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अमेरिका : इस एसडब्ल्यूपीसी ने बयान जारी कर कहा- सप्ताह के अंत तक पृथ्वी से टकरा सकता है सौर तूफान

एजेंसी, वाशिंगटन
Published by: Kuldeep Singh
Updated Tue, 02 Nov 2021 07:46 AM IST

सार

एसडब्ल्यूपीसी ने बताया कि हाल ही में सूर्य से एक विशाल एक्स1 चमक निकली है जो सप्ताह के अंत तक सौर तूफान के रूप में पृथ्वी से टकरा सकती है। 28 अक्तूबर को एक शक्तिशाली आर3 रेडियो ब्लैक आउट देखा गया था। वैज्ञानिकों की टीम अब इस विशाल चमक के बारे में अध्ययन कर रही है जो कोरोनल मास इंजेक्शन (सीएमई) सिग्नेचर जैसा है।

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इस सप्ताह के अंत तक एक सौर तूफान के पृथ्वी से टकराने का खतरा बना हुआ है। इसके कारण इंटरनेट सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। अमेरिका के स्पेस वेदर प्रिडिक्शन सेंटर (एसडब्ल्यूपीसी) ने बयान जारी कर बताया है कि हाल ही में सूर्य से एक विशाल एक्स1 चमक निकली है जो सप्ताह के अंत तक सौर तूफान के रूप में पृथ्वी से टकरा सकती है।

एसडब्ल्यूपीसी ने बताया कि 28 अक्तूबर को एक शक्तिशाली आर3 रेडियो ब्लैक आउट देखा गया था। वैज्ञानिकों की टीम अब इस विशाल चमक के बारे में अध्ययन कर रही है जो कोरोनल मास इंजेक्शन (सीएमई) सिग्नेचर जैसा है। वैज्ञानिकों का कहना कि सीएमई इलेक्ट्रिकली चार्ज मैटर होता है।

इसी के साथ अंतरिक्ष में इसकी चुंबकीय शक्ति भी तेज होती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये विशाल सीएमई जब पृथ्वी से टकराएगा तो ये पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के संपर्क में आएगा जिससे क्रस्ट में बिजली पैदा हो सकती है जो कई तरह से नुकसानदेह हो सकती है। 

सौर तूफान से इंटरनेट को खतरा
वैज्ञानिकों का कहना है कि ये सौर तूफान जब पृथ्वी से टकराएगा तो सैटेलाइटों के क्रिया-कलाप को प्रभावित कर सकता है। इससे इंटरनेट की दुनिया प्रभावित हो सकती है। हर सदी में इस तरह का तूफान एक बार आता है। अगर इस सदी में इस तरह का कोई सौर तूफान पृथ्वी से टकराता है तो कई उपग्रहों के साथ ऊर्जा संयंत्रों को नुकसान हो सकता है।

विस्तार

इस सप्ताह के अंत तक एक सौर तूफान के पृथ्वी से टकराने का खतरा बना हुआ है। इसके कारण इंटरनेट सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। अमेरिका के स्पेस वेदर प्रिडिक्शन सेंटर (एसडब्ल्यूपीसी) ने बयान जारी कर बताया है कि हाल ही में सूर्य से एक विशाल एक्स1 चमक निकली है जो सप्ताह के अंत तक सौर तूफान के रूप में पृथ्वी से टकरा सकती है।

एसडब्ल्यूपीसी ने बताया कि 28 अक्तूबर को एक शक्तिशाली आर3 रेडियो ब्लैक आउट देखा गया था। वैज्ञानिकों की टीम अब इस विशाल चमक के बारे में अध्ययन कर रही है जो कोरोनल मास इंजेक्शन (सीएमई) सिग्नेचर जैसा है। वैज्ञानिकों का कहना कि सीएमई इलेक्ट्रिकली चार्ज मैटर होता है।

इसी के साथ अंतरिक्ष में इसकी चुंबकीय शक्ति भी तेज होती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये विशाल सीएमई जब पृथ्वी से टकराएगा तो ये पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के संपर्क में आएगा जिससे क्रस्ट में बिजली पैदा हो सकती है जो कई तरह से नुकसानदेह हो सकती है। 

सौर तूफान से इंटरनेट को खतरा

वैज्ञानिकों का कहना है कि ये सौर तूफान जब पृथ्वी से टकराएगा तो सैटेलाइटों के क्रिया-कलाप को प्रभावित कर सकता है। इससे इंटरनेट की दुनिया प्रभावित हो सकती है। हर सदी में इस तरह का तूफान एक बार आता है। अगर इस सदी में इस तरह का कोई सौर तूफान पृथ्वी से टकराता है तो कई उपग्रहों के साथ ऊर्जा संयंत्रों को नुकसान हो सकता है।

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