पीटीआई, लंदन
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Sat, 01 Jan 2022 09:46 PM IST
सार
ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री एनी-मैरी ट्रेवेलियन के इसी माह भारत आने की उम्मीद है। उनकी यात्रा के दौरान ही भारत व ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर औपचारिक वार्ता शुरू होने की उम्मीद है।
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विस्तार
ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री एनी-मैरी ट्रेवेलियन के इसी माह भारत आने की उम्मीद है। उनकी यात्रा के दौरान ही भारत व ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर औपचारिक वार्ता शुरू होने की उम्मीद है।
ब्रिटेन के ‘द टाइम्स’ न्यूज पेपर ने खबर दी है कि ट्रेवेलियन इस यात्रा के दौरान भारत की बड़ी मांग को पूरा करते हुए भारतीयों के लिए आव्रजन नियमों में प्रस्तावित ढील को लेकर बड़ा एलान कर सकती हैं। उन्हें ब्रिटेन के विदेश मंत्री लिज ट्रस का समर्थन प्राप्त है। ट्रस ने चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों को सरकार के शीर्ष एजेंडे पर रखा है।
ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने पिछले साल मई में विदेश मंत्री जयशंकर के साथ परस्पर प्रवासन और आवाजाही साझेदारी समझौता (MMP) किया था। इसमें दोनों देशों के करीब 3000 विद्यार्थियों व पेशेवरों को एक साल का वीजा देने का प्रावधान है, ताकि वे दोनों देशों में काम का अनुभव हासिल कर सकें। इस करार के तहत दोनों पक्ष वीजा की नई प्रणाली को लागू करने के लिए अप्रैल 2022 तक लंदन में उच्चायोग और नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय में इंतजाम करने पर भी सहमत हुए थे।
एक अन्य आव्रजन योजना पर भी काम चल रहा है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के साथ ब्रिटेन के एफटीए की तरह प्रावधान हो सकते हैं। इससे युवा भारतीयों को ब्रिटेन में तीन साल तक रहने व काम करने का मौका मिल सकता है। टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अन्य विकल्प छात्रों के लिए वीजा शुल्क में कटौती करने का होगा। इससे उन्हें ग्रेजुएट होने के बाद कुछ समय के लिए ब्रिटेन में रहने की अनुमति मिल जाएगी।
वर्क और टूरिज्म वीजा की फीस में भी कटौती हो सकती है। वर्तमान में किसी भारतीय नागरिक को वर्क वीजा के लिए 1400 ब्रिटिश पाउंड (1.41 लाख रुपये से ज्यादा) खर्च करने पड़ते हैं, जबकि विद्यार्थियों को 348 पाउंड (35 हजार रुपये) और पर्यटकों को 95 पाउंड (9500 रुपये से अधिक) खर्च करने पड़ते हैं।
यह दरें चीन के लिए वीजा फीस की तुलना में बहुत अधिक हैं। चीनी नागरिकों को ब्रिटिश वीजा पाने के लिए बहुत कम पैसा देना होता है। भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद करण बिलिमोरिया भारतीयों के लिए वीजा फीस कम करने की पुरजोर मांग उठा रहे हैं। वह कॉन्फेडरेशन आफ ब्रिटिश इंडस्ट्री के अध्यक्ष हैं।