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एकजुटता की पहल : कांग्रेस नेतृत्व और जी-23 के बीच सुलह के आसार, होली के बाद दूर होगी तनातनी

अनूप वाजपेयी, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: योगेश साहू
Updated Fri, 18 Mar 2022 05:06 AM IST

सार

सिब्बल को बचाने के लिए भी ग्रुप-23 ने एकजुटता दिखाने की बात कही है। सूत्र बताते हैं कि हुड्डा ने राहुल से कहा, अगर पार्टी की ओर से सिब्बल पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी तो ग्रुप-23 के नेता खुलकर विरोध जताएंगे। असंतुष्ट नेता ये भी चाहते हैं कि उन्हें पहले की तरह जिम्मेदारी और मुख्यधारा से जोड़ा जाए।

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी रविवार को नई दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान।
– फोटो : Agency

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कांग्रेस नेतृत्व और ग्रुप-23 के नेताओं के बीच होली के बाद तनातनी दूर होने के साथ पार्टी फिर से एक रंग में दिख सकती है। ग्रुप-23 में शामिल वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बृहस्पतिवार को दूत बनकर पहले राहुल गांधी से मुलाकात की फिर ग्रुप-23 के अगुवाकार गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा के साथ बैठक की। 

ग्रुप-23 कुछ शर्तों और व्यवस्था में बदलाव (सामूहिक नेतृत्व) के साथ खुद को कार्यकर्ताओं के बीच खलनायक की भूमिका में नहीं देखना चाहता है। दोनों ही पक्ष अब समाधान की ओर बढ़ना चाहते हैं इसलिए आने वाले दिनों गुलाम नबी आजाद कुछ नेताओं के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे।

बुधवार रात गुलाम नबी आजाद के घर पर हुई ग्रुप-23 के नेताओं की बैठक के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने भी अपने रुख में बदलाव किया है। बताते हैं कि राहुल गांधी के कहने पर हुड्डा उनके आवास पर पहुंचे और दोनों नेताओं के बीच अकेले में करीब 50 मिनट बातचीत हुई। 

हुड्डा राहुल गांधी से बातचीत करने के बाद आजाद के घर पहुंचे, जहां आनंद शर्मा भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक ग्रुप-23 के नेता भी अब लुका-छिपी का खेल नहीं खेलना चाहते हैं लेकिन जिस तरह एकतरफा फैसले लिए गए उन्हें लेकर अपनी बात स्पष्ट कर देना चाहते हैं। 

बताते हैं हुड्डा ने असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी और पीड़ा राहुल के सामने रखी। हाल के दो बड़े फैसले, पहला यूपी में प्रियंका का एकतरफा महिलाओं को चालीस फीसदी सीटों पर लड़ाने का और पंजाब में राहुल का चरनजीत सिंह चन्नी को सीएम पद का दावेदार घोषित करने का तरीका अनुचित मानते हैं।

पार्टी में जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही भी तय हो
उनकी नाराजगी उन नेताओं को लेकर भी है जिनकी वजह से पार्टी लगातार खराब प्रदर्शन कर रही है और फिर भी उन्हें ही जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। पार्टी में जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही भी तय हो। ग्रुप-23 के नेताओं ने कपिल सिब्बल को पार्टी से किनारे करने के प्रयासों और कुछ नेताओं के निशाने पर भी अपनी बात नेतृत्व तक पहुंचा दी है।

सिब्बल को बचाने के लिए भी ग्रुप-23 ने एकजुटता दिखाने की बात कही है। सूत्र बताते हैं कि हुड्डा ने राहुल से कहा, अगर पार्टी की ओर से सिब्बल पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी तो ग्रुप-23 के नेता खुलकर विरोध जताएंगे। असंतुष्ट नेता ये भी चाहते हैं कि उन्हें पहले की तरह जिम्मेदारी और मुख्यधारा से जोड़ा जाए।

विस्तार

कांग्रेस नेतृत्व और ग्रुप-23 के नेताओं के बीच होली के बाद तनातनी दूर होने के साथ पार्टी फिर से एक रंग में दिख सकती है। ग्रुप-23 में शामिल वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बृहस्पतिवार को दूत बनकर पहले राहुल गांधी से मुलाकात की फिर ग्रुप-23 के अगुवाकार गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा के साथ बैठक की। 

ग्रुप-23 कुछ शर्तों और व्यवस्था में बदलाव (सामूहिक नेतृत्व) के साथ खुद को कार्यकर्ताओं के बीच खलनायक की भूमिका में नहीं देखना चाहता है। दोनों ही पक्ष अब समाधान की ओर बढ़ना चाहते हैं इसलिए आने वाले दिनों गुलाम नबी आजाद कुछ नेताओं के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे।

बुधवार रात गुलाम नबी आजाद के घर पर हुई ग्रुप-23 के नेताओं की बैठक के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने भी अपने रुख में बदलाव किया है। बताते हैं कि राहुल गांधी के कहने पर हुड्डा उनके आवास पर पहुंचे और दोनों नेताओं के बीच अकेले में करीब 50 मिनट बातचीत हुई। 

हुड्डा राहुल गांधी से बातचीत करने के बाद आजाद के घर पहुंचे, जहां आनंद शर्मा भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक ग्रुप-23 के नेता भी अब लुका-छिपी का खेल नहीं खेलना चाहते हैं लेकिन जिस तरह एकतरफा फैसले लिए गए उन्हें लेकर अपनी बात स्पष्ट कर देना चाहते हैं। 

बताते हैं हुड्डा ने असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी और पीड़ा राहुल के सामने रखी। हाल के दो बड़े फैसले, पहला यूपी में प्रियंका का एकतरफा महिलाओं को चालीस फीसदी सीटों पर लड़ाने का और पंजाब में राहुल का चरनजीत सिंह चन्नी को सीएम पद का दावेदार घोषित करने का तरीका अनुचित मानते हैं।

पार्टी में जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही भी तय हो

उनकी नाराजगी उन नेताओं को लेकर भी है जिनकी वजह से पार्टी लगातार खराब प्रदर्शन कर रही है और फिर भी उन्हें ही जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। पार्टी में जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही भी तय हो। ग्रुप-23 के नेताओं ने कपिल सिब्बल को पार्टी से किनारे करने के प्रयासों और कुछ नेताओं के निशाने पर भी अपनी बात नेतृत्व तक पहुंचा दी है।

सिब्बल को बचाने के लिए भी ग्रुप-23 ने एकजुटता दिखाने की बात कही है। सूत्र बताते हैं कि हुड्डा ने राहुल से कहा, अगर पार्टी की ओर से सिब्बल पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी तो ग्रुप-23 के नेता खुलकर विरोध जताएंगे। असंतुष्ट नेता ये भी चाहते हैं कि उन्हें पहले की तरह जिम्मेदारी और मुख्यधारा से जोड़ा जाए।

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