न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Thu, 16 Dec 2021 07:53 PM IST
सार
83 तेजस एमके1ए के लिए इन प्रणालियों की आपूर्ति के ऑर्डर को बेंगलुरु और पंचकुला स्थित बीईएल की दो डिवीजनों द्वारा पूरा किया जाएगा।
तेजस लड़ाकू विमान
– फोटो : भारतीय वायु सेना
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विस्तार
आर. माधवन बोले, तालमेल का बेहतरीन उदाहरण
साल 2023 से 2028 तक के इस अनुबंध में क्रिटिकल एवियोनिक्स लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट्स (एलआरयू), फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर्स और नाइट फ्लाइंग एलआरयू की आपूर्ति शामिल है। एचएएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर आर. माधवन ने कहा कि एलसीए तेजस कार्यक्रम एचएएल जैसे भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और बीईएल के बीच तालमेल का बेहतरीन उदाहरण है।
माधवन ने कहा कि एचएएल स्वदेशी उत्पादों के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं, बीईएल के सीएमडी आनंदी रामलिंगम ने कहा कि हमें प्रतिष्ठित एलसीए तेजस कार्यक्रम के लिए एचएएल से ऑर्डर मिलने की बेहद खुशी है और हम एचएएल के साथ मजबूत भागेदारी और संयुक्त सफलता कायम रखने के प्रति आशान्वित हैं।
83 तेजस एमके1ए के आपूर्ति
83 तेजस एमके1ए के लिए इन प्रणालियों की आपूर्ति के ऑर्डर को बेंगलुरु और पंचकुला स्थित बीईएल की दो डिवीजनों द्वारा पूरा किया जाएगा। अनुबंध में शामिल सभी सामग्री बीईएल द्वारा एचएएल को लगाने के लिए तैयार हालत में दी जाएंगी।
83 तेजस एमके1ए आर्डर के तहत वायुसेना को आपूर्ति वित्त वर्ष 2023-24 से शुरू होगी। ये विमान स्वदेशी फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर्स और एयर डाटा कंप्यूटर्स से लैस होंगे जिनकी आपूर्ति भी इसी अनुबंध के तहत बीईएल द्वारा की जाएगी। इन प्रणालियों का डिजाइन और विकास डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं और बेंगलुरु स्थित एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने किया है।