ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Wed, 16 Feb 2022 01:52 PM IST
सार
Vastu Tips For Home: व्यक्ति के घर और आसपास अगर सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है तो उस व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है और वहीं अगर व्यक्ति के आस पास नकारात्मक ऊर्जाएं रहती है तो उसके जीवन में उससे कई तरह की परेशानियां, बीमारियां, कष्ट और कलह आदि से मुकाबला करना पड़ता है।
vastu tips: ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति वैवाहिक जीवन और संतान सुख के कारक होते हैं। ऐसे में आप अपने घर मध्य भाग के वास्तु दोष को दूर कर संतान सुख का आनंद प्राप्त कर सकते हैं।
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विस्तार
वास्तु शास्त्र के अनुसार दो तरह की ऊर्जाएं होती है एक सकारात्मक और दूसरी नकारात्मक। मनुष्य के जीवन में इन ऊर्जाओं का प्रभाव भी पड़ता है। व्यक्ति के घर और आसपास अगर सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है तो उस व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है और वहीं अगर व्यक्ति के आस पास नकारात्मक ऊर्जाएं रहती है तो उसके जीवन में उससे कई तरह की परेशानियां, बीमारियां, कष्ट और कलह आदि से मुकाबला करना पड़ता है। वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व होता है और इन दिशा पर किसी न किसी देवता का आधिपत्य जरूर होता है। दोनों तरह की ऊर्जाएं तभी घर में प्रवेश करती है जब दिशाओं में कोई विशेष चीज को रखा जाता है। दिशा में रखी गई वस्तु से अगर उस दिशा के देवता प्रसन्न होते हैं तो वहां पर सकारात्मक ऊर्जा रहती और वहीं अगर उस दिशा के देवता नाराज होते हैं तो वहां पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रहता है। आम व्यक्ति को इन सब चीजों की जानकारी बहुत ही कम होती जिससे वह यह जान सके कि उसका घर वास्तु शास्त्र के अनुसार ठीक है या नहीं। या फिर घर के किस कोने में कौन सा वास्तु दोष है। ऐसे में आज हम आपको इस बारे में बताने जा रहे हैं कि घर के किस दिशा में कौन सा वास्तु दोष है।
घर में संतान न होने का दोष
कई परिवारों में विवाह होने के वर्षों बाद तक कोई संतान नहीं हो पाती और पति-पत्नी संतान सुख से वंचित रहते हैं। वास्तु शास्त्र में बताया गया कि जिस घर में संतान सुख पाने का अभाव रहता है उस घर के मध्य भाग में कोई वास्तु दोष होता है। घर के मध्य हिस्से पर भगवान बृहस्पति और भगवान ब्रह्रा का आधिपत्य होता है। ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति वैवाहिक जीवन और संतान सुख के कारक होते हैं। ऐसे में आप अपने घर मध्य भाग के वास्तु दोष को दूर कर संतान सुख का आनंद प्राप्त कर सकते हैं।
लगातार काम बिगड़ने का दोष
अक्सर यह देखने में आता है कि कोई व्यक्ति किसी काम को पूरी मेहनत और लगन से करता है लेकिन फिर भी उसे उस काम में सफलता नहीं मिलती या फिर आखिरी मौके पर बना बनाया काम बिगड़ जाता है। ऐसा होने का मतलब है उस व्यक्ति के घर के मध्य भाग में किसी तरह का कोई वास्तु दोष मौजूद है। दरअसल घर के मध्य भाग में अगर कोई भारी वस्तु या शौचालय मौजूद है तो यहां पर हमेशा नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है जिस कारण से व्यक्ति के काम में लगातार बाधाएं आती हैं।
धन का संचय न होना
कई बार आप खून-पसीना बहाकर लगातार मेहनत करते हुए धन अर्जित करते है, लेकिन इसके बावजूद आपको हमेशा आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा धन का संचय भी नहीं हो पाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार इस तरह की परेशानी होने का मतलब है आपके घर के नैऋत्य कोण ( दक्षिण-पश्चिम दिशा) में वास्तु दोष है। वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण-पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार या खिड़की नहीं होनी चाहिए।
सेहत संबंधी समस्या
जिन घरों में अक्सर परिवार के सदस्य बीमार रहते हैं उनके घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में कोई वास्तु दोष हो सकता है।
मनमुटाव का कारण
जब अक्सर परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारी में आपका किसी न किसी से मनमुटाव रहता हो तो इसका मतलब आपके घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में कोई न कोई वास्तु संबंधी दोष है। आप इसे फौरन दूर कर राहत पा सकते हैं।