एक बार फिर से कोरोना ने नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को रूप में देश में पांव पसार लिए हैं। ऐसे में संक्रमण को रोकने के लिए जगह-जगह पाबंदियां लगाई जा रही हैं। जिसकी वजह से बने बनाए प्लान कैंसिल हो रहे हैं। राजधानी दिल्ली में भी संक्रमण के खतरे को देखते हुए येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है, जिसके तहत किसी भी शादी समारोह में अधिकतम 20 लोगों के ही शामिल होने की गाइडलाइन्स जारी की गई है। ऐसे में जिन लोगों कि शादी की पूरी तैयारी कर ली गई थी, उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। मैरिज हॉल, फार्म हाउस आदि की बुकिंग में लाखों का खर्च होता है। ऐसे में कई पार्टी कैंसिलेशन पर पैसा लौटाने से मना कर देती हैं। अगर आप भी ऐसी ही किसी परिस्थिति में फंसे हैं तो घबराएं नहीं, देश में कई इंश्योरेंस कंपनियां हैं जो वेडिंग इंश्योरेंस बेचती हैं। जिनका मकसद शादी कैंसिल होने से लेकर जेवर चोरी होने तक और शादी के अचानक बाद एक्सीडेंट होने पर आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराना होता है।
- इस इंश्योरेंस से निश्चित रूप से शादी में होने वाले खर्च का बोझ थोड़ा कम हो जाता है। इसमें कुछ कंपनियां पहले से पैकेज तैयार रखती हैं, जबकि कुछ इंश्योरेंस कंपनियां जरूरत के हिसाब से भी पैकेज ऑफर करती हैं।
- अब आप सोच रहे होंगे की आखिर इंश्योरेंस किन चीजों पर मिलेगा। ये कंपनियां शादी के लिए बुक किए हुए किसी हॉल या रिसॉर्ट के एडवांस पैसे, होटल की एडवांस बुकिंग पेमेंट, ट्रैवल एजेंसियों को दिया गया एडवांस, सजावट और म्यूजिक के लिए, शादी के कार्ड छपने पर दी गई पेमेंट, शादी के वेन्यू सेट से लेकर अन्य सजावट पर इंश्योरेंस मुहैया कराती है। भारत में एचडीएफसी अर्गो, फ्यूचर जनराली, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस जैसी कंपनियां वेडिंग इंश्योरेंस कराती हैं।
- दरअसल, वेडिंग इंश्योरेंस का सम एश्योर्ड आपने कितने का बीमा कराया है इस पर तय होता है। खास बात ये है कि शादी की तारीख बदलने पर भी दावा क्लेम किया जा सकता हैं। आमतौर पर प्रीमियम आपके इंश्योर्ड राशी से सिर्फ 0.7 फीसदी से लेकर दो फीसदी तक ही लगता है। जैसे, अगर आपने दस लाख रुपए का वेडिंग इंश्योरेंस कराया है तो आपको इसके लिए केवल 7,500 से 15,000 रुपए तक का प्रीमियम देना पड़ेगा।
क्या है पूरा प्रोसेस
- इस इंश्योरेंस को लेते समय आपको शादी के पहले के खर्च से लेकर शादी के लोकेशन तक की सारी जानकारी इंश्योरेंस एजेंसी को जरूर दें। साथ ही नुकसान होने पर तुरंत अपनी इंश्योरेंस कंपनी को इसकी जानकारी दें। यदि आपका सामान चोरी हुआ है तो इसकी जानकारी पुलिस को दें और इंश्योरेंस कंपनी को एफआईआर की कॉपी सौंपे।
- क्लेम करने के लिए आपको फॉर्म भरना होगा और उसे अपने सभी कागज़ात के साथ जमा करना होगा। इसके बात जांच पड़ताल के लिए इंश्योरेंस कंपनी से रिप्रजेंटेटिव भेजकर पूरी जानकारी ली जाएगी और उसके बाद ही क्लेम किए हुए पैसे वापस मिलेंगे।
- इसके साथ ही हर बीमा की तरह इसे भी लेते समय सारे नियम अच्छी तरह से समझ लें और देख लें कि किन-किन चीजों पर कवर मिल रहा है।
