति को काबू में रखने का लक्ष्य 2024 से पहले पूरा नहीं हो पाएगा।
3. सूचकांकों से बाहर हुआ रूस
सूचकांक प्रदाता अरबों डॉलर का निवेश लाने वाले निवेशकों द्वारा इस्तेमाल बेंचमार्कों से रूस को बाहर करने पर मजबूर हो गए हैं। जेपी मॉर्गन और एमएससीआई रूस को उनके बॉन्ड और स्टॉक सूचकांकों से क्रमश: हटा रहे हैं। 2014 और 2018 के प्रतिबंधों से सूचकांकों में रूस की स्थिति पहले से ही प्रभावित थी।
4. ध्वस्त हुई क्रेडिट रेटिंग
रूसी फौज जब यूक्रेन में घुसी, तब तक उसकी क्रेडिट रेटिंग ‘निवेश ग्रेड’ की थी। बीते चार हफ्तों में रूस की रेटिंग में भारी कमी हुई है। सॉवरेन क्रेडिट स्कोर में अब तक की सबसे बड़ी कटौती हुई है। रूस रेटिंग के सबसे निचले पायदानों में है। डिफॉल्ट होने का जोखिम है।
5. भारी संकट में रूबल
एक माह पहले रूबल की औसतन विनिमय दर प्रति डॉलर 74 थी। अब सब बदल गया है। रूसी मुद्रा भारी गिरावट के साथ प्रति डॉलर 120 के पार जा चुकी है।