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ईडी का खुलासा : नवाब ने कौड़ियों के भाव में खरीदी 300 करोड़ की जमीन, इसी सौदे की वजह से हुई है गिरफ्तारी

सार

ईडी ने विशेष कोर्ट में कहा, मंत्री नवाब मलिक ने कथित रूप से मुनिरा प्लंबर से 300 करोड़ रुपये का प्लाट कुछ लाख रुपये में एक कंपनी के जरिये हड़पा था। इस कंपनी का नाम सॉलिड्स इन्वेस्टमेंट प्रा.लि. है और कंपनी का मालिक मलिक परिवार है।

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एनसीपी प्रवक्ता व महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की गिरफ्तारी के पीछे कुर्ला में जमीन की डील की एक पुरानी कहानी है। यह जमीन उन्होंने अंडरवर्ल्ड से संबंधों के चलते कौड़ियों की कीमत पर हथियाया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मलिक की गिरफ्तारी के बाद इस कहानी का पर्दाफाश कर बताया कि कैसे 300 करोड़ की जमीन की डील मलिक ने महज कुछ लाख रुपये में कर ली।

ईडी ने विशेष कोर्ट में कहा, मंत्री नवाब मलिक ने कथित रूप से मुनिरा प्लंबर से 300 करोड़ रुपये का प्लाट कुछ लाख रुपये में एक कंपनी के जरिये हड़पा था। इस कंपनी का नाम सॉलिड्स इन्वेस्टमेंट प्रा.लि. है और कंपनी का मालिक मलिक परिवार है।

आरोप लगाया कि मलिक यह कंपनी भगोड़े डॉन दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर और डी गैंग के अन्य सदस्यों के सहयोग से चलाते रहे हैं। इस संबंध में मुनिरा प्लंबर ने ईडी को दिए बयान में बताया कि कुर्ला में गोवाला कंपाउंड में उनका 3 एकड़ का प्लॉट था। इस जमीन पर अवैध कब्जे को खाली कराने और विवादों को निपटाने के लिए सलीम पटेल ने उससे पांच लाख रुपये लिए थे।

लेकिन उसने यह जमीन थर्ड पार्टी को बेच दी जबकि सलीम को कभी प्रापर्टी को बेचने के लिए नहीं कहा था। यही नहीं, 18 जुलाई 2003 को जमीन के मालिकाना हक ट्रांसफर करने से संबंधित कागज पर ही हस्ताक्षर नहीं किया था। उन्हें इस बात की भनक नहीं थी कि सलीम पटेल ने यह जमीन किसी दूसरे को बेच दी है।

वहीं, इस जमीन से जुड़े कागजातों को खंगालने के बाद ईडी को पता चला कि इसके पीछे सरदार शाहवली खान है जो 1993 के मुंबई बम धमाके का आरोपी है। वह डाटा और मकोका के तहत औरंगाबाद की जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। शाहवली खान ने ईडी को बताया था कि सलीम पटेल भगोड़े डॉन दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर का करीबी था। हसीना के निर्देश पर ही सलीम ने मुनिरा की जमीन के बारे में सभी फैसले लिए थे।

अंडरवर्ल्ड के डर से मुनिरा ने नहीं दर्ज कराई शिकायत
मुनिरा ने ईडी को बताया कि जब उसे पता चला कि सलीम पटेल अंडरवर्ल्ड से जुड़ा है तो वह डर गई थी। क्योंकि उनके परिवार की जान को खतरा था। उस दौरान उसे धमकियां भी मिलने लगी थी जिससे उसकी जमीन पर दिलचस्पी कम हो गई। उसने जांच एजेंसी को बताया कि साल 2021 में मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से उसे यह पता चला कि उसकी जमीन बिक गई है। हालांकि उसे अधिकारियों के पत्र भी मिल रहे थे जिससे वह निश्चिंत थी कि कानूनी रूप से वही जमीन की मालिक है।

अब नवाब मलिक के भाई कप्तान से पूछताछ करेगा ईडी, भेजा समन
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक के भाई कप्तान मलिक को दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन भेजा है। ईडी के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि कप्तान मलिक को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा गया है। विशेष पीएमएलए कोर्ट ने बुधवार को नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग मामले और भगोड़े दाऊद इब्राहिम के साथ कथित संबंधों के चलते तीन मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया था।

बेखौफ होकर बोलते हैं मेरे पिता, इसलिए केंद्रीय जांच एजेंसियां हमारे पीछे पड़ी
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक की गिरफ्तारी पर उनकी बेटी निलोफर मलिक ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, एनसीपी नेता मलिक बेखौफ होकर अपनी बात कहते हैं, इसलिए केंद्रीय जांच एजेंसियां हमारे परिवार के पीछे पड़ी थीं।

उन्होंने कहा, ‘पिछले दो-तीन महीने से हम सुन रहे थे, ईडी कर्रवाई कर सकता है। मेरे पिता ने कहा था, सावधान रहना। हमने सब कुछ ठीक किया है। मेरे पिता बेखौफ होकर बोलते हैं, इसलिए ईडी और नारकॉटिक्स ब्यूरो हमारे पीछे पड़े हैं।’

नवाब मलिक की बेटी ने कहा, उन्हें पूरा भरोसा है, उनके पिता जल्दी बाहर आएंगे। यह एक लंबी न्यायिक लड़ाई है। निलाफोर मलिक ने कहा, जब भी कोई मुसलिम सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका निभाता है, किसी डी-कंपनी से उसका नाम जोड़ दिया जाता है। यह अन्याय है।  

विशेष पीएमएलए कोर्ट ने बुधवार को नवाब मलिक को धन शोधन के एक मामले और भगोड़े दाऊद इब्राहिम के साथ कथित संबंधों के चलते तीन मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया था।     

भाजपाइयों ने प्रदर्शन कर मांगा नवाब मलिक का इस्तीफा
अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम से रिश्तों और धन शोधन के आरोप में गिरफ्तार महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुणे नगर निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उधर, मुंबई में अंडरवर्ल्ड से जुड़े कई अन्य स्थानों पर भी तलाशी अभियान चल रहा है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता नवाब मलिक को मुंबई की विशेष धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) कोर्ट ने बुधवार को 3 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया था। नवाब मलिक के अधिवक्ता तारिक सैयद ने मीडिया से कहा था कि वे हिरासत में पूछताछ के दौरान मलिक को दवाइयां साथ रखने व घर का खाना पहुंचाने की अनुमति अदालत से मांगेंगे। सूत्रों का कहना है कि मलिक पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं कर रहे हैं। गिरफ्तारी के बाद उन्होंने कहा था कि वे डरते नहीं हैं। उन्होंने अंगुलियों से विजय चिह्न भी बनाकर दिखाया था।

इस माह की शुरुआत में ईडी ने धन शोधन के सिलसिले में अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के मुंबई स्थित आवास पर छापा मारा था। हसीना से जुड़े नागपाड़ा के 10 ठिकानों पर तलाशी अभियान चला था। एजेंसी ने दाऊद के भतीजे और हसीना के बेटे अलीशाह पारकर व छोटा शकील के गुर्गे सलीम कुरैशी उर्फ सलीम फ्रूटिस से भी पूछताछ की थी।

दाऊद के भाई इकबाल कासकर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
धन शोधन के एक मामले में विशेष पीएमएलए अदालत ने बृहस्पतिवार को दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज कासकर की हिरासत की मांग नहीं की। कासकर की हिरासत समाप्त होने के बाद आज उसे विशेष जज एमजी देशपांडे के सामने पेश किया गया था।

 इससे पहले धन शोधन मामले में कासकर को विशेष पीएमएलए अदालत ने 18 फरवरी को एक सप्ताह के लिए ईडी की हिरासत में भेजा था। कुछ दिन पहले ईडी ने धन शोधन मामले में दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के आवास पर छापे मारी की थी। सूत्रों के मुताबिक अंडरवर्ल्ड से जुड़े कई ठिकानों पर 18 फरवरी को छापे मारे थे। 

पवार व ठाकरे चिट्ठी निकाल कर तय करें अबकी बार कौन जाएगा जेल: सोमैया
महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्त में आने के बाद भाजपा नेता किरीट सोमैया ने महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के 12 नेताओं के नाम जारी किए हैं। उन्होंने तंज कसा कि अब शरद पवार और उद्धव ठाकरे चिट्ठी निकालकर तय करें कि अबकी बार जेल कौन जाएगा। 

किरीट सोमैया ने कहा, पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख 100 करोड़ की वसूली से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले से ही जेल में हैं और अब अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक भी ईडी की कस्टडी में पहुंच गए हैं। इसके बाद बारी-बारी से एमवीए के दर्जनभर भ्रष्ट नेता सलाखों के पीछे होंगे।

उन्होंने शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी लपेटे में लिया। सोमैया यह बताना नहीं भूले कि रायगढ़ के कोरलई गांव में उद्धव की पत्नी रश्मि ठाकरे के नाम 19 बंगले हैं।

सोमैया ने जिन 12 नेताओं की सूची जारी की है उसमें एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के भतीजे अजित पवार के अलावा शिवसेना नेता व परिवहन मंत्री अनिल परब, सांसद संजय राउत, सुजीत पाटकर, सांसद भावना गवली, मंत्री हसन मुश्रीफ, आनंद अडसुल, विधायक प्रताप सरनाइक, आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड और शिवसेना विधायक रवींद्र वायकर शामिल हैं।

विस्तार

एनसीपी प्रवक्ता व महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की गिरफ्तारी के पीछे कुर्ला में जमीन की डील की एक पुरानी कहानी है। यह जमीन उन्होंने अंडरवर्ल्ड से संबंधों के चलते कौड़ियों की कीमत पर हथियाया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मलिक की गिरफ्तारी के बाद इस कहानी का पर्दाफाश कर बताया कि कैसे 300 करोड़ की जमीन की डील मलिक ने महज कुछ लाख रुपये में कर ली।

ईडी ने विशेष कोर्ट में कहा, मंत्री नवाब मलिक ने कथित रूप से मुनिरा प्लंबर से 300 करोड़ रुपये का प्लाट कुछ लाख रुपये में एक कंपनी के जरिये हड़पा था। इस कंपनी का नाम सॉलिड्स इन्वेस्टमेंट प्रा.लि. है और कंपनी का मालिक मलिक परिवार है।

आरोप लगाया कि मलिक यह कंपनी भगोड़े डॉन दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर और डी गैंग के अन्य सदस्यों के सहयोग से चलाते रहे हैं। इस संबंध में मुनिरा प्लंबर ने ईडी को दिए बयान में बताया कि कुर्ला में गोवाला कंपाउंड में उनका 3 एकड़ का प्लॉट था। इस जमीन पर अवैध कब्जे को खाली कराने और विवादों को निपटाने के लिए सलीम पटेल ने उससे पांच लाख रुपये लिए थे।

लेकिन उसने यह जमीन थर्ड पार्टी को बेच दी जबकि सलीम को कभी प्रापर्टी को बेचने के लिए नहीं कहा था। यही नहीं, 18 जुलाई 2003 को जमीन के मालिकाना हक ट्रांसफर करने से संबंधित कागज पर ही हस्ताक्षर नहीं किया था। उन्हें इस बात की भनक नहीं थी कि सलीम पटेल ने यह जमीन किसी दूसरे को बेच दी है।

वहीं, इस जमीन से जुड़े कागजातों को खंगालने के बाद ईडी को पता चला कि इसके पीछे सरदार शाहवली खान है जो 1993 के मुंबई बम धमाके का आरोपी है। वह डाटा और मकोका के तहत औरंगाबाद की जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। शाहवली खान ने ईडी को बताया था कि सलीम पटेल भगोड़े डॉन दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर का करीबी था। हसीना के निर्देश पर ही सलीम ने मुनिरा की जमीन के बारे में सभी फैसले लिए थे।

अंडरवर्ल्ड के डर से मुनिरा ने नहीं दर्ज कराई शिकायत

मुनिरा ने ईडी को बताया कि जब उसे पता चला कि सलीम पटेल अंडरवर्ल्ड से जुड़ा है तो वह डर गई थी। क्योंकि उनके परिवार की जान को खतरा था। उस दौरान उसे धमकियां भी मिलने लगी थी जिससे उसकी जमीन पर दिलचस्पी कम हो गई। उसने जांच एजेंसी को बताया कि साल 2021 में मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से उसे यह पता चला कि उसकी जमीन बिक गई है। हालांकि उसे अधिकारियों के पत्र भी मिल रहे थे जिससे वह निश्चिंत थी कि कानूनी रूप से वही जमीन की मालिक है।

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