वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कीव
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Sat, 26 Feb 2022 10:38 AM IST
सार
जेलेंस्की की जान की जोखिम को देखते हुए अमेरिका ने उन्हें कीव छोड़ने की सलाह दी थी। इस काम में अमेरिका ने मदद की पेशकश भी की थी। जेलेंस्की ने यह मदद लेने से इनकार कर दिया है।
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विस्तार
यूक्रेन में निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी जंग के बीच राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने एलान किया है कि वह रणभूमि नहीं छोड़ेंगे। रूस ने उन्हें ‘दुश्मन नंबर 1’ करार दिया है। कीव पर कब्जे की कोशिश में जुटा रूस किसी भी वक्त इसमें कामयाब होने के बाद जेलेंस्की व अन्य शीर्ष नेताओं को हिरासत में ले सकता है।
सेना को हथियार डालने को नहीं कहा
40 सेकंड की ताजा वीडियो क्लिप में जेलेंस्की ने जो बातें कहीं हैं उसके अनुसार उन्होंने जंग को लेकर आनलाइन चल रही उन सूचनाओं को गलत बताया कि मैंने सेना को हथियार डालने को कहा है। उन्होंने कहा कि कई फर्जी खबरें चल रही हैं। देश छोड़ने या झुकने का सवाल नहीं है। हम यहीं हैं और हमारे देश की रक्षा करेंगे। इससे पहले जारी वीडियो संदेश में उन्होंने कहा था कि ‘हम यहां हैं। हमारी फौज भी यहां हैं। हमारे नागरिक भी यहां हैं। हम यहां अपनी आजादी की रक्षा के लिए हैं। हम अपने देश की रक्षा कर रहे हैं और ऐसे ही करते रहेंगे। इस वीडियो में उनके साथ प्रधानमंत्री, चीफ ऑफ स्टाफ और राष्ट्रपति भवन के कुछ अन्य अधिकारी भी हैं।
Не вірте фейкам. pic.twitter.com/wiLqmCuz1p
— Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) February 26, 2022
जेलेंस्की की जान की जोखिम को देखते हुए अमेरिका ने उन्हें कीव छोड़ने की सलाह दी थी। इस काम में अमेरिका ने मदद की पेशकश भी की थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जेलेंस्की ने अमेरिका की यह मदद लेने से इनकार कर दिया है। वॉशिंगटन पोस्ट ने खबर दी है कि अमेरिका ने कई सप्ताह पूर्व ही जेलेंस्की को निजी जोखिम से अवगत करा दिया था। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के निदेशक विलियम जे बर्न्स ने जनवरी में जेलेंस्की से मुलाकात की थी। उन्होंने जेलेंस्की को चेताया था कि वह अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर हो जाएं।
अब चूंकि कीव पर कब्जे की जंग चल रही है, इसलिए अमेरिका ने फिर से जेलेंस्की से कहा था कि अमेरिका उन्हें वहां से सुरक्षित निकालने में मदद कर सकता है, ताकि उन्हें गिरफ्तार करने या हत्या से बचाया जा सके। अमेरिकी संसद की खुफिया समिति के अध्यक्ष एडम बी शिफ ने कहा है कि हम उन्हें न केवल रूसी आक्रमण के खतरे के बारे में आगाह कर रहे हैं, बल्कि निजी खतरे के प्रति भी चेता रहे हैं। हम किसी भी तरह से उनकी मदद करना चाहते हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि जनवरी से ही रूस की टीम कीव में मौजूद है। उसके इशारे पर ही रूस ने यह सैन्य कार्रवाई छेड़ी है।