वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, मास्को
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Fri, 18 Feb 2022 10:48 AM IST
सार
प्रस्ताव में सीनेट ने यूक्रेन की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त घातक और गैर-घातक सुरक्षा सहायता और राजनीतिक व राजनयिक मदद देने की वचनबद्धता प्रकट की है।
यूक्रेन पर रूसी हमले की आशंका के बीच अमेरिकी सीनेट ने गुरुवार रात सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया। इसमें रूस के संभावित आक्रमण के खिलाफ स्वतंत्र और लोकतांत्रिक यूक्रेन के समर्थन की बात कही गई है।
प्रस्ताव में सीनेट ने यूक्रेन की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त घातक और गैर-घातक सुरक्षा सहायता और राजनीतिक व राजनयिक मदद देने की वचनबद्धता प्रकट की गई है। यह भी कहा गया है कि क्षेत्रीय अखंडता को बहाल करने के लिए यूक्रेन की सरकार के प्रयासों का समर्थन किया जाएगा। इसमें राष्ट्रपति बाइडन को यूक्रेन पर हमला करने पर पाबंदियां लगाने को भी कहा गया है।
रूसी न्यूज एजेंसी स्पूतनिक के अनुसार प्रस्ताव में कहा गया है कि यदि रूस यूक्रेन पर हमला करे तो राष्ट्रपति बाइडन पर उस पर भारी जुर्माना लगाएं। सीनेट ने कहा कि यूरोप में शांति बहाल करने के लिए यह कदम उठाना जरूरी होगा। स्पूतनिक ने दावा किया कि इस प्रस्ताव में रूसी संघ के खिलाफ जंग छेड़ने या सैन्य ताकत के इस्तेमाल जैसी बातें नहीं हैं। न ही यूक्रेन में अमेरिकी सेना के प्रवेश की इजाजत देने के लिए प्राधिकरण बनाने जैसी कोई बात।
उधर, रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने मंगलवार को कहा कि मास्को यूक्रेन के साथ सीमा से अपने कुछ बलों को वापस बुला रहा है। रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण करने की किसी भी योजना से लगातार इनकार किया है। उसने जोर देकर कहा है कि रूसी सीमाओं के पास नाटो की बढ़ती उपस्थिति से उसकी अपनी सुरक्षा खतरे में है।
उल्लेखनीय है कि रूस यूक्रेन को नाटो में शामिल करने का विरोध कर रहा है। इसे रोकने के लिए वह यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर चुका है। जबकि अमेरिका व नाटो रूस के खिलाफ एकजुट होकर उसे जंग से रोकने के लिए मनाने में जुटे हैं।
विस्तार
यूक्रेन पर रूसी हमले की आशंका के बीच अमेरिकी सीनेट ने गुरुवार रात सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया। इसमें रूस के संभावित आक्रमण के खिलाफ स्वतंत्र और लोकतांत्रिक यूक्रेन के समर्थन की बात कही गई है।
प्रस्ताव में सीनेट ने यूक्रेन की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त घातक और गैर-घातक सुरक्षा सहायता और राजनीतिक व राजनयिक मदद देने की वचनबद्धता प्रकट की गई है। यह भी कहा गया है कि क्षेत्रीय अखंडता को बहाल करने के लिए यूक्रेन की सरकार के प्रयासों का समर्थन किया जाएगा। इसमें राष्ट्रपति बाइडन को यूक्रेन पर हमला करने पर पाबंदियां लगाने को भी कहा गया है।
रूसी न्यूज एजेंसी स्पूतनिक के अनुसार प्रस्ताव में कहा गया है कि यदि रूस यूक्रेन पर हमला करे तो राष्ट्रपति बाइडन पर उस पर भारी जुर्माना लगाएं। सीनेट ने कहा कि यूरोप में शांति बहाल करने के लिए यह कदम उठाना जरूरी होगा। स्पूतनिक ने दावा किया कि इस प्रस्ताव में रूसी संघ के खिलाफ जंग छेड़ने या सैन्य ताकत के इस्तेमाल जैसी बातें नहीं हैं। न ही यूक्रेन में अमेरिकी सेना के प्रवेश की इजाजत देने के लिए प्राधिकरण बनाने जैसी कोई बात।
उधर, रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने मंगलवार को कहा कि मास्को यूक्रेन के साथ सीमा से अपने कुछ बलों को वापस बुला रहा है। रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण करने की किसी भी योजना से लगातार इनकार किया है। उसने जोर देकर कहा है कि रूसी सीमाओं के पास नाटो की बढ़ती उपस्थिति से उसकी अपनी सुरक्षा खतरे में है।
उल्लेखनीय है कि रूस यूक्रेन को नाटो में शामिल करने का विरोध कर रहा है। इसे रोकने के लिए वह यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर चुका है। जबकि अमेरिका व नाटो रूस के खिलाफ एकजुट होकर उसे जंग से रोकने के लिए मनाने में जुटे हैं।
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