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Then and Now: मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद बदल गया स्मृति ईरानी का पूरा लुक, मॉडलिंग के दिनों में दिखती थीं ऐसी

“क्योंकि सास भी कभी बहू थी” से प्रसिद्ध हुईं स्मृति जुबिन ईरानी आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। स्मृति मोदी सरकार में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय संभाल रही हैं। राजनीति में अपना परचम लहराने से पहले स्मृति ईरानी अभिनय की दुनिया पर राज किया करती थीं। उन्हें रामायण, थोड़ी सी जमीन थोड़ा सा आसमान जैसे लोकप्रिय धारावाहिक में काम करते देखा गया है। लेकिन पॉलिटिक्स में कदम रखने के बाद अभिनेत्री का लुक पूरी तरह से बदल गया है। आज अभिनेत्री के 46वें जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी Then & Now तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं।

ब्यूटी पेजेंट से की शुरुआत

स्मृति ईरानी ने करियर की शुरुआत 10वीं की परीक्षा के बाद ही कर दी थी। वह पैसे कमाने के लिए ब्यूटी प्रोडक्ट्स का प्रचार करने लगी थीं, इसके बाद उन्होंने 1998 के मिस इंडिया पेजेंट में हिस्सा लिया। स्मृति ईरानी का करियर तब शुरू हुआ जब वह 1998 के मिस इंडिया पेजेंट में फाइनलिस्ट बनीं। इसके बाद उन्होंने कई मॉडलिंग प्रोजेक्टस किए। ब्यूटी पेजेंट में एक प्रतियोगी होने से लेकर टेलीविजन क्वीन बनने तक का उनका ये सफर आसान नहीं था।

क्योंकि सास भी कभी बहू थी से मिली लोकप्रियता

स्मृति ईरानी को मॉडलिंग के बाद एकता कपूर का शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ सीरियल में काम करने का मौका मिला। उन्होंने साल 2000 में टेलीविजन पर कदम रखा। बाद में उन्होंने कई अन्य टीवी शो किए, लेकिन जब तक उन्होंने राजनीति में प्रवेश नहीं किया, तब तक दर्शकों ने उन्हें तुलसी से आगे कभी नहीं देखा।

राजनीति की शुरुआत 

स्मृति साल 2003 में भाजपा से जुड़ीं और इसी के साथ उन्होंने राजनीति में कदम रखा। उन्होंने यह फैसला तब लिया था, जब वह एक बोल्ड अभिनेत्री होने के लिए सुर्खियों में आई थीं। स्मृति ईरानी ने अपना पहला चुनाव मजबूत दावेदार और अनुभवी कांग्रेस उम्मीदवार कपिल सिब्बल के खिलाफ लड़ा। हालांकि वह हार गईं थीं, पर फिर भी भाजपा ने स्मृति ईरानी को महाराष्ट्र यूथ विंग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया। 

एक दमदार नेता  

साल 2014 के आम चुनावों में, स्मृति ने उत्तर प्रदेश के अमेठी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा और उन्हें उनके गृह क्षेत्र में कड़ी टक्कर दी। उन्होंने राहुल गांधी की साख  पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जो लोग अपने निर्वाचन क्षेत्र का विकास नहीं कर सकते, उन्हें देश के विकास के बारे में नहीं बोलना चाहिए। उनकी ईमानदारी, कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें कैबिनेट में एक मजबूत स्थान दिलाया।

  

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