Jupiter Transit In Pisces: अप्रैल के महीने में सभी 9 ग्रहों का राशि परिवर्तन होने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र में ऐसी घटना बहुत ही दुर्लभ और सैकड़ों वर्षों के बाद ही होती है। इस महीने में चंद्रमा से लेकर मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, सूर्य, राहु और केतु सभी दूसरी राशि में गोचर करेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रहों और नक्षत्रों का समय-समय पर स्थान परिवर्तन देश-दुनिया के साथ सभी राशियों के जातकों के जीवन को प्रभावित करता है। ग्रहों के राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी राशियों के ऊपर अलग-अलग होता है। कुछ राशियों पर शुभ तो कुछ पर अशुभ प्रभाव देखने को मिलता है।
12 वर्ष बाद स्वराशि मीन में देवगुरु बृहस्पति
ज्योतिष के नजरिए से अपैल का महीना बहुत खास रहने वाला होगा। अप्रैल के महीने में जहां हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2079 शुरू हो चुका है वहीं इसी महीने शनि, राहु-केतु और गुरु का राशि परिवर्तन देखने को मिलेगा। इस सभी में सबसे ज्यादा शुभ फल देने वाले देवगुरु करीब 12 वर्षों के बाद स्वयं की राशि मीन में वापसी करने जा रहे हैं। गुरु वर्तमान में कुंभ राशि में विराजमान है। गुरु के स्वराशि में परिवर्तन से इसका प्रभाव सभी जातकों पर पड़ेगा।
अप्रैल में कब करेंगे गुरु मीन राशि में गोचर
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु किसी एक राशि में करीब 13 महीनों तक रहते है फिर उसके बाद राशि परिवर्तन करते हैं। इस वर्ष गुरु 13 अप्रैल,बुधवार को सुबह के समय करीब 11 बजकर 23 मिनट पर मीन राशि में गोचर करेंगे। मीन राशि गुरु की स्वराशि है। इस राशि में गुरु बहुत अच्छे और शुभ परिणाम देते हैं। गुरु के किसी एक राशि में करीब 13 महीने तक रहने के कारण मीन राशि में दोबारा लगभग 12 वर्षों बाद वापसी हो रही है। आइए जानते हैं कि साल 2022 में गुरु ग्रह की ज्योतषीय गणनाएं…
– देवगुरु बृहस्पति साल 2022 के शुरूआत से ही कुंभ राशि में मौजूद है।
– फरवरी 2022 में गुरु शनि की राशि कुंभ में अस्त हो गए थे।
– फिर इसके बाद 20 मार्च 2022 को गुरु का उदय हुआ था
– अब इसके बाद 13 अप्रैल 2022 को गुरु स्वयं की राशि में मीन राशि में आ जाएंगे।
– गुरु के 12 वर्षों बाद स्वयं की राशि मीन में गोचर करने के बाद 29 जुलाई 2022 को मीन राशि में ही वक्री हो जाएंगे।
– साल के अंत में यानी 24 नवंबर 2022 को गुरु मीन राशि में मार्गी हो जाएंगे।
मीन राशि वालों के लिए यह गोचर शुभ
जैसे कि हम आपको पहले बता चुके हैं कि गुरु किसी एक राशि में लगभग 13 महीनों तक रहते हैं। ऐसे में गुरु पिछले 2 वर्षों से शनि की राशि मकर और कुंभ में ही विराजमान हैं। अब 13 अप्रैल को गुरु शनि के प्रभाव में रहने वाली राशियों से मुक्ति होकर स्वयं की राशि मीन में आ जाएंगे जिसे मीन राशि के जातकों पर इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। गुरु के स्वराशि में आने से मीन राशि के जातकों के जीवन पर अब से सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। 12 वर्षों पर मीन राशि में गुरु का होना भाग्य में वृद्धि का संकेत है। 13 अप्रैल के बाद मीन राशि में गुरु का आना इस राशि के जातकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
13 अप्रैल के बाद इन दो राशियों पर गुरु की द्दष्टि
ज्योतिष गणना के अनुसार 13 अप्रैल के बाद गुरु के स्वराशि मीन में आ जाने की वजह से कर्क राशि पर उच्च की द्दष्टि जबकि वृ्श्चिक राशि के जातकों के ऊपर मित्र द्दष्टि रहेगी। इस तरह से इन दो राशियों के जातकों को कार्यों में लगातार आने वाले संकट दूर हो जाएंगे। कार्यों में लगातार सफलताएं मिलने लगेंगी। दांपत्य जीवन में सुख की प्राप्ति होगी। धन लाभ होगा। भाग्य का साथ मिलने से समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी और धार्मिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।