Entertainment

आजाद हिंद फौज के सिपाही थे नजीर हुसैन, भोजपुरी फिल्मों के पितामह को लोग बुलाते थे आंसुओं का कनस्तर

बेहतर अनुभव के लिए अपनी सेटिंग्स में जाकर हाई मोड चुनें।





Play

4:53

दोस्तों आज हम बात करेंगे उस अभिनेता की जिसने दूसरा विश्वयुद्ध लड़ा…नेताजी सुभाष चंद्र बोस की फौज में रहे..रेलवे में फायरमैन की नौकरी की और बाद में बेहद कामयाब चरित्र अभिनेता बने और उन्हें भोजपुरी फिल्मों का पितामह भी कहा जाता है…जी हां…हम बात कर रहे हैं नजीर हुसैन की…
… Read More
http://www.amarujala.com/

आजाद हिंद फौज के सिपाही थे नजीर हुसैन, भोजपुरी फिल्मों के पितामह को लोग बुलाते थे आंसुओं का कनस्तर

X

सभी 47 एपिसोड


विश्वयुद्ध

दोस्तों आज हम बात करेंगे उस अभिनेता की जिसने दूसरा विश्वयुद्ध लड़ा…नेताजी सुभाष चंद्र बोस की फौज में रहे..रेलवे में फायरमैन की नौकरी की और बाद में बेहद कामयाब चरित्र अभिनेता बने और उन्हें भोजपुरी फिल्मों का पितामह भी कहा जाता है…जी हां…हम बात कर रहे हैं नजीर हुसैन की…


तरक्की

दोस्तों आज हम बात करेंगे उस अभिनेत्री की जो हिंदी सिनेमा की दौर दर दौर तरक्की की गवाह रहीं…पृथ्वीराज कपूर से लेकर उनके परिवार की चौथी पीढ़ी रणबीर कपूर तक के साथ उन्होंने काम किया…गजब की नृत्यांगना और अदाकारा जोहरा सहगल की….जोहरा सहगल का जन्म 27 अप्रैल 1912 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुआ था…


बेगम पारा

दोस्तों आज बात होगी उस अभिनेत्री की जिसके दीवाने अमेरिकी सैनिक भी थी…अपनी जेब में फोटो लेकर जंग लड़ते थे…वो न तो वो मधुबाला हैं और न ही नरगिस…और न ही सुरैया…इस अभिनेत्री का नाम है बेगम पारा…जी हां…आज की पीढ़ी ने शायद बेगम पारा का नाम ना सुना हो लेकिन एक्ट्रेस बेगम पारा ने 40 से 50 के दशक में बोल्ड फोटोशूट करवाकर हिंदी सिनेमा में भूचाल ला दिया था। हर तरफ बेगम पारा के चर्चे थे। बेगम पारा दिलीप कुमार की भाभी और अभिनेता अय्यूब खान की मां थीं…


इतिहास

दोस्तों आज हम बात करेंगे कारगिल जंग में शहीद हुए भारत के वीर सपूत कैप्टन विक्रम बत्रा की.. कैप्टन बत्रा की वीरता को देखते हुए उन्हें शेरशाह नाम दिया गया था… अब उन पर फिल्म भी आ रही है शेरशाह…सिद्धार्थ मल्होत्रा फिल्म में विक्रम बत्रा का रोल रहे हैं… दुश्मन भी कैप्टन बत्रा के नाम से थर-थर कांपते थे… परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा 7 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में देश के लिए शहीद हो गए थे…


राजेंद्र नाथ

दोस्तों आज बात होगी मशहूर अभिनेता राजेंद्र नाथ की….हिंदी सिनेमा का एक ऐसा अभिनेता जिसकी अदाओं भर से लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती थी…जो सिनेमा के पर्दे पर अगर खामोश भी हो जाता था तो लोगों की हंसी थमती नहीं थी। 60 के दशक में हिंदी सिनेमा में कॉमेडियन के तौर पर महमूद की तूती बोलती थी…आलम ये था कि अपने जमाने के मशहूर कॉमेडियन जॉनी वॉकर की चमक महमूद के आगे फीकी पड़ती जा रही थी…ऐसे में राजेंद्र नाथ ने न सिर्फ अपना रुतबा कायम रखा बल्कि अपनी कमाल की टाइमिंग से जो एक्टिंग की उसने दर्शकों का दिल जीत लिया…


वाराणसी

दोस्तों आज बात होगी अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री नादिरा की…नादिरा एक ऐसी अदाकारा थीं जो वक्त से आगे चलती थीं…जब महिलाओं का फिल्मों में काम करना गलत माना जाता था तब नादिरा ने बोल्ड किरदार निभाकर बता दिया कि जमाना बदल चुका है…अपने रौबदार अंदाज़ की वजह से उन्हें फीयरलैस नादिरा भी कहा जाता था…नादिरा का फिल्मी सफर भारत की पहली रंगीन फिल्म से शुरू हुआ था…आज हम आपको बताएंगे कि कैसे वो अभिनेत्री बनीं और किसने उन्हें खलनायिका बना दिया…


मुमताज

दोस्तों आज बात होगी अपने जमाने की मशहूर और खूबसूरत अभिनेत्री मुमताज की…मुमताज की शोहरत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि 70 के दशक में वो सबसे ज्यादा मेहनताना लेने वाली अदाकारा थीं…लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक वक्त ऐसा भी था जब इंडस्ट्री का कोई भी हीरो उनके साथ काम नहीं करना चाहता था.. लेकिन वक्त का पहिया ऐसा घूमा कि हर हीरो इस हीरोइन के साथ काम करने किए जद्दोजहद करने लगा। मुमताज की मनमोहक मुस्कान और खिलखिलाहट ने सभी को अपना दीवाना बना दिया था।


मधुबाला

दोस्तों आज हम बात करेंगे अपने जमाने की मोस्ट टैलेंटेड और खूबसूरत अदाकारा मधुबाला की…उनकी जिंदगी में कितने लोग आए और अपने आखिरी दिनों में उनकी हालत कैसी हो गई थी…दिलीप कुमार और मधुबाला की प्रेम कहानी तो जगजाहिर है, लेकिन मधुबाला की पहली मोहब्बत दिलीप कुमार नहीं बल्कि मशहूर फिल्मकार कमाल अमरोही थे..जिन्हें महल और पाकीजा जैसी अमर फिल्मों के लिए जाना जाता है…मीना कुमारी के पति कमाल अमरोही भी मधुबाला से शादी करना चाहते थे….कमाल अमरोही फिल्म महल बना रहे थे और इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान कमाल अमरोही का दिल मधुबाला पर आ गया…


देव आनंद और सुरैया

दोस्तों आज की कहानी दो ऐसे दिग्गज कलाकारों की मोहब्बत की है…जो कभी पूरी न हो सकी…एक ने ताजिंदगी अकेले रहने का फैसला किया तो दूसरे ने अकेलेपन से पीछा छुड़ाने के लिए किसी दूसरे का हाथ पकड़ लिया…जी हां, बात हो रही है अभिनेता देव आनंद और सुरैया की..हम आपको बताएंगे कि कैसे सुरैया को देव आनंद से मोहब्बत हुई और कैसे धर्म दोनों के बीच दीवार बनकर खड़ा हो गया और सुरैया की मां ने सुरैया से आखिरी बार मिलने के लिए देव को कितना वक्त दिया और जब देव सुरैया से मिलने गए तो साथ में एक पुलिसवाले को ले गए…


रुणा ईरानी

दोस्तों किसी भी फिल्म में जितनी अहम भूमिका नायक की होती है, उतना ही अहम किरदार खलनायक का भी होता है। हिंदी सिनेमा में एक से बढ़कर एक खलनायक हुए हैं, लेकिन जब बात खलनायिकाओं की होती है तब नाम लिया जाता है मशहूर अभिनेत्री अरुणा ईरानी का। उन्होंने 500 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया। अरुणा ईरानी का जन्म 18 अगस्त 1946 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने साल 1961 में फिल्म ‘गंगा जमुना’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। 

http://www.amarujala.com/

© 2020-21 Amar Ujala Limited

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

14
videsh

अमेरिका: अंतरिक्ष से लौटे बेजोस ने नासा को दिया मस्क से कम कीमत में अंतरिक्ष यान बनाने का ऑफर

To Top
%d bloggers like this: