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ईपीएफओ का बड़ा फैसला: जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज दर में की कटौती, बैठक में 8.1 प्रतिशत रखने पर मुहर

ईपीएफओ का बड़ा फैसला: जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज दर में की कटौती, बैठक में 8.1 प्रतिशत रखने पर मुहर

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Sat, 12 Mar 2022 12:40 PM IST

सार

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार से गुवाहाटी में शुरू हुई थी। बैठक में गहन विचार-विमर्श करने के बाद शनिवार को बड़ा फैसला लिया गया है। ईपीएफओ ने जमा पर मिलने वाली ब्याज दर में बदलाव किया है और इसे 8.5 से घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया है। 
 

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार से गुवाहाटी में शुरू हुई थी। बैठक में गहन विचार-विमर्श करने के बाद बड़ा फैसला लिया गया है। जी हां, ईपीएफओ ने जमा पर मिलने वाली ब्याज दर में बदलाव किया है और इसे 8.5 से घटाकर 8.3 फीसदी की दिया है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। 

गौरतलब है कि बैठक के शुरू होने पहले ये संभावना जताई जा रही थी कि इस दो दिवसीय बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए भविष्य निधि (पीएफ) की ब्याज समेत कई प्रस्तावों पर बड़े फैसले हो सकते हैं। कहा जा रहा था कि मौजूदा आर्थिक हालातों को देखते हुए सीबीटी चालू वित्त वर्ष में ब्याज दरों में कमी या स्थिर रखने का फैसला रख सकता है। हालांकि, अनुमान था कि यदि कटौती की जाती है तो ब्याज दरों को 8.35 से 8.45 प्रतिशत के मध्य रखा जा सकता है। लेकिन संगठन ने इस 8.1 प्रतिशत तय करने पर मुहर लगाई है।  

विस्तार

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार से गुवाहाटी में शुरू हुई थी। बैठक में गहन विचार-विमर्श करने के बाद बड़ा फैसला लिया गया है। जी हां, ईपीएफओ ने जमा पर मिलने वाली ब्याज दर में बदलाव किया है और इसे 8.5 से घटाकर 8.3 फीसदी की दिया है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। 

गौरतलब है कि बैठक के शुरू होने पहले ये संभावना जताई जा रही थी कि इस दो दिवसीय बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए भविष्य निधि (पीएफ) की ब्याज समेत कई प्रस्तावों पर बड़े फैसले हो सकते हैं। कहा जा रहा था कि मौजूदा आर्थिक हालातों को देखते हुए सीबीटी चालू वित्त वर्ष में ब्याज दरों में कमी या स्थिर रखने का फैसला रख सकता है। हालांकि, अनुमान था कि यदि कटौती की जाती है तो ब्याज दरों को 8.35 से 8.45 प्रतिशत के मध्य रखा जा सकता है। लेकिन संगठन ने इस 8.1 प्रतिशत तय करने पर मुहर लगाई है।  

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