न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Sun, 26 Dec 2021 12:29 AM IST
सार
पीएम मोदी ने इसके साथ ही बुजुर्गों व फ्रंट लाइन वर्करों को बूस्टर डोज देने की भी घोषणा की है। आइये जानते हैं, इससे पहले उन्होंने इस मौके पर कब क्या बड़े कदम उठाए थे।
राष्ट्र के नाम पीएम मोदी का संबोधन
– फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
पीएम मोदी ने इसके साथ ही बुजुर्गों व फ्रंट लाइन वर्करों को बूस्टर डोज देने की भी घोषणा की है। आइये जानते हैं, इससे पहले उन्होंने इस मौके पर कब क्या बड़े कदम उठाए थे।
2015 में अचानक लाहौर यात्रा की, नवाज शरीफ के परिवार में शादी में पहुंचे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर 2015 को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से भारत लौटते वक्त अचानक लाहौर पहुंचकर पूरी दुनिया को चौंका दिया था। उस वक्त नवाज शरीफ के परिवार में उनकी पोती की शादी का आयोजन था। पीएम ने पाकिस्तान के आसमान से गुजरते वक्त अचानक तत्कालीन पीएम शरीफ को फोन किया और लाहौर में उतरने की मंशा जताई। शरीफ ने तुरंत हामी भर दी और पीएम मोदी की इस सौजन्य भेंट व कूटनीतिक पहल की जमकर तारीफ हुई थी। पाकिस्तान से दिल्ली लौटने पर पीएम मोदी अटलजी से मिलने सीधे उनके घर गए थे।
25 दिसंबर 2014 की थी अटलजी को भारत रत्न देने की घोषणा
मई 2014 में देश की बागडोर संभालने के छह माह बाद ही यानी 25 दिसंबर 2014 पीएम मोदी ने अटलजी को देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ देने का एलान किया था। 27 मार्च 2015 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पूर्व पीएम अटलजी को उनके घर पर जाकर यह सम्मान दिया था।
सुशासन दिवस की शुरुआत भी इसी दिन की गई
मोदी सरकार ने अटलजी के जन्मदिन 25 दिसंबर को देशभर में ‘सुशासन दिवस’ मनाने की शुरुआत भी 2014 से की गई। तब से यह दिन मनाया जा रहा है। सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए यह पहल की गई है। हर साल 25 दिसंबर को भारत सरकार सुशासन दिवस (Good Governance Day) मनाती है।