टीम कुक ने अपने एक ट्वीट में कहा है, ‘मैं यूक्रेन की स्थिति से बहुत चिंतित हूं। हम वहां अपनी टीमों के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं और स्थानीय मानवीय प्रयासों का समर्थन करेंगे। मैं उन लोगों के बारे में सोच रहा हूं जो अभी नुकसान के रास्ते में हैं और उन सभी में शामिल हो रहे हैं जो शांति का आह्वान कर रहे हैं।’
अमेरिका ने रूस के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध
रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका ने अपने यहां के प्रोडक्ट का रूस में निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका ने यह प्रतिबंध उन प्रोडक्ट पर भी लगाया है जिनके ब्रांड रूस के हैं, लेकिन प्रोडक्शन अमेरिका में होता है। इस प्रतिबंध से अमेरिकन कंपनियों को भारी नुकसान हो सकता है।
अमेरिका ने ये प्रतिबंध अमेरिकी व्यापार कानून के तहत लगाए हैं। अमेरिकी कंपनियों को अब कंप्यूटर, सेंसर, लेजर, नेविगेशन उपकरण, और दूरसंचार, एयरोस्पेस और समुद्री उपकरण रूस को बेचने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना होगा। अमेरिका ने इसी तरह का प्रतिबंध कुछ साल पहले चाइनीज कंपनी हुवावे पर लगाया था जिससे हुवावे को काफी नुकसान हुआ।
इस प्रतिबंध से रूस को कितना नुकसान होगा?
कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक कई कंपनियां रूस को सभी तक की बिक्री ना करने का विकल्प चुन सकती हैं। लॉ फर्म विगिन एंड डाना के पार्टनर डैन गोरेन ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाले एक क्लाइंट ने गुरुवार को ही एक रूसी डिस्ट्रीब्यूटर को शिपमेंट भेज दिया है। बता दें कि अमेरिका से रूस में निर्यात पिछले साल लगभग 6.4 बिलियन डॉलर तक था।
अमेरिका का यह प्रतिबंध तकनीकी रूप से रूस को फिलहाल कुछ ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सकता है, लेकिन जिस तरह से ब्रिटेन, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड रूस के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, उससे रूस को जरूर भारी नुकसान हो सकता है।
सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन (एसआईए) जो कि यूएस चिपमेकर्स का प्रतिनिधित्व करता है, ने कहा है कि रूस सेमीकंडक्टर्स का एक महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष उपभोक्ता नहीं है। सेमीकंडक्टर के इस्तेमाल पर रूस का कुल खर्च 25 बिलियन डॉल का है, जबकि इसका वैश्विक बाजार ट्रिलियन डॉलर का है।