एजेंसी, मुंबई
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 04 Feb 2022 03:05 AM IST
सार
महाराष्ट्र गृह विभाग के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव सीताराम कुंते ने बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर के लिए अनधिकृत सूची प्रदेश के गृहमंत्री अनिल देशमुख भेजते थे। उस सूची में से अधिकतर नाम फाइनल सूची में होती थी।
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख।
– फोटो : एएनआई (फाइल)
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने आरोप पत्र में कई बड़े खुलासे किए हैं। ईडी ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि “महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने 1992 से अपने पद का गलत फायदा उठाया। उन्होंने अवैध रूप से बहुत पैसा कमाया। अवैध रूप से अर्जित धन का उपयोग 13 कंपनियों में किया गया था। उन्होंने अपने साथ कई सरकारी कर्मचारियों को भी जोड़ा था।
100 करोड़ रुपये की वसूली के रैकेट में शामिल थे देशमुख
आरोप पत्र में आगे कहा गया है कि “बर्खास्त मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने अपने बयान में ईडी को बताया कि अनिल देशमुख ने 16 साल के निलंबन के बाद उन्हें मुंबई पुलिस में बहाल करने के लिए दो करोड़ रुपये की मांग की थी। अनिल देशमुख को सचिन वाजे से नियमित रूप से जानकारी मिल रही थी और वे एक साथ मुंबई में विभिन्न बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठानों से 100 करोड़ रुपये की वसूली के इस पूरे रैकेट में शामिल थे।
पूर्व मुख्य सचिव ने ईडी के सामने दर्ज कराया बयान
महाराष्ट्र गृह विभाग के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव सीताराम कुंते ने भी बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर के लिए अनधिकृत सूची प्रदेश के गृहमंत्री अनिल देशमुख भेजते थे। उस सूची में से अधिकतर नाम फाइनल सूची में होती थी। उनका सहयोगी होने के कारण मना नहीं कर पाता था। उनके दिए गए नामों की सूची को पुलिस बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत कर देता था और साथ ही बता देता था कि सुझाव व आदेश देशमुख की तरफ से जारी हुए। बता दें कि ईडी ने पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में देशमुख के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। उसी कार्रवाई के तहत कुंते का बयान दर्ज किया गया।
परमबीर ने दिए थे 10 डीसीपी के ट्रांसफर आदेश
जुलाई, 2020 में मुंबई के 10 डीसीपी के ट्रांसफर आदेश को रद्द कर दिया गया था। इस बारे में ईडी ने पूछा तो कुंते ने कहा, उनके पास मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का फोन आया था और उन्होंने पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के ट्रांसफर आदेश में कमियां बताकर रद्द करने का आदेश दिया था। इसके बाद रद्द आदेश के बारे में पुलिस कमिश्नर को फोन और व्हाट्सएप के जरिये सूचना दे दी थी। मुझे शिकायतों की सही प्रकृति के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
विस्तार
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने आरोप पत्र में कई बड़े खुलासे किए हैं। ईडी ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि “महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने 1992 से अपने पद का गलत फायदा उठाया। उन्होंने अवैध रूप से बहुत पैसा कमाया। अवैध रूप से अर्जित धन का उपयोग 13 कंपनियों में किया गया था। उन्होंने अपने साथ कई सरकारी कर्मचारियों को भी जोड़ा था।
100 करोड़ रुपये की वसूली के रैकेट में शामिल थे देशमुख
आरोप पत्र में आगे कहा गया है कि “बर्खास्त मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने अपने बयान में ईडी को बताया कि अनिल देशमुख ने 16 साल के निलंबन के बाद उन्हें मुंबई पुलिस में बहाल करने के लिए दो करोड़ रुपये की मांग की थी। अनिल देशमुख को सचिन वाजे से नियमित रूप से जानकारी मिल रही थी और वे एक साथ मुंबई में विभिन्न बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठानों से 100 करोड़ रुपये की वसूली के इस पूरे रैकेट में शामिल थे।
पूर्व मुख्य सचिव ने ईडी के सामने दर्ज कराया बयान
महाराष्ट्र गृह विभाग के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव सीताराम कुंते ने भी बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर के लिए अनधिकृत सूची प्रदेश के गृहमंत्री अनिल देशमुख भेजते थे। उस सूची में से अधिकतर नाम फाइनल सूची में होती थी। उनका सहयोगी होने के कारण मना नहीं कर पाता था। उनके दिए गए नामों की सूची को पुलिस बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत कर देता था और साथ ही बता देता था कि सुझाव व आदेश देशमुख की तरफ से जारी हुए। बता दें कि ईडी ने पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में देशमुख के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। उसी कार्रवाई के तहत कुंते का बयान दर्ज किया गया।
परमबीर ने दिए थे 10 डीसीपी के ट्रांसफर आदेश
जुलाई, 2020 में मुंबई के 10 डीसीपी के ट्रांसफर आदेश को रद्द कर दिया गया था। इस बारे में ईडी ने पूछा तो कुंते ने कहा, उनके पास मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का फोन आया था और उन्होंने पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के ट्रांसफर आदेश में कमियां बताकर रद्द करने का आदेश दिया था। इसके बाद रद्द आदेश के बारे में पुलिस कमिश्नर को फोन और व्हाट्सएप के जरिये सूचना दे दी थी। मुझे शिकायतों की सही प्रकृति के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
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