एजेंसी, काबुल।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sat, 21 Aug 2021 06:30 AM IST
सार
अफगानिस्तान में सत्ता हस्तांतरण के लिए पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई की अध्यक्षता वाली काउंसिल नई सरकार का खाका तैयार करने के लिए सभी गुटों से बातचीत कर रही है
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विस्तार
पंजशीर घाटी के जशीर में नॉर्दर्न अलायंस के सरदार अहमद मसूद और तालिबान के वार्ताकारों के बीच बातचीत चल रही है। दोनों गुटों के बीच समझौता होने की संभावना जताई जा रही है। दरअसल मूसद गुट के साथ जुड़े पूर्व अफगान उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर भागने के बाद खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया था।
सूत्रों का कहना है कि सालेह इस बातचीत के जरिये अफगान सत्ता में साझेदारी हासिल करने की कोशिश में हैं। उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान में सत्ता हस्तांतरण के लिए पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई की अध्यक्षता वाली काउंसिल नई सरकार का खाका तैयार करने के लिए सभी गुटों से बातचीत कर रही है।
करजई की इसी काउंसिल में नॉर्दर्न अलायंस से जुड़े रहे अफगानिस्तान के पूर्व चीफ एग्जीक्यूटिव और तालिबान के साथ वार्ता कर चुकी टीम के मुखिया रहे अब्दुल्ला अब्दुल्ला भी शामिल हैं। एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी रविवार को काबुल दौरे पर जाएंगे और नई सरकार के गठन को लेकर चर्चा करेंगे।
अमेरिका का मोस्ट वांटेड आतंकी हक्कानी गुट का सरगना खलील हक्कानी काबुल में खुलेआम घूम रहा है। खलील पर अमेरिकी ने 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया हुआ है। बृहस्पतिवार को हक्कानी ने अफगानिस्तान में इस्लामी अमीरात के गठन की घोषणा की थी।
खलील हक्कानी दिवंगत सरगना जलालउद्दीन हक्कानी का भाई है। इस्लामी अमीरात की घोषणा के समय मस्जिद में हजारों लोगों ने हक्कानी का समर्थन किया था। हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में कई बड़े हमले किए थे।
हालांकि मसूद गुट से जुड़े सूत्रों का कहना है कि तालिबान अगर पंजशीर पर हमला करता है तो वे जवाब देने को तैयार हैं। पंजशीर अब तालिबान के विरोध का गढ़ और केंद्र बन गया है। अहमद मसूद ने विदेशी ताकतों से भी तालिबान के खिलाफ मदद मांगी है।
तालिबान प्रमुख के पाक सेना के संरक्षण में होने के संकेत
अफगानिस्तान में उथल-पुथल के बीच तालिबान के मुखिया हैबतुल्ला अखुंदजदा की मौजूदगी को लेकर अटकलें जारी हैं। विदेशी खुफिया जानकारी का अध्ययन कर रहे भारत सरकार के एक अधिकारी ने अखुंदजदा के पाकिस्तान की फौज के संरक्षण में होने का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि अखुंदजदा पिछले छह माह से तालिबान के अग्रिम पंक्ति के नेताओं के साथ नहीं दिखा है।