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अंग प्रत्यारोपण: मुंबई के प्रथमेश को लगाया गुजरात के युवक का हाथ और अंगुलियां

एजेंसी, मुंबई
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 25 Feb 2022 06:08 AM IST

सार

फेसबुक पर प्रथमेश ने हाथ ट्रांसप्लांट से संबंधित एक वीडियो देखा। उन्होंने कमेंट के जरिये इसके संबंध में जानकारी जुटानी शुरू की। इसके बाद एक अस्पताल परिवार के संपर्क में आया। अहमदाबाद में दान किए गए हाथों को एक चार्टर उड़ान से 10 फरवरी को मुंबई लाया गया।

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टायर फैक्टरी में काम करते समय प्रथमेश तावड़े (22) पिछले साल अप्रैल में घातक दुर्घटना के शिकार हो गए थे। उन्हें बायां हाथ और दाएं हाथ की तीन अंगुलियां गंवानी पड़ी थीं। अब परेल स्थित ग्लोबल अस्पताल के चिकित्सकों ने गुजरात के अहमदाबाद के एक मृत मस्तिष्क (ब्रेनडेड) 28 वर्षीय युवक का हाथ उन्हें प्रत्यारोपित कर दिया है।

टायर फैक्टरी में काम करते समय प्रथमेश का हाथ मशीन में फंस गया था। उनका बायां हाथ काफी ऊपर तक काटना पड़ा था और दाएं हाथ की तीन अंगुलियां भी नहीं बच पाई थीं। उपनगर भांडुप के एक अस्पताल में शुरुआती इलाज के बाद उन्होंने दो महीने पहले हाथ प्रत्यारोपण के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था।

तावड़े परिवार को नौ फरवरी को अस्पताल से मिली कॉल में बताया गया कि अहमदाबाद में अंगों की एक जोड़ी दान की गई है। फेसबुक पर प्रथमेश ने हाथ ट्रांसप्लांट से संबंधित एक वीडियो देखा। उन्होंने कमेंट के जरिये इसके संबंध में जानकारी जुटानी शुरू की। इसके बाद एक अस्पताल परिवार के संपर्क में आया। अहमदाबाद में दान किए गए हाथों को एक चार्टर उड़ान से 10 फरवरी को मुंबई लाया गया। इन्हें एक विशेष द्रव में डुबोने के बाद बर्फ में सावधानीपूर्वक सुरक्षित रख लिया गया। 

डॉक्टरों की टीम ने 13 तक की जटिल सर्जरी
प्रथमेश की जटिल सर्जरी 13 घंटे चली। इसमें प्लास्टिक सर्जन, हाथ, माइक्रोवस्कुलर, ऑर्थोपैडिक विभाग एनेस्थियोलॉस्टिस्ट्स की एक बड़ी टीम शामिल थी। ग्लोबल अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ कंसलटेंट नीलेश सतभाई ने कहा कि यह काफी चुनौतीपूर्ण थी। प्रथमेश बायां हाथ बुरी तरह क्षतिग्रस्त था। इसलिए शुरू में दायीं ओर आंशिक ट्रांसप्लांट किया गया। 

रक्त और एचएलए का मिलान महत्वपूर्ण
डॉ. सतभाई ने बताया कि हाथ के प्रत्यारोपण से पहले हम दानदाता और पाने वाले ब्लड ग्रुप और एचएलए (ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन) का मिलान करते हैं। प्रत्यारोपण की प्रक्रिया से पहले हम सुनिश्चित करते हैं कि दोनों का क्रॉसमैच निगेटिव हो। उन्होंने बताया कि प्रथमेश तेजी से ठीक हो रहे हैं। उनका दायां हाथ जल्दी काम करना शुरू कर देगा, जबकि बाएं हाथ को पूरी तरह ठीक होने में करीब नौ महीने का समय लगने का अनुमान है।

विस्तार

टायर फैक्टरी में काम करते समय प्रथमेश तावड़े (22) पिछले साल अप्रैल में घातक दुर्घटना के शिकार हो गए थे। उन्हें बायां हाथ और दाएं हाथ की तीन अंगुलियां गंवानी पड़ी थीं। अब परेल स्थित ग्लोबल अस्पताल के चिकित्सकों ने गुजरात के अहमदाबाद के एक मृत मस्तिष्क (ब्रेनडेड) 28 वर्षीय युवक का हाथ उन्हें प्रत्यारोपित कर दिया है।

टायर फैक्टरी में काम करते समय प्रथमेश का हाथ मशीन में फंस गया था। उनका बायां हाथ काफी ऊपर तक काटना पड़ा था और दाएं हाथ की तीन अंगुलियां भी नहीं बच पाई थीं। उपनगर भांडुप के एक अस्पताल में शुरुआती इलाज के बाद उन्होंने दो महीने पहले हाथ प्रत्यारोपण के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था।

तावड़े परिवार को नौ फरवरी को अस्पताल से मिली कॉल में बताया गया कि अहमदाबाद में अंगों की एक जोड़ी दान की गई है। फेसबुक पर प्रथमेश ने हाथ ट्रांसप्लांट से संबंधित एक वीडियो देखा। उन्होंने कमेंट के जरिये इसके संबंध में जानकारी जुटानी शुरू की। इसके बाद एक अस्पताल परिवार के संपर्क में आया। अहमदाबाद में दान किए गए हाथों को एक चार्टर उड़ान से 10 फरवरी को मुंबई लाया गया। इन्हें एक विशेष द्रव में डुबोने के बाद बर्फ में सावधानीपूर्वक सुरक्षित रख लिया गया। 

डॉक्टरों की टीम ने 13 तक की जटिल सर्जरी

प्रथमेश की जटिल सर्जरी 13 घंटे चली। इसमें प्लास्टिक सर्जन, हाथ, माइक्रोवस्कुलर, ऑर्थोपैडिक विभाग एनेस्थियोलॉस्टिस्ट्स की एक बड़ी टीम शामिल थी। ग्लोबल अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ कंसलटेंट नीलेश सतभाई ने कहा कि यह काफी चुनौतीपूर्ण थी। प्रथमेश बायां हाथ बुरी तरह क्षतिग्रस्त था। इसलिए शुरू में दायीं ओर आंशिक ट्रांसप्लांट किया गया। 

रक्त और एचएलए का मिलान महत्वपूर्ण

डॉ. सतभाई ने बताया कि हाथ के प्रत्यारोपण से पहले हम दानदाता और पाने वाले ब्लड ग्रुप और एचएलए (ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन) का मिलान करते हैं। प्रत्यारोपण की प्रक्रिया से पहले हम सुनिश्चित करते हैं कि दोनों का क्रॉसमैच निगेटिव हो। उन्होंने बताया कि प्रथमेश तेजी से ठीक हो रहे हैं। उनका दायां हाथ जल्दी काम करना शुरू कर देगा, जबकि बाएं हाथ को पूरी तरह ठीक होने में करीब नौ महीने का समय लगने का अनुमान है।

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