न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Mon, 03 Jan 2022 10:45 PM IST
सार
बिहार के माओवादी नेता रामबाबू और उसके परिवार के खिलाफ धन शोधक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई करते हुए 40.23 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की। प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) का सदस्य और पश्चिम जोन समिति (उत्तरी बिहार) का सचिव रामबाबू की जब्त संपत्ति पूर्वी चंपारण जिले में है। यहां उसे राजन, प्रहार और निखिल के नाम से भी जानते हैं।
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विस्तार
ईडी के मुताबिक अटैच की गई संपत्ति डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और उसके पूर्व निदेशकों, प्रवर्तकों और उनके परिजनों के नाम पर हैं। इनमें आवासीय व वाणिज्यिक भूमि शामिल हैं जिनकी कुल कीमत करीब 26.25 करोड़ रुपये है। अगस्त 2018 के बाद दूसरी बार ईडी ने इस मामले में संपत्ति अटैच की है। तब 1112.72 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की गई थी।
ईडी के मुताबिक डीपीआईएल ने मुखौटा कंपनियों के साथ फर्जी लेनदेन दिखाकर बैंकों से लिया मोटे कर्ज को ठिकाने लगाया। इससे बैंकों को 2654 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच शुरू की थी।
बिहार: ईडी ने जब्त की माओवादी नेता की 40.23 लाख की संपत्ति
बिहार के माओवादी नेता रामबाबू और उसके परिवार के खिलाफ धन शोधक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई करते हुए 40.23 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की। प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) का सदस्य और पश्चिम जोन समिति (उत्तरी बिहार) का सचिव रामबाबू की जब्त संपत्ति पूर्वी चंपारण जिले में है। यहां उसे राजन, प्रहार और निखिल के नाम से भी जानते हैं।
ईडी ने कहा कि नक्सल नेता का 20 साल का आपराधिक इतिहास है और बिहार सरकार ने 5 लाख रुपये का इनाम रखा है। उस पर हत्या, हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश, डकैती, लूट और साजिश रचने का षड्यंत्र जैसे आरोपों में 28 एफआईआर दर्ज हैं। बिहार पुलिस की इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने कार्रवाई की। एजेंसी ने कहा कि आरोपी ने अपनी पत्नी, मां, भाई और साले के नाम बहुत सारी अचल संपत्तियों को ले रखा था ताकि आपराधिक गतिविधियों में नाम आने से बच सके।