स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: शक्तिराज सिंह
Updated Tue, 08 Feb 2022 08:28 AM IST
सार
कोविड संक्रमण से बचने के लिए चीन सरकार ने सख्त नियम बनाए हैं। खिलाड़ियों को तय सीमा में ही घूमने का आदेश दिया गया है। यहां हजारों एथलीट बबल में हैं, जो शीतकालीन ओलंपिक में भाग ले रहे हैं।
चीन का शहर
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
बीजिंग में शुरू शीतकालीन ओलंपिक खेलों में कोविड संक्रमण से बचने के लिए चीन ने तैयारियां पुख्ता कर रखी हैं। बीजिंग की 2.2 करोड़ आबादी को कोरोनो से सुरक्षित रखने के लिए चीन ने शहर के अंदर एक ऐसे शहर का निर्माण किया है, जहां कोई भी बाहर का व्यक्ति खिलाड़ियों के संपर्क में न आए।
कोविड प्रोटोकाल के तहत चीन ने आदेश दे रखा है कि एथलीट व उनके सदस्य बाहर के नागरिकों से नहीं मिलेंगे। यहां पर ठहरे हुए लोगों की मदद व सेवाएं देने के लिए रोबोट हैं। मानव संपर्क को कम करने के लिए खाना खिलाने से लेकर होटल में सर्विस देने के लिए रोबोट ही काम कर रहे हैं।
दो महीने तक बबल में रहेंगे हजारों एथलीट
चीन आयोजकों के मुताबिक, ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों के लिए हजारों एथलीट और सहायक कर्मी दो महीने के लिए बबल में रहेंगे। यहां पर कोरोना के मामले बीजिंग राजधानी के बाहरी जिले यानकिंग और हेबेई प्रांत के झांगजियाको शहर में फैला है। इसलिए बबल बनाए गए। देश-विदेश से आए एथलीट एक विशेष वाहनों से तय सीमा (क्लोज्ड लूप) के अंदर घूमेंगे। स्थानीय निवासियों को भी निर्देश दिया गया है कि वे दुर्घटना की स्थिति में भी खिलाड़ियों से दूर रहेंगे।
तकनीक पर है चीन को ज्यादा भरोसा
मिली जानकारी के अनुसार, चीन ने आयोजक स्थलों पर स्लीपिंग पाड्स से लेकर खाना देने तक की सेवा देने के लिए तकनीक पर भरोसा कर रहा है। मेहमानों का स्वागत करने के लिए रोबोट मौजूद हैं। होटल के कमरों में सेवाएं देने के लिए रोबोट लगे हैं। खाने का पैकेट भी वहीं खोलकर दे रहे हैं। दरअसल, चीन कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरों को लेकर लापरवाही नहीं बरतना चाहता है। इसलिए ओलंपिक के आयोजन के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल के कड़े इंतजाम किए हैं। इस बारे में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थामस बाख का मानना है कि खिलाड़ियों व नागरिकों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी कदम हैं।
19 हजार वालंटियर्स भी मौजूद
यहां पर बनाए गए बबल में पत्रकारों व खिलाड़ियों की मदद के लिए करीब 19 हजार वालंटियर्स की भी मदद ली जा रही है। ये सभी पिछले तीन महीने से बबल में हैं। बता दें कि 4 जनवरी से क्लोज-लूप सिस्टम लागू होने के बाद से भी नए मामले सामने आ रहे हैं। अब तक 435 लोगों का हवाई अड्डे पर और लूप के अंदर परीक्षण हुआ है, जिसमें से 142 एथलीट या राष्ट्रीय टीम के सदस्य हैं।