यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस अब फुटबॉल के मैदान पर घिरता जा रहा है। उसे 28 मई को सबसे बड़े क्लब टूर्नामेंट चैंपियंस लीग के फाइनल की मेजबानी सेंट पीटर्सबर्ग में करनी थी। इसके अलावा मार्च में फीफा वर्ल्ड कप क्वालीफायर के मैच खेलने हैं। उसे पोलैंड, स्वीडन और चेक गणराज्य के खिलाफ खेलना है। इन तीनों देशों ने यूक्रेन पर हमले के कारण रूस में खेलने से इनकार किया है। वहीं, चैंपियंस लीग का फाइनल सेंट पीटर्सबर्ग की जगह इंग्लैंड की राजधानी लंदन में आयोजित होने की संभावना है।
रूस 24 मार्च को विश्व कप के प्लेऑफ सेमीफाइनल में पोलैंड की मेजबानी करने वाला है। अगर वह मैच जीत लेता है तो उसे 29 मार्च को स्वीडन और चेक गणराज्य के बीच होने वाले मैच के विजेता से खेलना होगा। उस मुकाबले की मेजबानी भी रूस को ही करनी है। पोलैंड, स्वीडन और चेक गणराज्य के फुटबॉल संघ ने एक साझा बयान जारी किया।
तीनों संघों ने कहा, “पोलैंड, स्वीडन और चेक गणराज्य के फुटबॉल संघों ने प्लेऑफ मैच को लेकर अपनी स्थिति साफ कर दी है। हम किसी भी कीमत पर रूसी संघ के क्षेत्र में खेलने नहीं जाएंगे। सैन्य अभियान के गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं। हमारे लिए राष्ट्रीय फुटबॉल टीमों और आधिकारियों की सुरक्षा जरूरी है। हम फीफा और यूईएफए के फैसलों का इंतजार कर रहे हैं।”
गुरुवार (24 फरवरी) को हुए यूरोपा लीग के मैचों में कई क्लबों ने रूस का विरोध किया। स्पेन की बड़ी टीम बार्सिलोना और इटली की टीम नेपोली के बीच हुए मैच के दौरान यह देखने को मिलेगा। मुकाबला शुरू होने से पहले दोनों टीमों के खिलाड़ी एक साथ एक बैनर लेकर खड़े हुए। उस पर लिखा था- नो वॉर। बार्सिलोना ने मैच को 4-2 से जीत लिया। पहले लेग और दूसरे लेग को मिलाकर वह कुल 5-3 के स्कोर के साथ प्री-क्वार्टरफाइनल में पहुंच गया।
ग्रीस के काराईसकाकी स्टेडियम में ओलंपिकोस और इटली के क्लब अटलांटा के बीच एक अन्य मुकाबला खेला गया। इसमें अटलांटा ने 3-0 से जीत हासिल की। पहले लेग और दूसरे लेग को मिलाकर वह कुल 5-1 के स्कोर के साथ प्री-क्वार्टरफाइनल में पहुंच गया। दूसरे लेग में अटलांटा के लिए यूक्रेन के रुस्लान मालिनोवस्की ने गोल किया। गोल करने के बाद उन्होंने जर्सी ऊपर की ओर उठाई। नीचे एक सफेद रंग की बनियान पर लिखा था- यूक्रेन में युद्ध नहीं हो।