वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Wed, 23 Feb 2022 12:38 PM IST
सार
यूक्रेन संकट के मद्देनज़र अफ्रीकी देशों की एक अहम बैठक बीच में ही छोड़कर यूएन मुख्यालय लौटे गुटेरेस ने मंगलवार को न्यूयार्क मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि मौजूदा संकट पूरी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए एक परीक्षा की तरह है, जिसमें पूरी दुनिया को खरा उतरना होगा…
यूक्रेन संकट को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने दुनिया के लिए एक गंभीर चुनौती बताया है साथ ही दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों की स्वतंत्रता को कथित तौर पर रूस की ओर से मान्यता दिए जाने को यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का हनन बताया है। यूएन प्रमुख ने इस अहम क्षण में तत्काल युद्धविराम और क़ानून के राज को फिर से स्थापित किये जाने की अपील की है।
संपर्क रेखा पर युद्धविराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ीं
यूक्रेन संकट के मद्देनज़र अफ्रीकी देशों की एक अहम बैठक बीच में ही छोड़कर यूएन मुख्यालय लौटे गुतारेस ने मंगलवार को न्यूयार्क मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि मौजूदा संकट पूरी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए एक परीक्षा की तरह है, जिसमें पूरी दुनिया को खरा उतरना होगा। उन्होंने कहा कि संपर्क रेखा पर युद्धविराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं और जमीन पर हालात और ख़राब होने की आशंका है।
यूएन महासचिव के मुताबिक़ रूस की ओर से इस तरह का एकतरफ़ा कदम यूएन चार्टर और उसके सिद्धांतों के खिलाफ है और यूएन के मैत्रीपूर्ण संबंध घोषणापत्र की भावना के भी विपरीत हैं। उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा परिषद द्वारा समर्थित मिंस्क समझौतों पर घातक चोट है। यूएन प्रमुख ने सभी पक्षों से ऐसी कार्रवाई व बयानों से परहेज़ बरतने का आग्रह किया है जिनसे हालात और बिगड़ सकते हैं। उन्होंने जोर दिया कि संवाद और बातचीत के जरिये ही समस्या का समाधान होना चाहिए।
जायज है शांति सेना का इस्तेमाल
शांति सेनाओं के इस्तेमाल को यूएन ने जायज और आम लोगों की रक्षा करने की दिशा में अहम भूमिका निभाने वाला बताया है और कहा है कि यूएन को इन शांति सैनिकों पर गर्व है जो आम लोगों की हिफाजत के लिए अपनी शहादत देते हैं। लेकिन उन्होंने रूस पर यह कहकर गंभीर टिप्पणी की ‘जब किसी एक देश की सैन्य टुकड़ियां, किसी अन्य देश के क्षेत्र में बिना उसकी अनुमति के प्रवेश करती हैं, तो वे निष्पक्ष शांतिरक्षक नहीं हैं और उन्हें किसी भी हाल में शांतिरक्षक नहीं कहा जा सकता।‘
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, सुरक्षा परिषद और महासभा के प्रासंगिक प्रस्तावों के अनुरूप, यूक्रेन की संप्रभुता, राजनैतिक स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के समर्थन में साथ खड़ा है। महासचिव गुतारेस ने कहा कि यूक्रेन के लोगों का अपने मानवीय अभियानों व मानवाधिकारों की रक्षा के प्रयासों के ज़रिए हमारा समर्थन लगातार जारी रहेगा। उन्होंने बिना खून खराबे के इस संकट को सुलझाने के लिये हरसंभव कोशिश करने का संकल्प दोहराया है।
विस्तार
यूक्रेन संकट को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने दुनिया के लिए एक गंभीर चुनौती बताया है साथ ही दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों की स्वतंत्रता को कथित तौर पर रूस की ओर से मान्यता दिए जाने को यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का हनन बताया है। यूएन प्रमुख ने इस अहम क्षण में तत्काल युद्धविराम और क़ानून के राज को फिर से स्थापित किये जाने की अपील की है।
संपर्क रेखा पर युद्धविराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ीं
यूक्रेन संकट के मद्देनज़र अफ्रीकी देशों की एक अहम बैठक बीच में ही छोड़कर यूएन मुख्यालय लौटे गुतारेस ने मंगलवार को न्यूयार्क मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि मौजूदा संकट पूरी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए एक परीक्षा की तरह है, जिसमें पूरी दुनिया को खरा उतरना होगा। उन्होंने कहा कि संपर्क रेखा पर युद्धविराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं और जमीन पर हालात और ख़राब होने की आशंका है।
यूएन महासचिव के मुताबिक़ रूस की ओर से इस तरह का एकतरफ़ा कदम यूएन चार्टर और उसके सिद्धांतों के खिलाफ है और यूएन के मैत्रीपूर्ण संबंध घोषणापत्र की भावना के भी विपरीत हैं। उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा परिषद द्वारा समर्थित मिंस्क समझौतों पर घातक चोट है। यूएन प्रमुख ने सभी पक्षों से ऐसी कार्रवाई व बयानों से परहेज़ बरतने का आग्रह किया है जिनसे हालात और बिगड़ सकते हैं। उन्होंने जोर दिया कि संवाद और बातचीत के जरिये ही समस्या का समाधान होना चाहिए।
जायज है शांति सेना का इस्तेमाल
शांति सेनाओं के इस्तेमाल को यूएन ने जायज और आम लोगों की रक्षा करने की दिशा में अहम भूमिका निभाने वाला बताया है और कहा है कि यूएन को इन शांति सैनिकों पर गर्व है जो आम लोगों की हिफाजत के लिए अपनी शहादत देते हैं। लेकिन उन्होंने रूस पर यह कहकर गंभीर टिप्पणी की ‘जब किसी एक देश की सैन्य टुकड़ियां, किसी अन्य देश के क्षेत्र में बिना उसकी अनुमति के प्रवेश करती हैं, तो वे निष्पक्ष शांतिरक्षक नहीं हैं और उन्हें किसी भी हाल में शांतिरक्षक नहीं कहा जा सकता।‘
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, सुरक्षा परिषद और महासभा के प्रासंगिक प्रस्तावों के अनुरूप, यूक्रेन की संप्रभुता, राजनैतिक स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के समर्थन में साथ खड़ा है। महासचिव गुतारेस ने कहा कि यूक्रेन के लोगों का अपने मानवीय अभियानों व मानवाधिकारों की रक्षा के प्रयासों के ज़रिए हमारा समर्थन लगातार जारी रहेगा। उन्होंने बिना खून खराबे के इस संकट को सुलझाने के लिये हरसंभव कोशिश करने का संकल्प दोहराया है।
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