Chandra Dosh Upay: ज्योतिष के अनुसार, इस संसार में जन्म लेने से पहले ही इंसान के भाग्य का निर्धारण हो जाता है। वहीं जन्म के बाद ज्योतिष विद्या के माध्यम से उस व्यक्ति की ग्रहों और नक्षत्रों की चाल के अनुसार कुंडली बनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार, कुंडली में कुछ शुभ योग हों, तो मनुष्य को राज योग मिलता है, लेकिन कुछ अशुभ योग मनुष्य से जिंदगी भर संघर्ष करवाते हैं और मेहनत के बावजूद भी सफलता हाथ नहीं लगती है। साथ ही कुछ ग्रह दोष जिंदगी बीमारी देते हैं और अस्पताल के चक्कर लगवाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है। कहा जाता है कि यदि कुंडली में चंद्रमा अशुभ हो तो जातक को मानसिक समस्याओं, नींद की कमी, निर्णय लेने में मुश्किल होने जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। साथ ही वह मानसिक रूप से अशांत रहता है और आसानी से तनाव का शिकार हो जाता है। आइए जानते हैं अशुभ चंद्रमा की वजह से कौन सी बीमारी होती है और इसे सही करने के उपाय क्या हैं….
कमजोर चंद्रमा बनता है इन बीमारियों का शिकार
किसी भी व्यक्ति की कुंडली में अशुभ चंद्रमा से व्यक्ति को शरीर में जल संबंधी रोग होते हैं। जैसे- मूत्राशय संबंधी रोग, मधुमेह, अतिसार, अनिद्रा, नेत्ररोग, पागलपन, पीलिया, मानसिक पीड़ा, मानसिक थकान, दमा, फेफड़ों के रोग हो सकते हैं।
चंद्रमा के अशुभ प्रभावों को कम करने के उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में चंद्रमा अशुभ होने पर जातक को विशेषज्ञ की सलाह लेकर चांदी की अंगूठी में असली मोती धारण करना चाहिए। इसके अलावा चांदी का चकोर टुकड़ा अपनी जेब या पर्स में हमेशा के लिए रखना भी शुभ फलदायी होता है।
चंद्रमा का संबंध मां और मामा से भी होता है। ऐसे में चंद्रमा अशुभ होने पर मां को ज्यादा से ज्यादा प्रसन्न रखें। मां के आशीर्वाद से जीवन में सब ठीक होगा।
ज्योतिष अनुसार शुद्ध जल में कच्चा दूध मिलाकर नियमित रूप से शिवलिंग का अभिषेक करें। साथ ही हर माह पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा को गाय के दूध की खीर का भोग लगाएं और फिर परिवार सहित खाएं। कहा जाता है कि इससे शीघ्र लाभ होने लगता है।